पहलगाम हमले के विरोध में देशभर में आक्रोश, जयपुर में नमाज़ के बाद फूटा गुस्सा
- April 26, 2025
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कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे आक्रोश और शोक में डुबो दिया है। इस नृशंस हमले के विरोध में देशभर के
कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे आक्रोश और शोक में डुबो दिया है। इस नृशंस हमले के विरोध में देशभर के
कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे आक्रोश और शोक में डुबो दिया है। इस नृशंस हमले के विरोध में देशभर के कोने-कोने में गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
इसी क्रम में शुक्रवार, 25 अप्रैल को जुमे की नमाज के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम समुदाय द्वारा भी जोरदार विरोध प्रदर्शन किए गए। उन्होंने इस कायराना हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी मुस्लिम समाज के लोगों ने एकजुट होकर पहलगाम हमले के खिलाफ आवाज बुलंद की।
जयपुर में सुभाष चौक स्थित शिया जामा मस्जिद से पेश इमाम मौलाना सैयद नाज़िश अकबर काज़मी के नेतृत्व में एक मौन मार्च निकाला गया। इस मार्च में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अपने आक्रोश को व्यक्त किया। मार्च के बाद सुभाष चौक सर्किल पर विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जहां पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई और पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रदर्शन के दौरान “पाकिस्तान मुर्दाबाद”, “आतंकवाद मुर्दाबाद” जैसे नारे गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब समय आ गया है कि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश एकजुट है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी चाहे किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र से हों, उनका कोई इंसानियत से वास्ता नहीं है। इस लड़ाई में सभी समुदायों को मिलकर एकजुटता के साथ कदम उठाने की जरूरत है ताकि भारत को आतंकवाद के इस अभिशाप से मुक्त कराया जा सके।
प्रदर्शन के दौरान शिया समुदाय के प्रमुख मौलाना अली इमान नकवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जो लोग नाम पूछकर निर्दोष पर्यटकों पर गोलियां चला रहे थे, वे इंसान कहलाने के भी योग्य नहीं हैं। उनका किसी भी धर्म से कोई संबंध नहीं हो सकता, खासकर इस्लाम से तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि इस्लाम किसी भी सूरत में आतंकवाद, हिंसा या निर्दोष लोगों की हत्या की इजाजत नहीं देता।”
मौलाना नकवी ने आगे कहा कि इस्लाम का मूल संदेश शांति, भाईचारे और इंसानियत है। उन्होंने कहा कि आतंक के रास्ते पर चलने वाले लोगों ने इस्लाम के सिद्धांतों को पूरी तरह कलंकित किया है।
प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ हमले की निंदा की बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए। सुभाष चौक मस्जिद के पेश इमाम मौलाना सैयद नाजिश अकबर काज़मी ने कहा, “कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह का हमला होना बेहद चिंता का विषय है। वहां सुरक्षा के इतने इंतजाम क्यों नहीं थे कि आतंकवादी बेखौफ होकर हमला करके निकल गए?”
उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर सुरक्षा एजेंसियां इस हमले को रोकने में क्यों विफल रहीं? मौलाना काज़मी ने मांग की कि पहलगाम जैसी जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि देशवासी निश्चिंत होकर कहीं भी आ-जा सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं हमारे देश की अखंडता और शांति के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं, जिनसे निपटने के लिए सख्त कदम उठाने जरूरी हैं।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि अब आतंकवाद के खिलाफ केवल बयानबाजी नहीं बल्कि ठोस और निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि जो ताकतें भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दे रही हैं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी कायराना हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
देशभर से आ रही श्रद्धांजलियों और विरोध प्रदर्शनों से साफ है कि पूरा भारत पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। हर कोई अपने-अपने तरीके से आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा रहा है और यह दर्शा रहा है कि देशवासी आतंकवाद के किसी भी स्वरूप को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जयपुर का यह प्रदर्शन भी इसी राष्ट्रीय एकजुटता और दर्द का प्रतीक था, जहां इंसाफ और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की गई।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश भर में जो गुस्सा और शोक का माहौल है, उससे यह साफ हो गया है कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ने के लिए तैयार है। जयपुर के मुस्लिम समुदाय का यह प्रदर्शन न सिर्फ एक हमदर्दी का संदेश था बल्कि यह भी दिखाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश, हर धर्म, हर समुदाय एक साथ है। आने वाले दिनों में यह एकजुटता आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने में एक मजबूत हथियार साबित हो सकती है।
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