Recommendation To Ban RAW in America : क्या यह भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करेगा?
March 26, 2025
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वाशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर लक्षित प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की
वाशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर लक्षित प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि भारत को “विशेष चिंता वाले देशों” की सूची में शामिल किया जाए और पूर्व भारतीय अधिकारी विकास यादव पर भी बैन लगाया जाए।
यह सिफारिश ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। इस विवाद के बाद अब सभी की नजरें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी हैं, जो अगर सत्ता में लौटते हैं तो इस पर क्या रुख अपनाएंगे?
USCIRF की सिफारिश और आरोप
USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ खराब व्यवहार किया जा रहा है और सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही। आयोग का कहना है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है।
इसके अलावा, आयोग ने भारतीय खुफिया एजेंसी RAW पर सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिश में शामिल होने का कथित आरोप लगाया है। रिपोर्ट में विशेष रूप से खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू और कनाडा में हुई निज्जर हत्या का जिक्र किया गया है, जिसमें भारत की भूमिका को लेकर अमेरिका और कनाडा में जांच चल रही है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से “पक्षपाती और भ्रामक” बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि USCIRF एक राजनीतिक रूप से प्रेरित संगठन है, जिसका काम भारत की छवि खराब करना है।
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि RAW देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए काम करने वाली एक प्रतिष्ठित एजेंसी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों को खालिस्तानी समर्थकों और पाकिस्तान समर्थित लॉबियों द्वारा प्रभावित किया जा रहा है।
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर?
अमेरिका और भारत इस समय मजबूत रणनीतिक साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, और तकनीक के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं।
हालांकि, अगर अमेरिका की सरकार USCIRF की सिफारिशों को मान लेती है और RAW पर कोई प्रतिबंध लगता है, तो यह दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। इससे पहले भी अमेरिका ने भारत के कुछ अधिकारियों पर वीज़ा बैन लगाया था, लेकिन इसे लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
अब सभी की नजरें डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस सिफारिश को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
निष्कर्ष
USCIRF की सिफारिशों से भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक नई बहस छिड़ गई है। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन इस रिपोर्ट को कितना महत्व देगा, यह देखने वाली बात होगी। भारत के लिए यह मुद्दा उसकी संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ा है, जबकि अमेरिका इसे धार्मिक स्वतंत्रता के नजरिए से देख रहा है।