Asaduddin Owaisi expressed anger over Pahalgam terrorist attack, पाकिस्तान को बताया जिम्मेदार
- April 24, 2025
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पैरा 1: हमले की निंदा और पाकिस्तान पर हमला 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में
पैरा 1: हमले की निंदा और पाकिस्तान पर हमला 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में
23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में कई जवान शहीद हुए और कई घायल हो गए। इस जघन्य घटना पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह हमला उरी और पुलवामा से भी ज्यादा निंदनीय है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है।
ओवैसी ने अपने बयान में साफ कहा कि यह हमला सीधा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का उदाहरण है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। वह बार-बार भारत में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है। अब वक्त आ गया है कि उसे सख्त जवाब दिया जाए।” उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस हमले पर मजबूत और निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
ओवैसी ने हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।” उन्होंने घायल जवानों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और उनके परिवारों के साथ एकजुटता जताई।
ओवैसी ने अपने बयान में केंद्र सरकार से सवाल किया कि “आखिर बार-बार हमारी सीमा में आतंकवादी कैसे घुस आते हैं? हमारी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट क्यों नहीं थीं?” उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब देश को केवल कड़ी निंदा नहीं, बल्कि प्रभावशाली कार्रवाई चाहिए।
ओवैसी ने विपक्षी नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सभी नेताओं को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
अपने बयान के अंत में ओवैसी ने आम जनता से भी अपील की कि वे सांप्रदायिक नफरत से बचें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और इसका मुकाबला पूरे देश को मिलकर करना होगा।
असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान दिखाता है कि पहलगाम हमले ने देश के हर कोने में गुस्सा और दुख पैदा किया है। अब जनता और विपक्ष दोनों केंद्र सरकार से सख्त एक्शन की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति न हो सके।