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Iran stood with India: पाकिस्तान को जलाने के लिए करेगा ये बड़ा कदम

  • May 2, 2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से तनाव लगातार बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी

Iran stood with India: पाकिस्तान को जलाने के लिए करेगा ये बड़ा कदम

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से तनाव लगातार बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी जटिल बना दिया है। इस हमले के बाद, जहाँ एक ओर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठे हैं, वहीं दूसरी ओर, ईरान जैसे मुस्लिम देशों ने भारत के प्रति अपनी समर्थन की भावना जाहिर की है। ईरान ने न केवल इस हमले की निंदा की है, बल्कि इस संघर्ष के समाधान में मध्यस्थता करने के अपने इरादे भी स्पष्ट किए हैं।

आखिरकार, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची भारत का दौरा करने वाले हैं, और इस दौरान वे पहलगाम हमले के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इस कदम को एक अहम विकास के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ईरान का भारत के प्रति समर्थन पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों की तुलना में अलग दिशा में है।

पहलगाम हमले का संदर्भ

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ एक बड़ी चुनौती पेश की थी। इस हमले को लेकर पाकिस्तान का नाम लगातार लिया जा रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। ईरान ने भी इसे एक अपराध करार देते हुए भारतीय सरकार के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया।

Iran stood with India

ईरान और भारत के बीच रिश्ते

भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक और मजबूत रिश्ते रहे हैं। दोनों देशों के बीच न केवल व्यापारिक संबंध हैं, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव भी गहरे हैं। ईरान, जहां अधिकतर मुसलमान शिया समुदाय के हैं, भारत के मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक साथी है। यही कारण है कि ईरान भारत के संघर्ष में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर संजीदा दिखता है और उसने कई बार भारत के पक्ष में बयान दिए हैं।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का भारत दौरा इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उनका यह दौरा भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय नेताओं के लिए एक अवसर होगा, जिससे वे द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर ईरान के दृष्टिकोण को समझ सकेंगे।

अराघची का भारत दौरा और मध्यस्थता की पहल

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के भारत दौरे की तारीख 8 मई बताई जा रही है। हालांकि, इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक, अराघची भारत सरकार के साथ पाकिस्तान और भारत के बीच शांति स्थापित करने के लिए मध्यस्थता की संभावना पर भी विचार करेंगे। यह कदम वैश्विक कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि ईरान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं।

अराघची के इस दौरे से यह स्पष्ट होगा कि ईरान, पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देने के बजाय, भारत के साथ मिलकर शांति और स्थिरता की दिशा में काम करना चाहता है। यह निश्चित रूप से पाकिस्तान के लिए एक संदेश हो सकता है, जो भारत के खिलाफ लगातार उकसावे वाले कदम उठाता है।

ईरान की मध्यस्थता की भूमिका

ईरान का मध्यस्थ बनने का प्रस्ताव भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सामान्य करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। अगर ईरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का रास्ता खोलने में सफल होता है, तो इससे क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा, ईरान द्वारा भारतीय दृष्टिकोण को समझने और पाकिस्तान के उकसावे वाले कदमों पर विचार करने का प्रयास, दक्षिण एशिया के लिए एक सकारात्मक दिशा हो सकता है।

पाकिस्तान के लिए संदेश

पाकिस्तान के लिए ईरान का भारत के पक्ष में खड़ा होना एक बड़ा संदेश हो सकता है। जहां एक ओर पाकिस्तान अन्य मुस्लिम देशों से समर्थन की उम्मीद करता है, वहीं ईरान ने स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में खड़ा होकर यह साबित कर दिया है कि भारत के प्रति ईरान की नीति बहुत स्पष्ट है। यह पाकिस्तान के लिए एक चुनौती हो सकती है, क्योंकि अब उसे अपने साथी देशों से समर्थन प्राप्त करना पहले से कहीं अधिक कठिन हो सकता है।

निष्कर्ष

ईरान का भारत के प्रति समर्थन एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है, जो दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा दे सकता है। ईरान का पाकिस्तान के उकसावे के खिलाफ भारत का समर्थन, न केवल भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को प्रभावित करेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकता है। आगामी दौरे में, अगर ईरान सफलतापूर्वक मध्यस्थता की पहल करता है, तो यह दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता का एक नया अध्याय खोल सकता है।

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