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Record breaking heatwave hits India and Pakistan: डेथ वैली जैसी गर्मी, जनजीवन पर गहराता संकट

  • April 16, 2025
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अप्रैल 2025 का महीना दक्षिण एशिया के दो बड़े देशों—भारत और पाकिस्तान—के लिए इतिहास की सबसे खतरनाक गर्मियों में दर्ज होने वाला है। मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी के

Record breaking heatwave hits India and Pakistan: डेथ वैली जैसी गर्मी, जनजीवन पर गहराता संकट

अप्रैल 2025 का महीना दक्षिण एशिया के दो बड़े देशों—भारत और पाकिस्तान—के लिए इतिहास की सबसे खतरनाक गर्मियों में दर्ज होने वाला है। मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी के मुताबिक, आने वाले दिनों में तापमान इतना बढ़ सकता है कि अमेरिका की डेथ वैली जैसी गर्मी का अनुभव इन क्षेत्रों में होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जो न सिर्फ मानव स्वास्थ्य बल्कि फसल, जल आपूर्ति, ऊर्जा और आर्थिक गतिविधियों पर भी गहरा असर डालेगा।

गर्मी के बढ़ते कदम: अप्रैल में ही तोड़े रिकॉर्ड

भारत में अप्रैल के शुरुआती दो हफ्तों में ही उत्तर-पश्चिमी राज्यों जैसे राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान 40 से 44 डिग्री तक पहुंच चुका है।
मौसम विभाग के अनुसार, यह औसत से 5 से 7 डिग्री ज्यादा है। आमतौर पर मई-जून में ऐसी गर्मी देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह हीटवेव अप्रैल में ही अपने चरम पर पहुंच रही है।

इसी तरह पाकिस्तान में भी गर्मी का स्तर चिंताजनक है। बलूचिस्तान, सिंध और पंजाब के इलाकों में 14 से 18 अप्रैल के बीच तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की चेतावनी दी गई है।

हीटवेव क्या है और यह इतनी खतरनाक क्यों है?

हीटवेव यानी लू वह स्थिति होती है जब किसी क्षेत्र में सामान्य से लगातार कई दिनों तक अत्यधिक तापमान बना रहता है। यह तब और खतरनाक हो जाती है जब:

  • रात के तापमान में भी कोई गिरावट नहीं होती।
  • नमी (ह्यूमिडिटी) के कारण पसीना शरीर को ठंडा नहीं कर पाता।
  • ऊर्जा आपूर्ति बाधित हो जाए और लोग ठंडी हवा, पानी और छांव से वंचित रह जाएं।

हीटवेव विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों, मजदूरों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों के लिए जानलेवा बन सकती है।

 India and Pakistan

भारत में ग्रामीण और शहरी संकट

1. किसान और खेत मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित

गांवों में किसान सुबह से लेकर देर शाम तक खेतों में काम करते हैं। लेकिन बढ़ते तापमान के कारण हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना और यहां तक कि मौत के मामले सामने आ रहे हैं।

2. शहरों में बढ़ती बिजली की मांग

दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे शहरों में बिजली की मांग चरम पर है। एसी, कूलर, पंखों की मांग के चलते ग्रिड पर दबाव बढ़ रहा है। अनियमित बिजली कटौती लोगों के लिए जीवन कठिन बना रही है।

3. हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात

अस्पतालों में हीट स्ट्रोक और गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि शरीर का तापमान यदि समय पर नियंत्रित न हो, तो यह दिमाग और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है।

पाकिस्तान की स्थिति और अधिक चिंताजनक

1. आर्थिक संकट और ऊर्जा की कमी

पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस पर हीटवेव ने ऊर्जा आपूर्ति, जल वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं को और चरमरा दिया है।

2. बिजली की 16 घंटे तक कटौती

कई क्षेत्रों में लोग 16 घंटे तक बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। इससे वॉटर कूलर, पंखे और मेडिकल उपकरणों का उपयोग प्रभावित हो रहा है।

3. खाद्य और जल संकट

गर्मी के कारण फसलों की पैदावार कम हो रही है। सिंचाई के लिए पानी की कमी और उच्च तापमान के कारण फसलें झुलस रही हैं। ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की उपलब्धता भी तेजी से घट रही है।

फसल, अर्थव्यवस्था और ऊर्जा पर असर

1. कृषि संकट

  • गेहूं, धान, सब्जियों जैसी फसलें इस गर्मी के कारण जलकर बर्बाद हो सकती हैं
  • उत्पादन घटने से कीमतों में तेजी आएगी, जिससे महंगाई बढ़ेगी।

2. ऊर्जा खपत में वृद्धि

  • तापमान बढ़ने के साथ-साथ कूलिंग डिवाइसेज़ की मांग बढ़ी है।
  • कोयले और गैस आधारित बिजली संयंत्रों पर दबाव बढ़ रहा है।

3. स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव

  • सरकारी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर्स और संसाधनों की कमी के कारण हालात और खराब हैं।

जनता को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  • दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें।
  • हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें और सिर को ढंकें।
  • पानी और ORS का सेवन लगातार करें।
  • खुली धूप में बच्चों और बुजुर्गों को न जाने दें।
  • खेतों या खुले इलाकों में काम करते समय छांव और ब्रेक लें।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

भारत और पाकिस्तान की सरकारों को चाहिए कि वे:

  • शीतगृह (Cooling Shelters) की व्यवस्था करें।
  • पानी की आपूर्ति को प्राथमिकता दें।
  • हेल्थ इमरजेंसी सेंटर्स स्थापित करें।
  • लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं।
  • बिजली ग्रिड की मजबूती के लिए तात्कालिक उपाय करें।

निष्कर्ष: एक साझा संकट, साझा समाधान की जरूरत

भारत और पाकिस्तान की सीमाएं भले ही अलग हों, लेकिन जलवायु परिवर्तन और गर्मी का यह संकट साझा है। यह जरूरी है कि दोनों देश जलवायु अनुकूल नीतियों, हरित ऊर्जा, जल संरक्षण और सामूहिक तैयारी की दिशा में कदम उठाएं।

यह समय है तत्काल कार्रवाई का। हीटवेव को सामान्य घटना मानने की गलती अब बहुत महंगी साबित हो सकती है

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