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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब जल प्रहार,पाकिस्तान को पानी के लिए तरसाएगा भारत

  • April 24, 2025
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22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 28 निर्दोष

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब जल प्रहार,पाकिस्तान को पानी के लिए तरसाएगा भारत

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला ऐसे समय पर हुआ जब भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही थी। इस अमानवीय कृत्य की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी ग्रुप द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।

भारत का सख्त रवैया

पहलगाम हमले के बाद भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि आतंक के हर वार का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। जैसे भारत ने पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, अब भारत ने इस कायराना हरकत का जवाब “वॉटर स्ट्राइक” से दिया है। भारत सरकार ने ऐसे कड़े कदम उठाए हैं जिससे पाकिस्तान की जीवनरेखा माने जाने वाली सिंधु नदी प्रणाली पर सीधा असर पड़ेगा।

उच्च स्तरीय बैठक और लिए गए फैसले

इस हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें कई अहम और कड़े फैसले लिए गए:

  1. सिंधु जल संधि निलंबित: 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते को भारत ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच जल बंटवारे की आधारशिला था।
  2. वाघा-अटारी सीमा बंद: भारत ने पाकिस्तान के साथ एकमात्र खुली ज़मीनी सीमा वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करने का फैसला लिया है, जिससे व्यापार और लोगों की आवाजाही पर प्रभाव पड़ेगा।
  3. दूतावास स्टाफ में कटौती: भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की संख्या कम करने का निर्णय लिया है और पाकिस्तान के सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया है।
  4. SAARC वीजा छूट योजना निलंबित: SAARC देशों के लिए लागू वीजा छूट योजना को पाकिस्तान के लिए निलंबित कर दिया गया है। पाकिस्तान के नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।

क्या है सिंधु जल समझौता?

सिंधु जल संधि वर्ष 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में संपन्न हुआ था। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच नदियों के जल के बंटवारे को लेकर किसी भी संभावित संघर्ष को टालना था।

इस समझौते के तहत:

  • पूर्वी नदियां — ब्यास, रावी और सतलुज — भारत को सौंपी गई थीं।
  • पश्चिमी नदियां — सिंधु, झेलम और चिनाब — पाकिस्तान को मिली थीं।
  • भारत को पश्चिमी नदियों के जल का सीमित उपयोग केवल सिंचाई, घरेलू जरूरतों और गैर-उपभोग वाले कार्यों के लिए करने की अनुमति थी।

अब भारत द्वारा इस संधि को निलंबित कर दिए जाने से, पाकिस्तान की जल आधारित प्रणाली पर भारी प्रभाव पड़ना तय है।


वॉटर स्ट्राइक से पाकिस्तान को क्या नुकसान?

  1. खेती पर गहरा असर: पाकिस्तान की करीब 80% खेती, जो लगभग 1.6 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है, सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है। अगर जल की आपूर्ति बाधित होती है, तो पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था ठप हो सकती है।
  2. जल संकट की आशंका: सिंधु बेसिन क्षेत्र में 61% पाकिस्तानी आबादी, यानी करीब 23.7 करोड़ लोग, इस प्रणाली पर निर्भर हैं। इससे देश में भयंकर जल संकट खड़ा हो सकता है।
  3. शहरों पर असर: कराची, लाहौर और मुल्तान जैसे बड़े शहरों को जल आपूर्ति इसी प्रणाली से होती है। इससे इन शहरी क्षेत्रों में अव्यवस्था और अशांति फैल सकती है।
  4. ऊर्जा उत्पादन बाधित: तरबेला और मंगला जैसे पाकिस्तान के प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं सिंधु नदी पर आधारित हैं। यदि जल प्रवाह रोका गया तो बिजली उत्पादन ठप हो सकता है, जिससे देश में अंधकार और औद्योगिक रुकावट आ सकती है।
  5. खाद्य संकट: जल आपूर्ति बाधित होने से खाद्य उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा, जिससे लाखों लोगों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
  6. सामाजिक अस्थिरता: जल संकट, खाद्य संकट और बिजली की कमी जैसे संकटों के चलते पाकिस्तान में सामाजिक अस्थिरता और जन असंतोष बढ़ सकता है।

निष्कर्ष: भारत ने दिखाई कूटनीतिक और रणनीतिक ताकत

पहलगाम आतंकी हमले का भारत ने केवल निंदा ही नहीं की, बल्कि ठोस कदम उठाकर दुनिया को यह दिखा दिया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को सामरिक और रणनीतिक दोनों तरह से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। भारत की वॉटर स्ट्राइक न केवल एक नई रणनीति का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी है कि अब हर मोर्चे पर आतंकवाद को समर्थन देने वालों की नाकेबंदी की जाएगी।

अगर पाकिस्तान ने अब भी अपने रवैये में बदलाव नहीं किया, तो भारत की ये जल नीति उसके लिए भविष्य में और भी घातक साबित हो सकती है।

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