भारत-पाकिस्तान तनाव पर CIA की 32 साल पुरानी रिपोर्ट ने खोले चौंकाने वाले राज
- May 2, 2025
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आज भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में अत्यधिक तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसकी सबसे प्रमुख वजह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी
आज भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में अत्यधिक तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसकी सबसे प्रमुख वजह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी
आज भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में अत्यधिक तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसकी सबसे प्रमुख वजह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई है। इस घटना के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों का हाथ माना जा रहा है। इसी बीच, अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA (Central Intelligence Agency) से जुड़ी एक पुरानी रिपोर्ट फिर से चर्चा में आ गई है, जिसने भारत-पाक तनाव के इस वर्तमान स्वरूप की भविष्यवाणी दशकों पहले ही कर दी थी।
यह रिपोर्ट 1993 में CIA द्वारा तैयार की गई थी, जिसे उस समय के वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ब्रूस रीडेल ने नेतृत्व प्रदान किया था। इसे राष्ट्रीय खुफिया अनुमान (National Intelligence Estimate – NIE) के तहत तैयार किया गया था। इस क्लासिफाइड रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि यदि भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनती है, तो उसकी शुरुआत कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे से होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध में भारत का सामना नहीं कर सकता और इसीलिए वह आतंकवाद को एक रणनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करेगा। आज की स्थिति को देखें तो यह भविष्यवाणी बिल्कुल सटीक साबित हो रही है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पाकिस्तान को भारत से हर स्तर पर डर है – चाहे वह आर्थिक शक्ति हो, सैन्य ताकत हो या राजनीतिक स्थिरता। पाकिस्तान यह भलीभांति जानता है कि भारत एक उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति है, जबकि वह खुद अंदरूनी अस्थिरता, राजनीतिक संघर्ष और आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
भारत की आर्थिक प्रगति, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कूटनीति और सैन्य आत्मनिर्भरता पाकिस्तान के लिए हमेशा से चिंता का कारण रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान भारत से सीधे युद्ध करने के बजाय “प्रॉक्सी वॉर” (Proxy War) की नीति अपनाएगा – यानी आतंकियों के जरिए भारत को अस्थिर करने का प्रयास करेगा।
CIA की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को एक “लो-कॉस्ट, हाई-इंपैक्ट” युद्ध नीति के रूप में अपनाता है। यानी कम लागत में अधिक नुकसान पहुंचाना। पाकिस्तान की यह रणनीति उसे एक अघोषित युद्ध लड़ने की ताकत देती है, जिसमें उसे न तो अपनी सेना को फ्रंटलाइन पर भेजना पड़ता है और न ही सीधे युद्ध की जिम्मेदारी लेनी होती है।
पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी ISI आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अब द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को समर्थन देती है, जो भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं।
हाल ही में पहलगाम जैसे शांतिपूर्ण टूरिस्ट डेस्टिनेशन को आतंकियों ने निशाना बनाया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हुए। जांच में पाया गया कि हमले की जिम्मेदारी TRF (The Resistance Front) ने ली, जो दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया चेहरा है। लश्कर को पाकिस्तान की सेना का पूरा समर्थन हासिल है।
CIA ने अपनी रिपोर्ट में पहले ही चेतावनी दी थी कि इस प्रकार के बड़े आतंकी हमले भारत-पाक के बीच सीधे टकराव का कारण बन सकते हैं। मौजूदा स्थिति उसी चेतावनी की पुष्टि करती है।
रिपोर्ट में पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति को लेकर भी चिंताजनक विश्लेषण किया गया था। वर्ष 1993 में पाकिस्तान राजनीतिक संकट, सैन्य नियंत्रण और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था। उस समय देश पर सेना का प्रभाव ज्यादा था, लोकतंत्र कमजोर था और अर्थव्यवस्था चरमराई हुई थी।
आज, 32 साल बाद भी पाकिस्तान की स्थिति में विशेष सुधार नहीं हुआ है। वहाँ की सरकार कमजोर है, अर्थव्यवस्था कर्ज और महंगाई से बुरी तरह जूझ रही है, और वैश्विक मंच पर उसकी साख लगातार गिर रही है। दूसरी ओर, भारत आज न केवल राजनीतिक रूप से स्थिर है, बल्कि आर्थिक और सैन्य रूप से भी विश्व में एक ताकतवर राष्ट्र के रूप में उभर चुका है।
1993 में जब यह रिपोर्ट बनी थी, उस समय भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव कर रहे थे और देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हो चुकी थी, जिसमें तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की बड़ी भूमिका थी। तब से लेकर आज तक भारत ने एक लंबा सफर तय किया है – देश ने डिजिटल प्रगति, रक्षा उत्पादन, वैश्विक निवेश, विज्ञान, स्पेस टेक्नोलॉजी और शिक्षा के क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
पाकिस्तान इस बढ़ती भारतीय ताकत को देखकर हमेशा बेचैन रहता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भविष्य में पाकिस्तान “इस्लाम” को सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगा, ताकि वह अपने आतंकवादी एजेंडे को धार्मिक रंग दे सके और कट्टरपंथ को बढ़ावा मिल सके।
CIA की यह रिपोर्ट केवल एक गोपनीय दस्तावेज नहीं थी। इसका उद्देश्य अमेरिका के व्हाइट हाउस, विदेश विभाग और सुरक्षा एजेंसियों को समय रहते भारत-पाक रिश्तों में बढ़ते खतरे के प्रति आगाह करना था। रिपोर्ट में सुझाव भी दिए गए थे कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हॉटलाइन, परमाणु समझौते और विश्वास निर्माण उपाय अपनाए जाएं।
हालांकि, इस चेतावनी के बावजूद अमेरिका ने कई बार पाकिस्तान को नजरअंदाज किया और उसे “रणनीतिक सहयोगी” के रूप में सहायता देता रहा। परिणामस्वरूप पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने की छूट मिलती रही और आज भी वह छद्म युद्ध की अपनी नीति पर चल रहा है।
32 साल पहले CIA द्वारा की गई यह भविष्यवाणी आज सच्चाई बनकर सामने खड़ी है। पाकिस्तान का भारत से भय और उसकी आतंकी रणनीति आज भी वैसी ही है जैसी उस समय थी। भारत के बढ़ते कदम और वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को देखकर पाकिस्तान की बौखलाहट और भी अधिक स्पष्ट हो गई है।
अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की असल नीति को समझे और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कठोर कदम उठाए। वहीं भारत को भी अपनी सुरक्षा नीति को और मजबूत बनाते हुए हर प्रकार के प्रॉक्सी युद्ध के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना होगा।
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