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India’s big action after Pahalgam attack: क्या बालाकोट से भी खतरनाक स्ट्राइक तय है?

  • April 24, 2025
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हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों को तनावपूर्ण बना दिया है। इस हमले के बाद

India’s big action after Pahalgam attack: क्या बालाकोट से भी खतरनाक स्ट्राइक तय है?

हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों को तनावपूर्ण बना दिया है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने जिस तरह से त्वरित और कठोर फैसले लिए हैं, उससे यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि भारत अब केवल शब्दों में नहीं, बल्कि एक्शन में जवाब देने को तैयार है।

सरकार ने अटारी बॉर्डर बंद कर दिया है, पाकिस्तान के साथ राजनयिक रिश्तों में कटौती की गई है और सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। इन फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार इस बार आतंकी हमले को हल्के में लेने के मूड में नहीं है।

इस पूरे घटनाक्रम को समझने और इसके संभावित परिणामों का विश्लेषण करने के लिए आइए विस्तार से जानते हैं कि क्या हुआ, क्यों हुआ और अब आगे क्या हो सकता है।

पहलगाम आतंकी हमला: एक और कायराना हरकत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ यह हमला उस वक्त हुआ जब सुरक्षा बलों की गश्ती टीम सामान्य ड्यूटी पर थी। अचानक हुए इस हमले में कई जवान घायल हो गए और कुछ शहीद भी हुए। हमले की जिम्मेदारी एक आतंकी संगठन ने ली, जिसके तार सीमा पार से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।

Pahalgam attack

यह हमला न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई था, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ एक खुली चुनौती थी।

भारत का त्वरित और सख्त जवाब

हमले के तुरंत बाद मोदी सरकार ने जिस तेजी से फैसले लिए, उसने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि सरकार इस बार कोई कोताही नहीं बरतेगी। प्रमुख फैसले इस प्रकार हैं:

1. अटारी बॉर्डर बंद

भारत ने पाकिस्तान के साथ लगते अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है, जो व्यापार और कूटनीतिक आवाजाही का प्रमुख मार्ग था।

2. राजनयिक संबंधों में कटौती

भारत ने पाकिस्तान से अपने राजनयिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला दिया है। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को वापस भेजने और इस्लामाबाद से अपने प्रतिनिधि को बुलाने का निर्णय लिया गया है।

3. सिंधु जल संधि स्थगित

1960 की सिंधु जल संधि, जिसे भारत और पाकिस्तान के बीच “वॉटर पीस” के तौर पर देखा जाता है, उसे भी सरकार ने रोक दिया है। इसका असर पाकिस्तान की कृषि और पेयजल आपूर्ति पर गहरा पड़ सकता है।

बालाकोट से भी खतरनाक एक्शन की चर्चा

2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया था। वह कार्रवाई इतिहास में दर्ज हो चुकी है। अब पहलगाम हमले के बाद जो माहौल बन रहा है, उसमें विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक जैसा बड़ा कदम उठा सकता है — और इस बार उससे भी ज्यादा प्रभावशाली।

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना और वायुसेना हाई अलर्ट पर हैं और सीमावर्ती इलाकों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। पाकिस्तान की सेना भी इस आशंका में हाई अलर्ट पर है।

पाकिस्तान में डर का माहौल

भारत की संभावित कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। वहां के रक्षा तंत्र से लेकर राजनैतिक दल तक इस आशंका में हैं कि भारत एक बार फिर एयरस्ट्राइक कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने अपने एयरबेस को तैयार रहने का निर्देश दे दिया है और नागरिक इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

विपक्षी दलों ने भी सरकार के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपील की है कि भारत को उकसाने की कोशिश न की जाए।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत की सख्त प्रतिक्रिया पर कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं और संगठनों ने चिंता जताई है, लेकिन अधिकतर देश भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देश आतंक के खिलाफ भारत के रुख को सही ठहरा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से दोनों देशों को संयम बरतने की अपील जरूर की गई है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में अपनी जनता और सीमाओं की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।

क्या हो सकता है अगला कदम?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का अगला कदम पूरी तरह रणनीतिक होगा। संभावना जताई जा रही है कि भारत सीमित क्षेत्र में सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है, जिससे आतंकी ठिकानों को नष्ट किया जा सके और पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया जा सके।

दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की मुहिम को और तेज करे।

तीसरा और दीर्घकालिक विकल्प यह है कि भारत पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ाए, जिससे उसकी आतंकी गतिविधियों को पोषित करने की क्षमता कमजोर हो जाए।

निष्कर्ष

भारत ने साफ कर दिया है कि अब वह सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलाएगा। पहलगाम हमले के बाद लिए गए फैसले इस बात के गवाह हैं कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं और पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।

चाहे वह कूटनीतिक तरीके से हो, सैन्य कार्रवाई के जरिये या जल संसाधनों पर नियंत्रण के माध्यम से — भारत अब हर मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने की नीति पर काम कर रहा है।

बालाकोट की तरह एक और करारा जवाब इस बार भी न सिर्फ आतंकियों को सबक सिखाएगा, बल्कि पूरी दुनिया को यह दिखा देगा कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंकी हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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