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क्या गले लगने से सच में दूर हो सकती हैं बीमारियां? जानिए ‘जादू की झप्पी’ का विज्ञान

  • May 6, 2025
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हम सभी ने कभी न कभी “मुन्ना भाई MBBS” फिल्म देखी होगी, जिसमें संजय दत्त का किरदार ‘जादू की झप्पी‘ यानी एक सच्चे दिल से दी गई झप्पी

क्या गले लगने से सच में दूर हो सकती हैं बीमारियां? जानिए ‘जादू की झप्पी’ का विज्ञान

हम सभी ने कभी न कभी “मुन्ना भाई MBBS” फिल्म देखी होगी, जिसमें संजय दत्त का किरदार ‘जादू की झप्पी‘ यानी एक सच्चे दिल से दी गई झप्पी को हर बीमारी का इलाज मानता है। फिल्म भले ही काल्पनिक हो, लेकिन उसमें दिखाया गया यह विचार आज वैज्ञानिक रूप से भी अपनी सच्चाई साबित कर रहा है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि ‘हग थेरैपी’ या गले लगने की प्रक्रिया वास्तव में हमारे शरीर और मस्तिष्क दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

हग थेरैपी क्या है?

हग थेरैपी यानी किसी व्यक्ति को सच्चे दिल से गले लगाना, ताकि उसे भावनात्मक सहारा मिल सके। यह प्रक्रिया तनाव, अकेलापन, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं को कम करने में बेहद कारगर मानी जाती है। इसमें किसी दवा की जरूरत नहीं होती, बस एक सच्चे भावनात्मक स्पर्श से इंसान को राहत मिलती है। यह थेरैपी न सिर्फ मरीजों को राहत देती है, बल्कि किसी के दिन को भी बेहतर बना सकती है।

विज्ञान क्या कहता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो जब हम किसी को गले लगाते हैं, तो हमारे शरीर में कुछ खास हार्मोन रिलीज होते हैं जो सीधे तौर पर हमारे मूड और भावनाओं को प्रभावित करते हैं। आइए जानें कि गले लगाने से शरीर में क्या-क्या सकारात्मक बदलाव आते हैं:

1. ऑक्सिटोसिन हार्मोन का स्राव बढ़ता है

जब हम किसी को गले लगाते हैं, तो हमारे शरीर में ‘ऑक्सिटोसिन’ नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इसे लव हार्मोन (Love Hormone) या हैप्पीनेस हार्मोन भी कहा जाता है। यह हार्मोन सुकून और अपनापन पैदा करता है। इससे व्यक्ति को भावनात्मक सहारा मिलता है, चिंता कम होती है और रिश्तों में मजबूती आती है।

2. ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन में संतुलन आता है

रिसर्च के मुताबिक, जो लोग रोजाना अपने करीबी लोगों को गले लगाते हैं, उनका ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है और हार्ट रेट भी स्थिर होता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। इसका कारण यह है कि गले लगाने पर शरीर में स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ की मात्रा घटती है, जिससे दिल पर कम दबाव पड़ता है।

3. तनाव और डिप्रेशन में राहत

गले लगाने से न केवल मानसिक तनाव कम होता है बल्कि डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों में भी राहत मिलती है। यह प्रक्रिया कोर्टिसोल को घटाकर दिमाग को रिलैक्स करती है। इसलिए जब कोई दुखी होता है और उसे झप्पी मिलती है, तो उसका मूड अचानक बेहतर हो जाता है। वैज्ञानिक इसे “इमोशनल डिफ्यूजर” मानते हैं।

4. बच्चों को मिलती है सुरक्षा और आत्मविश्वास

बच्चों के लिए तो झप्पी एक वरदान के समान है। जब माता-पिता अपने बच्चों को प्यार से गले लगाते हैं, तो उन्हें एक गहरी सुरक्षा की भावना मिलती है। यह उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और उनका मानसिक विकास भी बेहतर होता है। एक रिसर्च में पाया गया कि जिन बच्चों को ज्यादा झप्पी मिलती है, वे स्कूल और समाज में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

5. रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार

गले लगाने से शरीर की इम्यूनिटी भी बेहतर होती है। जब हम इमोशनली अच्छा महसूस करते हैं, तो हमारा शरीर भी बीमारियों से लड़ने में ज्यादा सक्षम होता है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय से बीमार हैं या जिनका इलाज लंबे समय से चल रहा है।

क्या वाकई मरीज झप्पी से ठीक हो सकते हैं?

यह सवाल काफी दिलचस्प है और इसका जवाब पूरी तरह से “हां” या “नहीं” नहीं है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हग थेरैपी कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है, लेकिन यह इलाज का पूरक (Supplement) जरूर है। उदाहरण के लिए, अगर कोई मरीज लंबे समय से डिप्रेशन या अकेलेपन से जूझ रहा है, तो उसे गले लगाना उसके मन को शांति देता है, उम्मीद बढ़ाता है और सकारात्मक ऊर्जा भरता है।

मरीज की मानसिक स्थिति ठीक रहेगी, तो उसका शरीर भी इलाज को बेहतर तरीके से रिस्पॉन्ड करेगा। यही कारण है कि अब कई अस्पतालों में “सपोर्टिव थेरैपी” के तौर पर हग थेरैपी को शामिल किया जा रहा है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और मानसिक रोगियों के लिए यह बेहद उपयोगी पाई गई है।

किसे और कब नहीं गले लगाना चाहिए?

हालांकि हग थेरैपी फायदेमंद है, लेकिन यह भी जरूरी है कि इसे समझदारी से अपनाया जाए। यदि सामने वाला व्यक्ति शारीरिक रूप से असहज हो, उसे संक्रमण की आशंका हो, या वह भावनात्मक रूप से तैयार न हो, तो उसे जबरदस्ती गले लगाना सही नहीं है। इसलिए झप्पी तभी दें जब सामने वाला भी इसके लिए सहमत हो।

निष्कर्ष: क्या आप भी अपनाएंगे जादू की झप्पी?

इस व्यस्त और तनावभरी दुनिया में ‘जादू की झप्पी’ यानी हग थेरैपी, किसी टॉनिक से कम नहीं है। यह एक सस्ती, सरल और असरदार थेरैपी है जिसे हर कोई आसानी से अपना सकता है। जब भी आपका कोई करीबी दुखी हो, बीमार हो, या अकेला महसूस कर रहा हो—बस उसे प्यार से गले लगाइए। यह छोटा सा कदम उसकी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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