Indian-Origin Dr. Jay Bhattacharya Becomes The Director Of NIH: कोविड-19 लॉकडाउन के मुखर विरोधी
March 26, 2025
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नई दिल्ली। अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार को भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH)
नई दिल्ली।अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार को भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के निदेशक के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दे दी। यह नियुक्ति उनके स्वास्थ्य नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान को देखते हुए की गई है।
डॉ. जय भट्टाचार्य: एक परिचय
डॉ. जय भट्टाचार्य का जन्म भारतीय परिवार में हुआ था, और उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से चिकित्सा और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। वे स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ हैं और विशेष रूप से महामारी प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति और स्वास्थ्य अर्थशास्त्र में उनके शोध कार्य के लिए जाने जाते हैं।
उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन नीतियों के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखे। उनका मानना था कि लॉकडाउन से समाज और अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक नुकसान हुआ, खासकर गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को। वे “ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन” के सह-लेखक भी हैं, जो कोविड-19 को लेकर एक वैकल्पिक नीति की वकालत करता है।
NIH का महत्व और नई जिम्मेदारियां
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित जैव-चिकित्सा अनुसंधान संस्था है। यह संस्था अमेरिका और दुनिया भर में चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। NIH के निदेशक के रूप में, डॉ. भट्टाचार्य को वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने, सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों को मजबूत करने और स्वास्थ्य क्षेत्र में नई खोजों के लिए वित्त पोषण को सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी होगी।
डॉ. भट्टाचार्य की नियुक्ति अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के अधीन हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने नए पद पर क्या बदलाव लाते हैं और NIH को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
कोविड-19 लॉकडाउन पर उनके विचार
डॉ. जय भट्टाचार्य ने कोविड-19 के दौरान लागू किए गए सख्त लॉकडाउन उपायों का विरोध किया था। उनका मानना था कि लॉकडाउन से बच्चों की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ा। उन्होंने महामारी के दौरान “टार्गेटेड प्रोटेक्शन” का सुझाव दिया, जिसमें बुजुर्गों और जोखिम में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रखते हुए बाकी समाज को सामान्य रूप से कार्य करने दिया जाए।
नियुक्ति पर उठ रहे सवाल
डॉ. भट्टाचार्य की नियुक्ति को लेकर कुछ हलकों में सवाल भी उठाए जा रहे हैं। कई लोग इसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्वास्थ्य नीति से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, उनके समर्थकों का मानना है कि वे NIH में पारदर्शिता और वैज्ञानिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देंगे।
निष्कर्ष
डॉ. जय भट्टाचार्य की NIH निदेशक के रूप में नियुक्ति स्वास्थ्य नीति क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। उनके नेतृत्व में यह देखना दिलचस्प होगा कि NIH सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान और नीतियों को कैसे आगे बढ़ाता है। उनकी कोविड-19 से जुड़ी नीतियों पर भविष्य में क्या असर होगा, यह भी देखने लायक रहेगा।