पहलगाम में हमले की साजिश एक हफ्ते पहले पहुंचे थे आतंकी, इन 4 टूरिस्ट स्पॉट्स को बनाया था टारगेट
- May 1, 2025
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस हमले की जांच
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस हमले की जांच
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है, जिसने अब तक कई अहम सबूत जुटा लिए हैं। जांच में सामने आया है कि आतंकी हमले से एक हफ्ते पहले ही, यानी 15 अप्रैल को, आतंकवादी पहलगाम पहुंच चुके थे और दो दिन पहले वे बैसरन घाटी में दिखाई दिए थे। इन आतंकियों के निशाने पर सिर्फ बैसरन ही नहीं बल्कि तीन और प्रमुख पर्यटक स्थल – आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी – भी शामिल थे।
NIA को मिले सुरागों से पता चला है कि आतंकवादियों ने इन स्थानों की रेकी की थी और हमले की पूरी योजना तैयार कर ली थी। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।
अब तक की जांच में 20 के करीब ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 4 OGW ने आतंकियों को पहलगाम और अन्य स्थलों की रेकी में मदद की थी। इनसे पूछताछ के आधार पर 2500 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें 186 अब भी पुलिस की कस्टडी में हैं।
इससे पहले जांच एजेंसियों को आतंकी टूलकिट से जुड़ी जानकारी भी मिली थी। इस टूलकिट में आतंकियों को कई दिशानिर्देश दिए जाते हैं – जैसे समय की पाबंदी रखना, इस्लामिक परिधान न पहनना और आम पर्यटकों की तरह दिखने की कोशिश करना। आतंकियों को यह भी सलाह दी गई थी कि वे जिस शहर में हों, वहां के रीति-रिवाजों के अनुसार कपड़े पहनें ताकि किसी को शक न हो।
यह हमले की साजिश कितनी सुनियोजित थी, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आतंकवादी बाकायदा पर्यटक बनकर आए और धीरे-धीरे अपने निशानों की रेकी की। लेकिन सतर्क सुरक्षा व्यवस्था और OGW की गिरफ्तारी से एक बड़ा हमला टल गया।
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