Bollywood

L2 Empuraan Row: Empuran Film Controversy – मोहनलाल ने मांगी माफी, विवादित सीन होंगे हटाए

  • March 31, 2025
  • 0

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार मोहनलाल की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘एल2: एम्पुरान’ विवादों के घेरे में आ गई है। यह फिल्म 2002 के गुजरात दंगों

L2 Empuraan Row: Empuran Film Controversy – मोहनलाल ने मांगी माफी, विवादित सीन होंगे हटाए

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार मोहनलाल की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘एल2: एम्पुरान’ विवादों के घेरे में आ गई है। यह फिल्म 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ के कारण राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गई है। बीजेपी और आरएसएस से जुड़े संगठनों ने फिल्म में दक्षिणपंथी राजनीति की आलोचना को लेकर नाराजगी जताई है, वहीं कांग्रेस और वामपंथी दलों के कुछ वर्गों ने इसे सराहा है। इस विवाद के बीच मोहनलाल ने माफी मांगते हुए विवादित सीन हटाने का आश्वासन दिया है।

L2 Empuraan Row

फिल्म की पृष्ठभूमि और विवाद की शुरुआत

‘एल2: एम्पुरान’ 2019 में रिलीज़ हुई हिट फिल्म ‘लूसिफर’ का दूसरा भाग है, जिसे मशहूर निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन ने निर्देशित किया है। फिल्म में दक्षिणपंथी राजनीति के संदर्भ और गुजरात दंगों से जुड़ी कुछ घटनाओं के परोक्ष उल्लेख किए गए थे।

27 मार्च 2025 को फिल्म के रिलीज़ होते ही दक्षिणपंथी संगठनों ने सोशल मीडिया पर इसकी कड़ी आलोचना शुरू कर दी। उनका आरोप था कि फिल्म में दक्षिणपंथी नेताओं और संगठनों को नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है। इसके साथ ही, गुजरात दंगों का संदर्भ देकर एक विशेष राजनीतिक विचारधारा को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया गया है।

बीजेपी और आरएसएस की प्रतिक्रिया

बीजेपी और आरएसएस से जुड़े कई नेताओं ने फिल्म की आलोचना की और इसे एक खास एजेंडा के तहत बनाई गई फिल्म करार दिया। सोशल मीडिया पर ‘बायकॉट एम्पुरान’ ट्रेंड करने लगा, जिससे फिल्म निर्माताओं पर दबाव बढ़ने लगा। बीजेपी नेताओं का कहना था कि यह फिल्म जानबूझकर एक पक्ष को दोषी ठहराने और राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई है।

L2 Empuraan Row

मोहनलाल का बयान और माफी

30 मार्च 2025 को मोहनलाल ने एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने फिल्म के विवादित हिस्सों को लेकर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि फिल्म का मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था, बल्कि एक मनोरंजनपरक कहानी प्रस्तुत करना था। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि फिल्म से उन हिस्सों को हटा दिया जाएगा, जिनसे किसी भी समुदाय या राजनीतिक समूह को ठेस पहुंच सकती है।

फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों की प्रतिक्रिया

फिल्म जगत के कई कलाकारों और निर्देशकों ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, तो कुछ ने फिल्म निर्माताओं के फैसले का समर्थन किया। दर्शकों की राय भी बंटी हुई है—जहां कुछ लोग फिल्म में किए गए संशोधनों से खुश हैं, वहीं कुछ को लगता है कि यह रचनात्मक स्वतंत्रता के साथ समझौता है।

क्या होगा आगे?

निर्देशक पृथ्वीराज और निर्माता अंटो जोसेफ ने इस मुद्दे पर विस्तृत टिप्पणी नहीं की है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि फिल्म के विवादित दृश्यों को एडिट कर दिया जाएगा। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बदलावों के बाद भी फिल्म पर विवाद थमता है या नहीं।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सिनेमा को पूरी तरह स्वतंत्र रूप से अपनी बात कहने की अनुमति दी जानी चाहिए, या उसे राजनीतिक और सामाजिक सीमाओं के भीतर रहकर फिल्में बनानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *