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ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण क्या हैं? कैसे करें पहचान?

  • May 5, 2025
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ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसकी पहचान अक्सर उसके अंतिम चरण में होती है। लेकिन यदि इसके लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो

ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण क्या हैं? कैसे करें पहचान?

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसकी पहचान अक्सर उसके अंतिम चरण में होती है। लेकिन यदि इसके लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इलाज की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्रेन ट्यूमर क्या है, इसके शुरुआती लक्षण क्या होते हैं, यह कैसे बढ़ता है और किन सावधानियों से इसे समय पर पकड़ा जा सकता है।

ब्रेन ट्यूमर क्या होता है?

ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं का एक असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ना होता है, जो धीरे-धीरे मस्तिष्क के अन्य हिस्सों पर दबाव बनाता है और सामान्य कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है। यह ट्यूमर कैंसरयुक्त (मैलिग्नेंट) भी हो सकता है और गैर-कैंसरयुक्त (बेनाइन) भी। लेकिन दोनों ही स्थितियों में यह व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।

क्यों मुश्किल है ब्रेन ट्यूमर की शुरुआती पहचान?

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण बेहद सूक्ष्म और सामान्य होते हैं, जिससे शुरुआत में इसकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है। शुरुआती लक्षण अक्सर सिरदर्द, थकान या चिड़चिड़ापन जैसे आम परेशानियों जैसे लगते हैं। यही वजह है कि लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और जांच में देरी हो जाती है। जब तक ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि होती है, तब तक यह काफी बढ़ चुका होता है।

ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण

नीचे दिए गए लक्षण अगर लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए:

1. लगातार सिर दर्द

  • सुबह के समय तेज सिर दर्द होना
  • खांसने, छींकने या झुकने पर दर्द बढ़ना
  • दवाओं से राहत न मिलना

2. ध्यान केंद्रित करने में समस्या

  • पढ़ते या काम करते समय ध्यान जल्दी भटक जाना
  • किसी बात को याद रखने में परेशानी

3. देखने और सुनने में कठिनाई

  • धुंधली या दोहरी दृष्टि
  • एक या दोनों कानों से कम सुनाई देना

4. उल्टी या मतली

  • बिना कारण बार-बार उल्टी होना
  • विशेष रूप से सुबह के समय उल्टी की शिकायत

5. बोलने में कठिनाई

  • शब्दों को सही ढंग से न बोल पाना
  • बोलते समय जुबान लड़खड़ाना

6. मानसिक भ्रम और चिड़चिड़ापन

  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
  • बातों को बार-बार भूल जाना
  • व्यवहार में असामान्यता आना

7. संतुलन और चलने-फिरने में दिक्कत

  • चलते समय पैरों का लड़खड़ाना
  • बार-बार गिरने की स्थिति

8. दौरे या झटके पड़ना

  • अचानक से शरीर में कंपन आना
  • बेहोशी जैसी स्थिति उत्पन्न होना

9. मांसपेशियों में बदलाव

  • किसी अंग में सुन्नपन या झुनझुनी
  • मांसपेशियों में अकड़न या ऐंठन

ब्रेन ट्यूमर होने के कारण

  • अनुवांशिक कारण (Genetic Mutations)
  • सिर में पुरानी चोट या रेडिएशन
  • अधिक मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का प्रयोग (हालांकि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं)
  • कैंसर का मस्तिष्क में फैलना (Metastatic Brain Tumor)

इलाज की प्रक्रिया

ब्रेन ट्यूमर का इलाज इसके आकार, स्थान और प्रकार पर निर्भर करता है। इलाज के विकल्प निम्नलिखित हैं:

1. दवाएं

  • ट्यूमर की वृद्धि को रोकने वाली दवाएं दी जाती हैं
  • सूजन और दर्द कम करने के लिए स्टेरॉयड

2. सर्जरी

  • यदि ट्यूमर ऐसे हिस्से में है जहां ऑपरेशन संभव है, तो उसे निकाल दिया जाता है

3. रेडिएशन थेरेपी

  • उच्च ऊर्जा किरणों के माध्यम से ट्यूमर की कोशिकाएं नष्ट की जाती हैं

4. कीमोथेरेपी

  • कैंसरयुक्त ट्यूमर के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है

क्या करें और क्या न करें?

करना चाहिए:

  • नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं
  • सिरदर्द और अन्य लक्षणों को हल्के में न लें
  • संतुलित आहार लें और नींद पूरी करें
  • मोबाइल और लैपटॉप का सीमित उपयोग करें

नहीं करना चाहिए:

  • सिर दर्द को सामान्य समझकर नजरअंदाज न करें
  • बिना डॉक्टर की सलाह के पेन किलर बार-बार न लें
  • जांच और इलाज में देरी न करें

निष्कर्ष

ब्रेन ट्यूमर एक बेहद खतरनाक बीमारी हो सकती है, लेकिन यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और सही जांच व इलाज शुरू किया जाए, तो जीवन को बचाया जा सकता है। लोगों को इसके शुरुआती संकेतों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और खुद की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। याद रखें, समय पर की गई एक जांच आपकी जिंदगी बचा सकती है।

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