Liver Donor बनने के बाद शरीर में क्या होता है बदलाव? एक्सपर्ट की राय जानिए
- April 18, 2025
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जब लिवर में गंभीर बीमारी हो जाती है और वह ठीक से काम नहीं करता, तो डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। यह प्रक्रिया तब संभव होती
जब लिवर में गंभीर बीमारी हो जाती है और वह ठीक से काम नहीं करता, तो डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। यह प्रक्रिया तब संभव होती
जब लिवर में गंभीर बीमारी हो जाती है और वह ठीक से काम नहीं करता, तो डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। यह प्रक्रिया तब संभव होती है जब कोई व्यक्ति अपना लिवर दान करने को तैयार हो। अब सवाल यह उठता है कि जो व्यक्ति लिवर डोनेट करता है, उसके शरीर पर इसका क्या असर पड़ता है? क्या उसका लिवर फिर से बनता है? इस बारे में दिल्ली एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के पूर्व विशेषज्ञ डॉ. अनन्य गुप्ता जानकारी देते हैं।
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि लिवर एक ऐसा अंग है जो पूरी तरह खराब होने तक काम करता रहता है, लेकिन कुछ गंभीर बीमारियों में यह अपना कार्य बंद कर देता है। ऐसे में ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। डोनर जब अपना लिवर दान करता है, तो वह पूरा नहीं बल्कि केवल एक हिस्सा होता है, जिसे मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। यह स्वस्थ हिस्सा धीरे-धीरे खराब लिवर की मरम्मत शुरू करता है और उसे दोबारा कार्यशील बना देता है।
लिवर डोनेट करने की प्रक्रिया में तीन मुख्य चरण होते हैं — मूल्यांकन, सर्जरी और रिकवरी। इस सर्जरी के बाद डोनर को करीब 5 से 7 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, लिवर डोनेट करने के बाद लगभग 6 से 8 हफ्तों में वह 80% तक अपने पुराने आकार में लौट आता है और पूरी तरह ठीक होने में करीब 6 महीने का समय लग सकता है।
डोनर को डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लेनी चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए। इसके साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है — जैसे कि संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना। अधिक तली-भुनी और वसायुक्त चीज़ों से परहेज करें। जब तक लिवर पूरी तरह से ठीक होकर सामान्य रूप से काम करना शुरू न कर दे, तब तक शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली कोई भी चीज़ या गतिविधि से बचना चाहिए।
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