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प्रोटीन की कमी से शरीर देता है ये संकेत, क्या आप पहचान पा रहे हैं?

  • May 7, 2025
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मानव शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिनमें प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। प्रोटीन

प्रोटीन की कमी से शरीर देता है ये संकेत, क्या आप पहचान पा रहे हैं?

मानव शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिनमें प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। प्रोटीन शरीर की प्रत्येक कोशिका का एक अभिन्न हिस्सा होता है। यह न केवल शरीर के ऊतकों की मरम्मत और निर्माण में मदद करता है, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने, हार्मोन और एंजाइम के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है।

लेकिन जब शरीर को आवश्यक मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाता, तो धीरे-धीरे इसके दुष्प्रभाव शरीर में दिखाई देने लगते हैं। दुर्भाग्यवश, बहुत से लोग इस कमी को तब तक गंभीरता से नहीं लेते जब तक शरीर में इसके लक्षण स्पष्ट रूप से नजर न आने लगें। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है, जिनसे उबरने में लंबा समय लग सकता है।

प्रोटीन की भूमिका क्या है?

प्रोटीन हमारे शरीर के विकास, मरम्मत, और पोषण के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह शरीर के हर हिस्से – बाल, त्वचा, मांसपेशियां, नाखून, और आंतरिक अंगों – को मजबूत और सक्रिय बनाए रखने में सहायक होता है।

प्रोटीन कई प्रकार के होते हैं, जैसे:

  • एंटीबॉडी (Antibodies): ये शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।
  • एंजाइम (Enzymes): ये शरीर में रासायनिक प्रतिक्रियाएं करवाते हैं।
  • हॉर्मोनल प्रोटीन: जैसे इंसुलिन, जो शरीर की जैविक गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं।
  • स्ट्रक्चरल प्रोटीन: जैसे कोलाजेन, जो त्वचा और जोड़ों को मजबूती देता है।
  • कॉन्ट्रैक्टाइल प्रोटीन: जो मांसपेशियों की गति में सहायक होते हैं।
  • स्टोरेज प्रोटीन और ट्रांसपोर्ट प्रोटीन: जो पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाते हैं।

प्रोटीन की कमी क्यों होती है?

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान, जंक फूड का अत्यधिक सेवन और पौष्टिक तत्वों से रहित आहार लेने की आदतें लोगों को पोषण की कमी की ओर धकेल रही हैं। प्रोटीन की कमी का मुख्य कारण पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार का सेवन न करना है।

कई बार विशेष परिस्थितियों में भी प्रोटीन की कमी हो सकती है, जैसे:

  • अधिक शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों में आवश्यकता अधिक होती है।
  • बच्चों और किशोरों में विकास के लिए अधिक प्रोटीन चाहिए होता है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी ज्यादा मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

यदि ऐसे लोग अपनी डाइट में प्रोटीन की पूर्ति नहीं करते, तो उनके शरीर में इसकी कमी होने लगती है।

शरीर में प्रोटीन की कमी के मुख्य लक्षण

प्रोटीन की कमी के लक्षण धीरे-धीरे शरीर में उभरते हैं। अक्सर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यदि इन पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये गंभीर बीमारियों में बदल सकते हैं। नीचे दिए गए लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

  1. बालों से संबंधित समस्याएं:
    • बालों का रूखा होना
    • अत्यधिक झड़ना
    • बालों का टूटना और पतला होना
  2. त्वचा पर प्रभाव:
    • त्वचा का रूखा और बेजान हो जाना
    • त्वचा में सूखापन और दरारें
    • खासकर कान, बगल, जांघों, कमर और जननांगों के आसपास एलर्जी या घाव
  3. मांसपेशियों में कमजोरी:
    • मांसपेशियों का सिकुड़ना
    • हल्की मेहनत से थकावट महसूस होना
    • शरीर में ऊर्जा की कमी और सुस्ती
  4. नाखूनों में कमजोरी:
    • नाखूनों का आसानी से टूटना
    • नाखूनों में सफेद निशान
    • नाखूनों की धीमी वृद्धि
  5. शरीर में सूजन:
    • टखनों, पैरों या चेहरे पर सूजन
    • यह सूजन प्रोटीन की कमी के कारण पानी के संतुलन में गड़बड़ी की वजह से होती है
  6. बच्चों में विकास रुक जाना:
    • बच्चों की लंबाई और वजन में वृद्धि का धीमा होना
    • मानसिक विकास पर असर
    • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता

प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियां

अगर प्रोटीन की कमी लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह निम्न बीमारियों का कारण बन सकती है:

  • क्वाशियोरकोर (Kwashiorkor): यह प्रोटीन की तीव्र कमी से होने वाला रोग है, जो विशेषकर बच्चों में होता है। इसमें पेट फूल जाता है, बाल झड़ने लगते हैं, और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
  • मरास्मस (Marasmus): इसमें शरीर अत्यधिक कमजोर हो जाता है, वज़न तेजी से गिरता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है।
  • एनीमिया: शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है क्योंकि पर्याप्त प्रोटीन न होने से रक्त निर्माण बाधित होता है।

शरीर में प्रोटीन की कमी की पहचान कैसे करें?

यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर रक्त की जांच और अन्य टेस्ट के ज़रिए पता लगा सकते हैं कि शरीर में कौन से प्रकार के प्रोटीन की कमी है। इसके आधार पर आपको उचित परामर्श और इलाज दिया जाएगा।

शरीर में प्रोटीन की कमी कैसे पूरी करें?

रक्त जांच और अन्य पोषण स्तरों की जांच नियमित रूप से करवाएं ताकि किसी भी पोषक तत्व की कमी समय रहते पकड़ में आ सके।

प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें:

शाकाहारी स्रोत: सोयाबीन, दालें, चना, मूंगफली, राजमा, टोफू, दूध, पनीर, दही, बादाम, ओट्स

मांसाहारी स्रोत: अंडा, चिकन, मछली, मटन, समुद्री भोजन

अन्य: स्प्राउट्स, क्विनोआ, अमरंथ, हरी सब्जियां भी कुछ मात्रा में प्रोटीन देती हैं

प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन:

यदि आप अपने भोजन से पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले पा रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह से प्रोटीन पाउडर या सप्लीमेंट का सेवन करें।

विशेष रूप से जिम जाने वाले या वजन घटाने की डाइट पर रहने वालों के लिए यह लाभदायक हो सकता है।

डायटीशियन से सलाह लें:

किसी योग्य न्यूट्रिशनिस्ट या डायटीशियन से परामर्श करके अपने लिए एक संतुलित आहार योजना बनवाएं।

यह योजना आपकी उम्र, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति पर आधारित होनी चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं:

रक्त जांच और अन्य पोषण स्तरों की जांच नियमित रूप से करवाएं ताकि किसी भी पोषक तत्व की कमी समय रहते पकड़ में आ सके।

निष्कर्ष

प्रोटीन की कमी कोई मामूली बात नहीं है। यह धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर कर देती है। शरीर में यदि इसके लक्षण नजर आएं, तो इन्हें नजरअंदाज न करें। सही समय पर उचित आहार, जांच और इलाज के जरिए प्रोटीन की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है। एक संतुलित और पोषणयुक्त आहार ही आपको स्वस्थ, ऊर्जावान और रोगमुक्त बनाए रख सकता है।

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