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Maize Farming Tips: मक्का की धीमी ग्रोथ से परेशान किसान अपनाएं ये आसान उपाय, मिलेंगे जबरदस्त नतीजे

  • April 11, 2025
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भारत में मक्का (Maize) एक प्रमुख खरीफ और रबी फसल बन चुकी है। खासकर सरसों और मटर की कटाई के बाद किसान मक्का की बुवाई करते हैं, ताकि

Maize Farming Tips: मक्का की धीमी ग्रोथ से परेशान किसान अपनाएं ये आसान उपाय, मिलेंगे जबरदस्त नतीजे

भारत में मक्का (Maize) एक प्रमुख खरीफ और रबी फसल बन चुकी है। खासकर सरसों और मटर की कटाई के बाद किसान मक्का की बुवाई करते हैं, ताकि खेत खाली न रहे और एक अतिरिक्त आमदनी का जरिया बन सके। लेकिन कई बार देखा गया है कि मक्के की फसल में ग्रोथ धीमी हो जाती है, पौधे कमजोर दिखते हैं और भुट्टे छोटे रह जाते हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान होता है।

अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो चिंता छोड़िए। यहां हम आपको ऐसे आसान और कारगर उपाय बताएंगे, जिससे आप मक्के की ग्रोथ बढ़ा सकते हैं और 12 इंच तक लंबे भुट्टे हासिल कर सकते हैं।

Maize Farming Tips

मक्के की धीमी ग्रोथ के मुख्य कारण

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि मक्का धीमी गति से क्यों बढ़ता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:

1. मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी

  • विशेषकर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की कमी
  • जैविक तत्व जैसे जिंक, सल्फर की कमी

2. असमान या देर से बुवाई

  • सरसों या मटर की कटाई के तुरंत बाद बुवाई नहीं करना

3. अनियमित सिंचाई

  • जरूरत से ज्यादा या कम पानी

4. कीट व रोगों का हमला

  • स्टेम बोरर, फॉल आर्मी वर्म जैसे कीट

5. असंतुलित उर्वरक का प्रयोग

  • सिर्फ यूरिया डालना, बगैर बाकी पोषक तत्वों के

उपाय: मक्के की बेहतर ग्रोथ के लिए आसान और असरदार टिप्स

1. लिक्विड खाद का प्रयोग करें (Growth Booster)

अब बाजार में कई तरह की लिक्विड फर्टिलाइज़र (जैसे – अमीनो एसिड, ह्यूमिक एसिड, सी वीड एक्सट्रैक्ट) उपलब्ध हैं। यह खाद मक्के की जड़ और पत्तियों दोनों से तेजी से अवशोषित होती है।

उपयोग का तरीका:

  • बुवाई के 25-30 दिन बाद
  • 100 लीटर पानी में 1 लीटर लिक्विड खाद मिलाएं
  • पत्तियों पर छिड़काव करें (Foliar Spray)

इससे मक्का का पौधा तेजी से ग्रो करेगा और भुट्टे मोटे और लंबे बनेंगे।

2. सल्फर और जिंक का संतुलित उपयोग करें

ये दोनों सूक्ष्म पोषक तत्व मक्के की लंबाई, भुट्टे के आकार और पत्तियों की हरीतिमा में अहम भूमिका निभाते हैं।

खुराक:

  • 10 किलो जिंक सल्फेट प्रति एकड़
  • 15 किलो सल्फर प्रति एकड़ (बुवाई के समय)

3. बुवाई के समय दे बेसल डोज

मक्के की अच्छी शुरुआत के लिए बुवाई के समय ही पोषक तत्व डालना जरूरी है।

सुझावित मात्रा प्रति एकड़:

  • DAP: 50 किलो
  • पोटाश: 25 किलो
  • यूरिया: 20 किलो (शुरुआती डोज)

इसके बाद 20-25 दिन में टॉप ड्रेसिंग करें।

4. सही सिंचाई तकनीक अपनाएं

मक्का को 3-4 बार सिंचाई की जरूरत होती है:

  • पहली सिंचाई: बुवाई के 7 दिन बाद
  • दूसरी सिंचाई: फूल आने से ठीक पहले
  • तीसरी सिंचाई: दाना भरने की अवस्था में

ध्यान रखें कि खेत में पानी रुके नहीं, वर्ना जड़ सड़ सकती है।

5. फॉल आर्मी वर्म और अन्य कीटों से बचाव

मक्का के सबसे खतरनाक कीटों में फॉल आर्मी वर्म (FAW) का नाम आता है, जो पत्तियों और भुट्टे दोनों को नुकसान पहुंचाता है।

बचाव के लिए:

  • 20 मिली क्लोरोएंथ्रानिलिप्रोल + 10 मिली साइपरमेथ्रिन प्रति 15 लीटर पानी
  • सप्ताह में एक बार छिड़काव करें

6. जैविक उर्वरक और वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग

अगर आप जैविक खेती करना चाहते हैं तो वर्मी कम्पोस्ट और जीवामृत जैसे विकल्प भी मक्के की ग्रोथ में कारगर होते हैं।

वर्मी कम्पोस्ट डोज:

  • 2 टन प्रति एकड़
  • बुवाई से पहले खेत में अच्छी तरह मिलाएं

अतिरिक्त टिप्स (Bonus Farming Tips)

  • सड़ी हुई गोबर खाद का प्रयोग करें – मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी
  • हर 15 दिन में नीम ऑयल स्प्रे करें – कीट नियंत्रण में मदद मिलेगी
  • मुलचिंग करें – नमी बनी रहेगी और खरपतवार कम होंगे
  • सोयाबीन या उड़द की मिश्रित बुवाई करें – मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ेगा

मक्के की बेहतर उपज के लाभ

भुट्टे की लंबाई 10–12 इंच तक पहुंच सकती है
दाने अधिक भरे होंगे, क्वालिटी बेहतर होगी
फसल जल्दी तैयार होगी
कम समय में ज्यादा मुनाफा

निष्कर्ष

मक्के की फसल अगर सही तरीके से संभाली जाए तो यह किसानों के लिए एक बेहद लाभदायक विकल्प बन सकती है। मक्का की ग्रोथ अगर धीमी हो रही है, तो निराश होने की बजाय संतुलित उर्वरक, लिक्विड खाद और कीट नियंत्रण जैसे उपाय अपनाएं। कुछ आसान और कम लागत वाले उपायों से आप शानदार रिजल्ट पा सकते हैं।

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