Delhi Murder Case: एक नाक की पिन ने खोला मर्डर का राज, कारोबारी निकला पत्नी का हत्यारा
- April 12, 2025
- 0
दिल्ली की सड़कों पर अपराध की कहानियां कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन कुछ मामले इतने चौंकाने वाले होते हैं कि रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही
दिल्ली की सड़कों पर अपराध की कहानियां कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन कुछ मामले इतने चौंकाने वाले होते हैं कि रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही
दिल्ली की सड़कों पर अपराध की कहानियां कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन कुछ मामले इतने चौंकाने वाले होते हैं कि रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही एक केस हाल ही में तब सामने आया जब दक्षिणी दिल्ली के एक नाले में एक महिला की लाश बरामद की गई।
कोई दस्तावेज़, कोई मोबाइल फोन, कोई ID—कुछ भी नहीं था जिससे महिला की पहचान हो सके। लेकिन उसके शव पर मिली एक नोज पिन (नाक की पिन) ने पूरी कहानी को एक नया मोड़ दे दिया।
घटना की शुरुआत होती है दक्षिण दिल्ली के एक नाले से, जहाँ स्थानीय लोगों ने दुर्गंध आने की शिकायत की। पुलिस ने जांच की तो वहां एक महिला का सड़ा-गला शव मिला। शरीर की हालत ऐसी थी कि पहचान कर पाना नामुमकिन था।
लेकिन पुलिस को महिला के चेहरे पर एक नोज पिन दिखी, जो बाकी शरीर की तरह क्षतिग्रस्त नहीं थी। यहीं से एक सधी हुई पुलिस जांच की शुरुआत हुई।
पुलिस ने शव पर मिली नोज पिन की डिजाइन और ब्रांड को ध्यान में रखते हुए पास के ज्वेलरी स्टोर्स में पूछताछ शुरू की। सौभाग्यवश, एक ज्वेलरी स्टोर में उस तरह की नोज पिन की बिक्री हुई थी और उसकी बिलिंग रसीद आज भी रिकॉर्ड में थी।
बिल में नाम था – अनिल कुमार, एक प्रॉपर्टी डीलर, जो गुरुग्राम के एक फार्महाउस में रहता है। जब पुलिस ने अनिल कुमार से संपर्क किया, तो उनकी कहानी में असंख्य झोल पाए गए।
जब पुलिस ने अनिल से उसकी पत्नी के बारे में सवाल किए, तो उसके जवाब घबराए हुए और असंगत लगे। पहले उसने कहा कि उसकी पत्नी मायके गई है, फिर कहा कि वह घर छोड़कर चली गई।
जब पुलिस ने नोज पिन की खरीदारी और महिला के शव से जुड़े सबूत उसके सामने रखे, तो वह टूट गया। उसने कबूल किया कि वही अपनी पत्नी का हत्यारा है।
अनिल और उसकी पत्नी के बीच पिछले कुछ महीनों से तनाव चल रहा था। अक्सर झगड़े होते थे, और अनिल का अपनी पत्नी पर शक बढ़ता जा रहा था। अनिल को लगता था कि उसकी पत्नी उसके खिलाफ साजिश कर रही है, और शायद किसी और से संबंध रखती है।
इन्हीं शक और झगड़ों के चलते उसने एक दिन गुस्से में आकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने शव को ठिकाने लगाने के लिए दक्षिण दिल्ली के नाले में फेंक दिया ताकि कोई पहचान न कर सके।
अनिल ने बड़ी सावधानी से अपने सारे डिजिटल ट्रेस मिटाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच से उसकी झूठी कहानी उजागर हो गई।
उसके फार्महाउस से खून के धब्बे, उसके मोबाइल की लोकेशन, और ज्वेलरी स्टोर की बिलिंग—इन सबने मिलकर एक मजबूत केस तैयार कर दिया।
यह घटना हमें कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती है:
इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने जो सक्रिय और तकनीकी तरीके अपनाए, उसकी तारीफ की जानी चाहिए। न केवल उन्होंने हत्या की गुत्थी सुलझाई, बल्कि यह भी दिखाया कि आज भी सिस्टम में कुछ लोग ईमानदारी से काम कर रहे हैं।
एक सुंदर नोज पिन, जो शायद प्रेम का प्रतीक थी, वही कातिल की पहचान का कारण बन गई। यह कहानी दर्दनाक जरूर है, लेकिन सोचने वाली भी है—क्या रिश्ते इतनी जल्दी टूट जाते हैं कि हत्या जैसे कदम उठाने पड़ें?
यह जरूरी है कि समाज में संवाद, काउंसलिंग और भावनात्मक समझ को बढ़ावा मिले ताकि इस तरह के ट्रैजिक एंड्स रोके जा सकें।