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UK Universities Face Financial Crisis: भारतीय छात्रों की संख्या में 20% गिरावट, छंटनी शुरू

  • March 24, 2025
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ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों को इस समय भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय छात्रों की संख्या में 20% तक की

UK Universities Face Financial Crisis: भारतीय छात्रों की संख्या में 20% गिरावट, छंटनी शुरू

ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों को इस समय भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय छात्रों की संख्या में 20% तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे विश्वविद्यालयों की आय में बड़ा नुकसान हुआ है। इस स्थिति से निपटने के लिए कई संस्थानों ने अपने खर्चों में कटौती शुरू कर दी है, जिसमें कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है।

UK Universities Face Financial Crisis

भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट क्यों आई?

ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट के पीछे कई कारण हैं:

  1. यूके के वीज़ा नियमों में सख्ती – ब्रिटेन सरकार ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विशेष रूप से उनके आश्रितों (डिपेंडेंट्स) पर सख्त वीज़ा नियम लागू किए हैं। इससे कई भारतीय छात्र दूसरे देशों, जैसे कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया, की ओर रुख कर रहे हैं।
  2. बढ़ी हुई ट्यूशन फीस – ब्रिटेन में ट्यूशन फीस लगातार बढ़ रही है, जिससे भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा महंगी हो गई है।
  3. पाउंड की गिरती कीमत – रुपये की तुलना में पाउंड की कीमत में गिरावट और महंगाई के बढ़ते स्तर ने भी छात्रों को ब्रिटेन के बजाय दूसरे देशों में आवेदन करने के लिए प्रेरित किया है।
  4. प्रतिस्पर्धी देशों के आकर्षक प्रस्ताव – अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए बेहतर वीज़ा नियम और अधिक छात्रवृत्ति दे रहे हैं।

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ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज को हो रहा नुकसान

भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों से मिलने वाली ट्यूशन फीस ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज के लिए एक बड़ी आय का स्रोत होती है। जब छात्रों की संख्या घटती है, तो इन संस्थानों को राजस्व में भारी कमी का सामना करना पड़ता है। कई विश्वविद्यालयों ने अपने स्टाफ में कटौती शुरू कर दी है और कुछ ने अपने पाठ्यक्रमों को भी सीमित करने का फैसला किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो आने वाले वर्षों में कई विश्वविद्यालयों को अपने संचालन में भारी बदलाव करने पड़ सकते हैं।

UK Universities Face Financial Crisis

छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

ब्रिटेन की सरकार और विश्वविद्यालयों को इस स्थिति से निपटने के लिए ठोस रणनीतियां अपनाने की जरूरत है। कुछ संभावित समाधान निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • वीज़ा नीति में सुधार – ब्रिटेन को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रियाओं को आसान बनाना चाहिए और डिपेंडेंट्स पर लगे प्रतिबंधों की समीक्षा करनी चाहिए।
  • फीस संरचना पर पुनर्विचार – ट्यूशन फीस में स्थिरता लाने और भारतीय छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू करने से उनकी संख्या में वृद्धि हो सकती है।
  • इंडस्ट्री पार्टनरशिप बढ़ाना – ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज को भारतीय कंपनियों और सरकार के साथ साझेदारी करके स्कॉलरशिप और जॉब प्लेसमेंट के अवसर बढ़ाने चाहिए।
  • रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना – भारतीय छात्रों के लिए स्नातक होने के बाद रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने से ब्रिटेन एक आकर्षक अध्ययन स्थल बन सकता है।

निष्कर्ष

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज के लिए भारतीय छात्रों की संख्या में आई गिरावट एक गंभीर चुनौती है। यदि सरकार और विश्वविद्यालय समय रहते सही कदम नहीं उठाते, तो यह संकट और गहरा सकता है। प्रतिस्पर्धी देशों से मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन को अपनी शिक्षा नीतियों में लचीलापन लाना होगा और अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए नए उपाय अपनाने होंगे।

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