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Boon in diabetes control: कोम्बुचा की चाय से ब्लड शुगर पर पाएँ काबू, जानें इसके अनगिनत फायदे

  • April 16, 2025
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डायबिटीज आज के समय में एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। भारत में तो हालात और भी गंभीर हैं, जहां हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज या प्री-डायबिटिक स्थिति

Boon in diabetes control: कोम्बुचा की चाय से ब्लड शुगर पर पाएँ काबू, जानें इसके अनगिनत फायदे

डायबिटीज आज के समय में एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। भारत में तो हालात और भी गंभीर हैं, जहां हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज या प्री-डायबिटिक स्थिति से जूझ रहा है। ऐसे में लाइफस्टाइल बदलाव, खानपान पर नियंत्रण और प्राकृतिक विकल्पों की तलाश तेजी से बढ़ी है। कोम्बुचा (Kombucha) की चाय इस दिशा में एक नया और प्रभावी उपाय बनकर सामने आई है।

कोम्बुचा एक फर्मेंटेड टी ड्रिंक है जो न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है। कई शोधों और विशेषज्ञों के अनुसार, कोम्बुचा चाय नियमित रूप से पीने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में काफी मदद मिल सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कोम्बुचा क्या है, यह कैसे डायबिटीज में मददगार है, और इसे किस तरह से अपने डेली रूटीन में शामिल किया जा सकता है।

हालांकि इसमें चीनी डाली जाती है, लेकिन फर्मेंटेशन के दौरान ज्यादातर शुगर बैक्टीरिया और यीस्ट द्वारा खपत कर ली जाती है। नतीजा यह होता है कि तैयार ड्रिंक में बहुत कम मात्रा में शुगर बचती है और यह शरीर के लिए सुरक्षित हो जाती है – खासकर डायबिटिक लोगों के लिए।

Boon in diabetes control

डायबिटीज में कोम्बुचा कैसे फायदेमंद है?

1. ब्लड शुगर लेवल करता है नियंत्रित

हाल ही में एक अमेरिकी अध्ययन में पाया गया कि कोम्बुचा की नियमित खपत से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल में कमी आई। एक महीने तक कोम्बुचा पीने से औसतन 20-30% तक ब्लड शुगर कम हुआ। इसका मुख्य कारण इसमें मौजूद ग्लूकोनिक एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स हैं जो शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं।

2. प्रोबायोटिक्स से डाइजेशन बेहतर होता है

डायबिटिक मरीजों में अक्सर डाइजेशन की समस्या होती है। कोम्बुचा में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों की हेल्थ को सुधारते हैं और गट हेल्थ मजबूत बनाते हैं। गट हेल्थ का डायबिटीज कंट्रोल से सीधा संबंध है।

3. इंसुलिन रेसिस्टेंस को करता है कम

कोम्बुचा के सेवन से शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनती हैं। इसका मतलब है कि शरीर कम मात्रा में इंसुलिन में भी बेहतर तरीके से ब्लड शुगर प्रोसेस कर पाता है।

4. शुगर क्रेविंग को करता है कम

कोम्बुचा में हल्की मिठास होती है, लेकिन यह प्राकृतिक होती है और शुगर की क्रेविंग को कम कर देती है। इससे डायबिटिक व्यक्ति को मीठे से दूर रहने में मदद मिलती है।

अन्य फायदे जो कोम्बुचा को बनाते हैं सुपरड्रिंक

  • डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक
    कोम्बुचा लिवर को डिटॉक्स करता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है।
  • इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है
    इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
  • वजन कम करने में मददगार
    कोम्बुचा मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है – जो डायबिटीज में बेहद ज़रूरी है।
  • एनर्जी बूस्टर
    कोम्बुचा में मौजूद नैचुरल कंपाउंड्स थकान को दूर करते हैं और शरीर को तरोताजा बनाए रखते हैं।

कोम्बुचा को कब और कैसे लें?

  • दिन में एक बार या दो बार (100-150 ml) कोम्बुचा लेना सुरक्षित माना जाता है।
  • इसे सुबह खाली पेट या लंच के बाद लिया जा सकता है ताकि डाइजेशन बेहतर हो और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे।
  • शुरुआत में इसे कम मात्रा से शुरू करें ताकि शरीर इसकी आदत बना सके।
Boon in diabetes control

कोम्बुचा खरीदते वक्त किन बातों का रखें ध्यान?

  1. शुगर कंटेंट
    पैक्ड कोम्बुचा में शुगर अधिक हो सकती है, इसलिए हमेशा लेबल जरूर पढ़ें। 3-4 ग्राम प्रति 100ml से कम शुगर वाला कोम्बुचा चुनें
  2. प्रिजर्वेटिव्स से बचें
    केमिकल या आर्टिफिशियल फ्लेवर वाले ड्रिंक्स से बचें। ऑर्गेनिक और नैचुरल कोम्बुचा बेहतर विकल्प है।
  3. घर पर बनाना भी एक विकल्प
    अगर आप चाहें तो कोम्बुचा को घर पर भी बना सकते हैं। इसमें थोड़ा समय लगता है लेकिन यह ज्यादा हेल्दी और किफायती होता है।

डायबिटिक मरीजों के लिए सावधानियाँ

  • कोम्बुचा की शुरुआत करने से पहले अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह जरूर लें।
  • जिन लोगों को एसिडिटी या पेट की समस्या हो, वे कोम्बुचा धीरे-धीरे कम मात्रा से शुरू करें।
  • शुगर लेवल मॉनिटर करते रहें ताकि किसी तरह का साइड इफेक्ट न हो।

निष्कर्ष: कोम्बुचा – डायबिटीज में एक प्राकृतिक सहायक

डायबिटीज के मरीजों के लिए कोम्बुचा किसी वरदान से कम नहीं है। यह न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में भी सहायक है। यदि इसे संतुलित मात्रा में लिया जाए और उचित मॉनिटरिंग के साथ अपने रूटीन में शामिल किया जाए, तो यह इंसुलिन की निर्भरता कम करने और शुगर मैनेजमेंट बेहतर करने में बेहद कारगर साबित हो सकता है।

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