आतंकी हमले के बीच भारत-पाक मैच पर छिड़ी बहस, गौतम गंभीर ने रखी दो टूक राय
- May 6, 2025
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हाल ही में एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम India@2047 Summit के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर से कुछ बेहद अहम सवाल पूछे गए। कार्यक्रम
हाल ही में एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम India@2047 Summit के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर से कुछ बेहद अहम सवाल पूछे गए। कार्यक्रम
हाल ही में एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम India@2047 Summit के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर से कुछ बेहद अहम सवाल पूछे गए। कार्यक्रम के बीच में उनसे भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों को लेकर उनकी निजी राय जाननी चाही गई। ये सवाल उस वक्त और भी ज़्यादा प्रासंगिक हो गया, जब पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने देशभर में आक्रोश और संवेदनाएं भड़का दीं।
सवाल सीधा और संवेदनशील था—क्या भारत को किसी भी स्थिति में, चाहे वह न्यूट्रल वेन्यू ही क्यों न हो, पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना चाहिए?
इस पर गौतम गंभीर ने बड़ी स्पष्टता और भावुकता के साथ अपनी बात रखते हुए कहा, “मेरी व्यक्तिगत राय में भारत को पाकिस्तान से किसी भी जगह क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। चाहे वो न्यूट्रल वेन्यू हो या कोई और, मेरे लिए यह सवाल केवल खेल का नहीं है, यह सवाल देश के सम्मान और हमारे शहीदों की कुर्बानी का है।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार इस बारे में जो भी फैसला लेगी, वो मान्य होगा, लेकिन मेरी नज़र में कोई भी क्रिकेट मैच, कोई भी फिल्म, किसी भी जवान की शहादत से बड़ा नहीं हो सकता।” गंभीर की यह टिप्पणी दर्शाती है कि वे सिर्फ एक कोच या खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं, जिनके लिए देश सर्वोपरि है।
कार्यक्रम के दौरान एक और महत्वपूर्ण सवाल गौतम गंभीर से किया गया—क्या इंग्लैंड दौरे के लिए आप रोहित शर्मा और विराट कोहली को ले जा रहे हैं? इस पर उन्होंने बिल्कुल सटीक जवाब देते हुए कहा कि टीम का चयन कोच का नहीं, बल्कि चयन समिति (सेलेक्शन कमिटी) का काम होता है।
उन्होंने स्पष्ट किया, “मेरे हाथ में सिर्फ प्लेइंग-11 चुनना होता है, जो मुझे चयनकर्ताओं द्वारा दिए गए स्क्वाड में से करनी होती है। कोच का काम टीम की रणनीति बनाना और खिलाड़ियों को मेंटली व टेक्निकली तैयार करना होता है, लेकिन टीम में कौन होगा और कौन नहीं, इसका फैसला सेलेक्टर्स ही करते हैं।”
गंभीर ने इस भ्रम को भी दूर किया कि कोच टीम का गठन करता है। उन्होंने कहा, “इस मान्यता को खत्म करने की जरूरत है कि कोच ही पूरी टीम बनाता है। ना मुझसे पहले किसी कोच ने ऐसा किया और ना मैं करता हूं। टीम चयन का अधिकार चयनकर्ताओं के पास है।”
जब इंटरव्यू में उनसे यह पूछा गया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रही हैं कि उनके और रोहित शर्मा के बीच कुछ खटपट है, तो गौतम गंभीर ने इस पर बहुत तीखा और स्पष्ट जवाब दिया।
उन्होंने कहा, “सबसे पहले मैं यह पूछना चाहता हूं कि ऐसे सवाल उठाने वाले लोग कौन हैं? क्या ये वही यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया यूजर्स हैं जो बस टीआरपी और व्यूज के लिए झूठी खबरें उड़ाते हैं?” उन्होंने अफवाह फैलाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनका कोई आधार नहीं है और ये केवल ध्यान भटकाने की कोशिशें हैं।
गंभीर ने आगे कहा, “दो महीने पहले ही हम चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर आए हैं, यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। अगर हम यह नहीं जीतते तो मीडिया में मुझसे न जाने कैसे-कैसे सवाल किए जाते। लेकिन जब जीतते हैं तब भी सवाल वहीं के वहीं रहते हैं, बस उनका रंग बदल जाता है।”
गौतम गंभीर न केवल भारत के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज रहे हैं, बल्कि अब कोच की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। साथ ही, वे राजनीति में भी सक्रिय हैं और देश के कई मसलों पर मुखर राय रखने के लिए जाने जाते हैं।
उनका यह बयान सिर्फ क्रिकेट या कोचिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा, जवानों की शहादत और राष्ट्रीय भावनाओं को केंद्र में रखकर दिया गया है।
उनकी यह टिप्पणी उन लोगों को भी सोचने पर मजबूर करती है जो सिर्फ खेल को ‘खेल’ मानते हैं। गंभीर की सोच कहती है कि जब देश की सीमाओं पर हमारे जवान शहीद हो रहे हों, तब हम यह नहीं कह सकते कि खेल और राजनीति को अलग रखें।
गौतम गंभीर का यह इंटरव्यू उनके साफ-सुथरे और देशभक्ति से भरे विचारों को दर्शाता है। वे केवल एक कोच नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार भारतीय भी हैं, जो देश के गौरव और शहीदों के सम्मान को सर्वोपरि मानते हैं। पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने को लेकर उनकी राय एक नई बहस को जन्म दे सकती है, लेकिन उनकी सोच में जो सच्चाई और भावना है, वह हर देशवासी के दिल से जुड़ती है।
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