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सिंहाचलम मंदिर हादसा: दीवार गिरने से 8 श्रद्धालुओं की मौत, चंदनोत्सव के उल्लास में पसरा मातम

  • May 1, 2025
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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित प्रसिद्ध श्री वराहलक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में बुधवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। चंदनोत्सव के शुभ अवसर पर श्रद्धालु भारी संख्या में

सिंहाचलम मंदिर हादसा: दीवार गिरने से 8 श्रद्धालुओं की मौत, चंदनोत्सव के उल्लास में पसरा मातम

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित प्रसिद्ध श्री वराहलक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में बुधवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। चंदनोत्सव के शुभ अवसर पर श्रद्धालु भारी संख्या में मंदिर पहुंचे थे, लेकिन बारिश और तेज हवाओं के कारण मंदिर की हाल ही में बनी एक दीवार ढह गई, जिससे 8 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

यह हादसा मंदिर परिसर में उस समय हुआ जब सैकड़ों श्रद्धालु भगवान नरसिंह के दर्शन के लिए कतार में खड़े थे। देखते ही देखते दीवार गिर गई और उसके मलबे में कई लोग दब गए।

क्या है चंदनोत्सव?

चंदनोत्सव, श्री वराहलक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर का प्रमुख वार्षिक उत्सव है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इस उत्सव के दौरान भक्त भगवान को चंदन का लेप लगाकर पूजा करते हैं और मंदिर में विशेष आरती व अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।

इस पावन अवसर पर मंदिर की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर भारी भीड़ रहती है। मंदिर प्रशासन हर साल इस उत्सव की तैयारियों को लेकर विशेष इंतजाम करता है। लेकिन इस बार मौसम ने कहर बरपा दिया।

सिंहाचलम मंदिर हादसा

हादसे की वजह: बारिश और लापरवाही

प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसे का मुख्य कारण भारी बारिश और तेज हवाएं बताई गई हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता। मंदिर की जिस दीवार के गिरने से यह दुर्घटना हुई, वह हाल ही में बनाई गई थी और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने लगे हैं।

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि दीवार की नींव कमजोर थी और निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था।

मृतकों और घायलों की जानकारी

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, हादसे में 8 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है, जिनमें महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। वहीं 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल और अन्य नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है।

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है।

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू किया गया और मलबे से लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर किया गया।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने घटना पर शोक जताते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी निर्माण में लापरवाही बरती गई है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

सवालों के घेरे में मंदिर प्रशासन

इस हादसे के बाद मंदिर प्रशासन और ठेकेदार पर सवाल उठने लगे हैं। आम जनता और विपक्षी पार्टियों ने मांग की है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच हो और दोषियों को जेल भेजा जाए।

विशेष रूप से यह सवाल उठ रहा है कि क्या चंदनोत्सव जैसे बड़े आयोजन से पहले संरचनात्मक सुरक्षा की कोई जांच की गई थी? क्या मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद किसी तरह की तैयारी की गई थी?

श्रद्धालुओं में आक्रोश और शोक

इस हादसे से न केवल मंदिर परिसर में मातम पसरा है, बल्कि पूरे राज्य में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर भी लोग घटना को लेकर दुख और गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस तरह की लापरवाही ने आस्था को ठेस पहुंचाई है।

निष्कर्ष: श्रद्धा के पर्व में दर्दनाक हादसा

जहां एक ओर चंदनोत्सव जैसे धार्मिक उत्सव में श्रद्धालु ईश्वर के दर्शन और आशीर्वाद के लिए एकत्र होते हैं, वहीं इस तरह की दुर्घटनाएं प्रशासन की तैयारियों और जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े करती हैं।

यह हादसा हमें याद दिलाता है कि धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सरकार, मंदिर प्रशासन और संबंधित एजेंसियों को भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

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