सिगरेट या शराब: हार्ट के लिए क्या है ज्यादा खतरनाक? डॉक्टरों की राय में जानिए सच्चाई
May 7, 2025
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पिछले कुछ वर्षों में भारत में हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़े हैं। खराब खानपान, तनावपूर्ण जीवनशैली, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख
पिछले कुछ वर्षों में भारत में हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़े हैं। खराब खानपान, तनावपूर्ण जीवनशैली, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। इसके साथ ही, सिगरेट और शराब का सेवन भी हार्ट की समस्याओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन एक अहम सवाल यह है कि सिगरेट और शराब में से कौन सी चीज दिल के लिए ज्यादा खतरनाक है? इस विषय पर विशेषज्ञों की राय और वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर यह लेख प्रस्तुत है।
भारत में हार्ट की बीमारी की भयावह तस्वीर
इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 25 लाख लोग हृदय संबंधी बीमारियों के कारण जान गंवाते हैं। देश में होने वाली कुल मौतों में से 24.5% हृदय रोगों के कारण होती हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि हमारी आदतें किस हद तक इस खतरे को बढ़ा सकती हैं।
सिगरेट का दिल पर प्रभाव
सिगरेट पीना हार्ट के लिए सबसे खतरनाक आदतों में से एक मानी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक, सिगरेट पीने से हार्ट की आर्टरी यानी धमनियों में ब्लॉकेज होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन और अन्य हानिकारक केमिकल्स धमनियों को संकरा करते हैं जिससे हार्ट तक ब्लड फ्लो कम हो जाता है और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है।
डॉ. विक्रम कुमार बताते हैं कि दिन में सिर्फ दो सिगरेट पीने से भी हार्ट डिजीज का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। सिगरेट का धुआं ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी प्रभावित करता है और ब्लड प्रेशर को असंतुलित करता है।
शराब का असर हार्ट पर
जहां सिगरेट का असर सीधा और त्वरित होता है, वहीं शराब का असर थोड़ा जटिल और समय के साथ बढ़ने वाला होता है। अत्यधिक शराब पीने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट में गड़बड़ी (एरिदमिया), कार्डियोमायोपैथी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, सीमित मात्रा में शराब का सेवन करने पर कुछ अध्ययनों में हार्ट पर हल्का सकारात्मक प्रभाव भी देखा गया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे समर्थन नहीं करते।
डॉ. तरुण कुमार कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति जो शराब नहीं पीता, उसे यह सोचकर शराब शुरू नहीं करनी चाहिए कि यह कम नुकसानदायक है। हार्ट के मरीजों के लिए शराब भी उतनी ही हानिकारक हो सकती है।
सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी है खतरनाक
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन के मुताबिक, सेकेंड हैंड स्मोकिंग यानी किसी और के द्वारा पी गई सिगरेट का धुआं भी उतना ही खतरनाक है जितना खुद सिगरेट पीना। दरअसल, धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के सिगरेट में फिल्टर होता है, लेकिन उसके आसपास मौजूद व्यक्ति बिना किसी फिल्टर के वही धुआं सांस के साथ अंदर लेता है। यह हानिकारक धुआं हार्ट की आर्टरी में कठोरता लाकर ब्लड फ्लो को बाधित करता है और हार्ट अटैक का खतरा पैदा करता है।
जिनको पहले से हार्ट की बीमारी है उनके लिए चेतावनी
जो लोग पहले से हृदय रोगों से पीड़ित हैं, उनके लिए सिगरेट या शराब का सेवन बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। डॉ. तरुण कुमार बताते हैं कि ऐसे मरीजों को सिगरेट तो बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि यह दोबारा हार्ट अटैक या हार्ट फेल का कारण बन सकता है। शराब के सेवन को लेकर भी बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और डॉक्टर से सलाह लिए बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष: कौन है ज्यादा खतरनाक?
डॉक्टरों और विशेषज्ञों की राय में अगर सिगरेट और शराब की तुलना की जाए तो हार्ट के लिए सिगरेट ज्यादा खतरनाक मानी जाती है। यह न सिर्फ खुद पीने वाले के लिए बल्कि आसपास मौजूद लोगों के लिए भी हानिकारक होती है। हालांकि, इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं कि शराब को सुरक्षित मान लिया जाए। दोनों ही आदतें दिल की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और नशे से दूर रहकर ही हम अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं। हार्ट की बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आज ही सिगरेट और शराब को अलविदा कहें।