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70 Pakistani citizens returned to India from Attari border: NORI वीजा पर मिली वापसी की अनुमति

  • April 29, 2025
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भारत-पाकिस्तान संबंधों के बीच हालात चाहे जैसे भी रहें, दोनों देशों के बीच मानवीय मुद्दे हमेशा चर्चा में रहते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक उदाहरण देखने

70 Pakistani citizens returned to India from Attari border: NORI वीजा पर मिली वापसी की अनुमति

भारत-पाकिस्तान संबंधों के बीच हालात चाहे जैसे भी रहें, दोनों देशों के बीच मानवीय मुद्दे हमेशा चर्चा में रहते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला जब 70 पाकिस्तानी नागरिक, जो “नो ऑब्लीगेशन टू रिटर्न टू इंडिया” (NORI) वीजा धारक थे, भारत में अटारी सीमा के रास्ते वापस लौटे। यह वापसी ऐसे समय में हुई है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है।

घटना की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे घातक हमला माना जा रहा है। इस घटना के बाद नई दिल्ली में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की आपात बैठक हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए। इन्हीं फैसलों में से एक था अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करना।

लेकिन मानवीय आधार पर भारत सरकार ने NORI वीजा धारकों को एक विशेष अनुमति दी। सोमवार को कुल 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी बॉर्डर से भारत में प्रवेश कर गए।

70 Pakistani citizens

NORI वीजा क्या है?
“NORI” यानी “No Obligation to Return to India” वीजा एक विशेष प्रकार का वीजा है जो उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने भारत छोड़ दिया है और भारत लौटने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं रखते। यह वीजा मुख्य रूप से उन लोगों के लिए होता है जो भारत में अस्थायी निवास के बाद अन्य देशों में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं।

हालांकि, इस घटना में जिन पाकिस्तानी नागरिकों की बात हो रही है, वे वे लोग हैं जो भारत में विवाह या पारिवारिक कारणों से अस्थायी रूप से रह रहे थे।

पहले क्यों नहीं मिली थी अनुमति?
पिछले कुछ महीनों से, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में पुनः प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था, विशेष रूप से उन नागरिकों पर जो भारत में विवाह के बाद रह रहे थे। यह कदम देश की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था।

हालांकि, कई परिवारों के जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। कई महिलाएं, जो भारतीय नागरिकों से विवाह कर चुकी थीं, अपने जीवनसाथी से अलग हो गई थीं। ऐसे मानवीय पहलुओं को देखते हुए भारत सरकार ने NORI वीजा धारकों को राहत दी।

क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?

  • मानवीय दृष्टिकोण: भारत ने यह दिखाया कि आतंकवाद के खिलाफ सख्ती के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं का भी सम्मान करना चाहिए।
  • पारिवारिक पुनर्मिलन: कई परिवार जो महीनों से अलग थे, अब एकजुट हो पाएंगे।
  • सकारात्मक संदेश: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने यह संदेश दिया कि वह कानून और सुरक्षा का पालन करते हुए भी मानवता को प्राथमिकता देता है।

भविष्य की चुनौतियाँ
हालांकि, इस फैसले के बाद कुछ सुरक्षा चिंताएं भी बनी हुई हैं। भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस छूट का दुरुपयोग न हो और केवल वास्तविक कारणों से लौटने वालों को ही प्रवेश मिले। इसके लिए:

  • सख्त दस्तावेज़ सत्यापन
  • नियमित निगरानी
  • स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा रिपोर्टिंग सिस्टम
    जैसे उपाय किए जाने आवश्यक होंगे।

निष्कर्ष
70 पाकिस्तानी नागरिकों का भारत में प्रवेश एक ऐसा निर्णय है जो मानवीयता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने का उदाहरण है। जहां एक ओर देश अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति सजग है, वहीं दूसरी ओर वह उन लोगों के प्रति भी संवेदनशील है जिनके जीवन में राजनीतिक या भौगोलिक विवादों ने अनचाहा असर डाला है।

भविष्य में भी उम्मीद की जा सकती है कि भारत इसी प्रकार संवेदनशील मामलों में विवेकपूर्ण निर्णय लेता रहेगा, ताकि मानवता और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों का सम्मान बना रहे।

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