Earth shook again in Myanmar: 5.5 तीव्रता के भूकंप से दहशत, क्या यह बड़ा खतरे का संकेत है?
April 14, 2025
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भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो पल भर में ज़िंदगी, संपत्ति और व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर सकती है। म्यांमार इस समय लगातार भूगर्भीय झटकों से जूझ रहा
भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो पल भर में ज़िंदगी, संपत्ति और व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर सकती है। म्यांमार इस समय लगातार भूगर्भीय झटकों से जूझ रहा है। 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के बाद अब एक और भूकंप 5.5 तीव्रता के साथ मीकतिला क्षेत्र में दर्ज किया गया है। इसने न केवल लोगों के मन में भय और असुरक्षा को और गहरा किया है, बल्कि वैज्ञानिकों और प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी है।
हालिया भूकंप की जानकारी
तारीख: 14 अप्रैल 2025 स्थान: मीकतिला, म्यांमार तीव्रता: 5.5 समय: सुबह के घंटे (स्थानीय समय अनुसार) गहराई: लगभग 10 किलोमीटर प्रभाव: अफरातफरी, कुछ इमारतों में हल्के नुकसान, लोगों का घरों से बाहर निकलना
यह भूकंप भले ही उतना विनाशकारी नहीं था, लेकिन पहले से डरे हुए लोग एक बार फिर सड़कों पर निकल आए और इलाके में दहशत का माहौल बन गया।
28 मार्च के भूकंप की पृष्ठभूमि
28 मार्च 2025 को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने देश के कई इलाकों को हिला कर रख दिया था। इस भूकंप में:
सैकड़ों लोगों की मौत
हजारों घायल
सैकड़ों इमारतें ध्वस्त
संचार और बिजली व्यवस्था ठप
इस भूकंप ने म्यांमार को आर्थिक और मानसिक रूप से बुरी तरह झकझोर दिया।
क्या 5.5 तीव्रता का भूकंप आफ्टरशॉक है?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, इस प्रकार के मध्यम स्तर के भूकंप, बड़े भूकंप के बाद ‘आफ्टरशॉक्स‘ (aftershocks) के रूप में आते हैं। ये आफ्टरशॉक्स:
धरती के अंदर तनाव के पुनर्संतुलन का संकेत होते हैं
कई हफ्तों या महीनों तक आते रहते हैं
कभी-कभी फिर से विनाशकारी रूप भी ले सकते हैं
इसलिए 5.5 तीव्रता का यह भूकंप, 28 मार्च के झटके का ही हिस्सा माना जा रहा है।
म्यांमार क्यों है भूकंप के प्रति संवेदनशील?
म्यांमार एक ऐसा देश है जो “सीमांत प्लेटों” (tectonic plates) के संगम पर स्थित है। विशेष रूप से:
भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव क्षेत्र में
इन प्लेटों की हलचलें ही म्यांमार को बार-बार हिला देती हैं
भूकंप ज़ोन IV और V में आता है
म्यांमार की भौगोलिक स्थिति इसे एक उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में शामिल करती है।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक असर
लगातार झटकों से लोगों में डर और मानसिक तनाव का स्तर बढ़ गया है।
बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं
लोग घरों में रहने से डर रहे हैं
अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ बढ़ रही है
अफवाहों और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं का फैलाव भी चिंता का विषय बना हुआ है
प्रशासन की तैयारी और प्रतिक्रिया
भूकंप के बाद प्रशासन ने:
राहत टीमों को सक्रिय किया
इमारतों की जांच शुरू करवाई
पुनर्वास केंद्र बनाए
जनता को अलर्ट रहने और फर्जी खबरों से बचने की अपील की
हालांकि अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां राहत कार्यों को तेज करने की ज़रूरत है।
भारत और अंतरराष्ट्रीय मदद
भारत ने म्यांमार के 28 मार्च के भूकंप के बाद:
राहत सामग्री भेजी
मेडिकल टीम्स उपलब्ध कराई
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर UN और ASEAN देशों से भी मदद मिलने की उम्मीद जताई गई
भविष्य में भी भारत की ओर से और सहायता भेजी जा सकती है।
भविष्य की तैयारी: सतर्कता ही सुरक्षा
बार-बार के भूकंप म्यांमार को चेतावनी दे रहे हैं कि अब समय आ गया है कि:
भूकंपरोधी निर्माण को अनिवार्य किया जाए
जनता को जागरूक किया जाए—सेफ्टी ड्रिल्स, प्राथमिक उपचार की जानकारी
भूकंप अलर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाए
भूगर्भीय अध्ययन को बढ़ावा दिया जाए ताकि भविष्य में संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा सके
निष्कर्ष
म्यांमार का हालिया भूकंप सिर्फ एक आफ्टरशॉक नहीं है, यह एक चेतावनी है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में यह संकट और गहरा हो सकता है। प्रशासन, वैज्ञानिक समुदाय और जनता सभी को मिलकर इस खतरे से निपटने की तैयारी करनी होगी।
बार-बार आने वाले भूकंप यही बता रहे हैं कि धरती हमें संकेत दे रही है, और अब वक्त है उन संकेतों को समझने और उस पर कदम उठाने का।