YouTuber gets into trouble for flying a drone: तिरुमाला मंदिर पर उड़ान ने दिलाई हिरासत
April 16, 2025
0
तिरुपति स्थित तिरुमाला मंदिर, भारत के सबसे पवित्र और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जहाँ हर साल करोड़ों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए आते हैं।
तिरुपति स्थित तिरुमाला मंदिर, भारत के सबसे पवित्र और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जहाँ हर साल करोड़ों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए आते हैं। यहां सुरक्षा और नियमों का पालन अत्यंत जरूरी माना जाता है। हाल ही में एक राजस्थानी यूट्यूबर अंशुमान तरेजा ने इस पवित्र स्थल के ऊपर ड्रोन उड़ाकर नियमों का उल्लंघन किया, जिसकी वजह से उसे न केवल हिरासत में लिया गया बल्कि उसके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
मामला मंगलवार का है जब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के सतर्कता कर्मचारियों ने तिरुमाला के हरिनाम संकीर्तन मंडपम क्षेत्र में एक ड्रोन को उड़ते हुए देखा। इस ड्रोन को एक यूट्यूबर अंशुमान तरेजा उड़ा रहा था, जो राजस्थान से आया था। बिना अनुमति के पवित्र क्षेत्र में ड्रोन उड़ाना गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना जाता है। TTD कर्मचारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अंशुमान को हिरासत में ले लिया और ड्रोन को जब्त करके पुलिस को सौंप दिया।
इसके बाद पुलिस ने यूट्यूबर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह स्पष्ट नहीं है कि अंशुमान ड्रोन से केवल वीडियो बना रहा था या उसका उद्देश्य कुछ और था, लेकिन इस घटना ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्यों है तिरुमाला मंदिर इतना संवेदनशील स्थान?
तिरुमाला मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है और यह न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर दुनियाभर के सबसे अमीर धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ प्रतिदिन हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं, और त्योहारों के समय यह संख्या लाखों तक पहुंच जाती है।
इस मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा किया जाता है, जो एक स्वतंत्र ट्रस्ट है लेकिन आंध्र प्रदेश सरकार के नियंत्रण में कार्य करता है। TTD का मुख्य कार्य मंदिर की पूजा-पद्धति, सुरक्षा, भक्तों की सुविधा, दान-प्रबंधन और धार्मिक गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
ड्रोन उड़ाने पर क्यों है प्रतिबंध?
तिरुमाला मंदिर जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाना कानूनन प्रतिबंधित है। इसका प्रमुख कारण है सुरक्षा का जोखिम। ड्रोन से किसी प्रकार की जासूसी, बम विस्फोट या अन्य अवांछनीय गतिविधियाँ की जा सकती हैं। इसके अलावा, मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ और उनकी गोपनीयता का उल्लंघन भी एक बड़ा मुद्दा है।
TTD ने पहले भी स्पष्ट रूप से निर्देश जारी किए हैं कि बिना पूर्व अनुमति के कोई भी व्यक्ति मंदिर परिसर के आसपास ड्रोन या अन्य उड़ने वाले उपकरण का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
सोशल मीडिया का दबाव और यूट्यूबर की गलती
आज के डिजिटल युग में यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर वायरल कंटेंट की तलाश में सीमाएं लांघने से भी नहीं हिचकते। तिरुमाला जैसे धार्मिक स्थलों पर वीडियो बनाना, भक्तों और धार्मिक आस्थाओं को दर्शाने का एक माध्यम हो सकता है, लेकिन इसके लिए सरकारी और प्रशासनिक अनुमति जरूरी होती है।
राजस्थान के यूट्यूबर अंशुमान तरेजा ने सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने की चाह में शायद यह कदम उठाया होगा, लेकिन उसने यह नहीं सोचा कि यह न केवल अवैध है बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी आहत कर सकता है।
कानूनी पहलू: यूट्यूबर पर क्या कार्रवाई संभव है?
अंशुमान तरेजा पर तिरुपति पुलिस ने आईटी एक्ट, एयरक्राफ्ट रूल्स, और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो उसे जुर्माना, ड्रोन की जब्ती के साथ-साथ जेल की सजा भी हो सकती है।
TTD ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में यदि कोई और इस प्रकार की गतिविधि में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और ड्रोन जैसे उपकरणों की भूमिका
ड्रोन तकनीक का उपयोग आज फिल्मों, शादियों और समाचार रिपोर्टिंग में बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन जब बात आती है धार्मिक और संवेदनशील स्थलों की, तो इनका अनियंत्रित प्रयोग खतरे की घंटी साबित हो सकता है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे ड्रोन उपयोग पर स्पष्ट दिशानिर्देश और डिजिटल संवेदीकरण अभियान चलाएं ताकि आम जनता को इस बात की जानकारी हो कि कब, कहाँ और कैसे ड्रोन का प्रयोग किया जा सकता है।
TTD की सख्ती: सुरक्षा को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति
TTD ने हमेशा सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया है। मंदिर के चारों ओर CCTV कैमरे, बायोमेट्रिक सिस्टम, मेटल डिटेक्टर और सतर्कता दल तैनात रहते हैं। ड्रोन उड़ाने की घटना से यह साबित होता है कि सुरक्षा व्यवस्था चौकस है, जिसने तुरंत कार्रवाई कर यूट्यूबर को पकड़ लिया।
निष्कर्ष: आस्था के स्थानों पर नियमों का सम्मान जरूरी
तिरुमाला मंदिर पर ड्रोन उड़ाने की यह घटना केवल एक यूट्यूबर की गलती नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक चेतावनी भी है कि डिजिटल क्रिएटिविटी के नाम पर हम कानून, मर्यादा और धार्मिक भावनाओं की अनदेखी न करें। धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
आवश्यक है कि कंटेंट क्रिएटर नियमों की जानकारी लें, अनुमति प्राप्त करें और संवेदनशील स्थलों पर संयम बरतें। क्योंकि एक गलत कदम आपको हिरासत तक पहुँचा सकता है, जैसा कि अंशुमान तरेजा के साथ हुआ।