Tech

Smartphones Become India’s Top Export Commodity: FY25 में 2 लाख करोड़ के निर्यात ने रचा इतिहास

  • April 12, 2025
  • 0

भारत के लिए स्मार्टफोन केवल एक उपभोक्ता उत्पाद नहीं रहा, बल्कि अब यह देश की टॉप एक्सपोर्ट कमोडिटी बन चुका है। वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में स्मार्टफोन निर्यात

Smartphones Become India’s Top Export Commodity: FY25 में 2 लाख करोड़ के निर्यात ने रचा इतिहास

भारत के लिए स्मार्टफोन केवल एक उपभोक्ता उत्पाद नहीं रहा, बल्कि अब यह देश की टॉप एक्सपोर्ट कमोडिटी बन चुका है। वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में स्मार्टफोन निर्यात ₹2 लाख करोड़ के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया, जो देश के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है।

यह उपलब्धि न केवल भारतीय तकनीकी क्षमता को दर्शाती है, बल्कि सरकार की Make in India और Production Linked Incentive (PLI)” योजनाओं की सफलता की भी कहानी बयां करती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे भारत ने यह मुकाम हासिल किया, किन कंपनियों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई और इसका भविष्य क्या है।

Smartphones Become India

स्मार्टफोन निर्यात में रिकॉर्ड ग्रोथ

वित्त वर्ष 2025 में भारत से स्मार्टफोन निर्यात का आंकड़ा ₹2 लाख करोड़ को पार कर गया। यह 2020 की तुलना में लगभग तीन गुना वृद्धि है। यह ग्रोथ भारत को दुनिया के टॉप स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  • FY25 अनुमानित मोबाइल उत्पादन: ₹5,25,000 करोड़
  • FY25 स्मार्टफोन निर्यात: ₹2,00,000 करोड़ से अधिक

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष भारत से निर्यात किए गए स्मार्टफोन में Apple, Samsung, Xiaomi और Lava जैसे ब्रांड्स प्रमुख रहे।

PLI स्कीम: ग्रोथ के पीछे की असली ताकत

भारत सरकार की Production Linked Incentive (PLI) स्कीम इस पूरी ग्रोथ की रीढ़ साबित हुई है। इस स्कीम के तहत कंपनियों को भारत में निर्माण करने पर उत्पादन के अनुपात में प्रोत्साहन दिया जाता है। इसका सीधा लाभ कंपनियों को लागत में कमी और ज्यादा मुनाफा पाने के रूप में मिला।

प्रमुख लाभ:

  • वैश्विक कंपनियों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई
  • लाखों रोजगारों का सृजन हुआ
  • भारत की तकनीकी दक्षता में इज़ाफा

Apple जैसी कंपनियों ने Foxconn, Pegatron और Wistron के माध्यम से भारत में बड़े पैमाने पर निर्माण शुरू किया, जिससे iPhone का बड़ा हिस्सा अब भारत में बनता है और विदेशों में भेजा जाता है।

Smartphones Become India

एक्सपोर्ट में भारत की रैंकिंग

भारत अब स्मार्टफोन निर्यात के क्षेत्र में वियतनाम और चीन के बाद तीसरे नंबर पर आ गया है। कुछ अनुमानों के अनुसार, आने वाले 2-3 वर्षों में भारत वियतनाम को पीछे छोड़ सकता है।

देशअनुमानित निर्यात (2024)
चीन$200 बिलियन
वियतनाम$65 बिलियन
भारत$25 बिलियन (₹2 लाख करोड़)

मेक इन इंडिया और लोकल मैन्युफैक्चरिंग का योगदान

भारत में स्मार्टफोन निर्माण अब केवल असेंबली तक सीमित नहीं है, बल्कि कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग जैसे डिस्प्ले, बैटरी, चार्जर और सर्किट बोर्ड तक विस्तार हो गया है।

प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब:

  • तमिलनाडु (Sriperumbudur) – Foxconn, Pegatron
  • उत्तर प्रदेश (Noida, Greater Noida) – Samsung, Lava, Dixon
  • कर्नाटक और आंध्र प्रदेश – Apple सप्लायर्स

किन देशों में भारत के स्मार्टफोन की डिमांड है?

भारत से स्मार्टफोन निर्यात मुख्य रूप से यूरोप, मध्य एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया में हो रहा है। खास बात यह है कि भारतीय स्मार्टफोन अपनी लागत और क्वालिटी के कॉम्बिनेशन की वजह से तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं।

रोजगार और स्किल डेवलपमेंट

स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग से भारत में सीधे और परोक्ष रूप से लाखों रोजगार का निर्माण हुआ है। सरकार की Skill India योजना के तहत युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, डिजाइनिंग और एसेम्बली लाइन स्किल्स में ट्रेन किया जा रहा है।

  • लगभग 1.5 लाख से अधिक लोग सीधे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में कार्यरत
  • ITI और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

भविष्य की दिशा: क्या भारत अगला चीन बन सकता है?

हालांकि चीन अभी भी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का लीडर है, लेकिन भारत तेजी से उसकी जगह लेने की ओर अग्रसर है। Apple, Samsung जैसी कंपनियां अपने चीन आधारित उत्पादन को भारत में स्थानांतरित कर रही हैं।

आगे की संभावनाएं:

  • iPhone के 25% यूनिट्स भारत में बनेंगे (2025 तक)
  • ₹5 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट टारगेट (FY27 तक)
  • कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा

चुनौतियाँ भी कम नहीं

  • सप्लाई चेन का लोकलाइजेशन अभी अधूरा
  • कच्चे माल पर चीन की निर्भरता
  • प्रशिक्षित मैनपावर की कमी

इन चुनौतियों पर फोकस कर भारत यदि निरंतर प्रयास करे, तो आने वाले वर्षों में यह देश मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल पावरहाउस बन सकता है।

निष्कर्ष

भारत का स्मार्टफोन एक्सपोर्ट ₹2 लाख करोड़ पार करना केवल एक आर्थिक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक नई क्रांति का प्रतीक है। सरकार की नीतियां, निजी कंपनियों की दिलचस्पी और युवाओं की मेहनत से यह मुमकिन हुआ है।

अब समय है कि भारत इस रफ्तार को बनाए रखे, नई टेक्नोलॉजी अपनाए और ग्लोबल मार्केट में अपनी स्थिति और मजबूत करे। अगर आप टेक्नोलॉजी या इनवेस्टमेंट से जुड़े हैं, तो यह सेक्टर आपके लिए अगले कुछ वर्षों में गोल्डन अपॉर्च्युनिटी बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *