ईरान पर हमले के बाद यमन ने इजराइल पर दागी मिसाइल, अमेरिका को दी चेतावनी
- June 28, 2025
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मध्य पूर्व एक बार फिर से युद्ध और तनाव की आग में झुलस रहा है। अमेरिका द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के बाद अब यमन खुलकर
मध्य पूर्व एक बार फिर से युद्ध और तनाव की आग में झुलस रहा है। अमेरिका द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के बाद अब यमन खुलकर
मध्य पूर्व एक बार फिर से युद्ध और तनाव की आग में झुलस रहा है। अमेरिका द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के बाद अब यमन खुलकर सामने आ गया है। यमन ने न सिर्फ अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है, बल्कि इजराइल पर एक बैलेस्टिक मिसाइल दागकर अपने इरादे भी साफ कर दिए हैं। यह हमला इजराइल के कब्जे वाले बीर शेवा क्षेत्र पर हुआ है, जिसे यमनी सेना ने एक “सफल ऑपरेशन” बताया है।
यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने पुष्टि की कि जोलफागर बैलेस्टिक मिसाइल का यह हमला इजराइल के खिलाफ एक रणनीतिक कदम था। उन्होंने कहा कि यमन गाजा में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ चुप नहीं बैठ सकता। याह्या सारी ने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे कुछ भी हो जाए, यमन गाजा के लोगों के समर्थन से पीछे नहीं हटेगा — भले ही इसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
यह पूरा मामला तब भड़क उठा जब अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर कथित तौर पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया। इस हमले ने पूरे क्षेत्र में तनाव की लपटें फैला दीं। ईरान पहले ही इस हमले को अपनी संप्रभुता पर हमला बता चुका है, और इसके जवाब में ईरानी जनता ने बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर एकजुटता का प्रदर्शन किया। वहीं, यमन ने भी अमेरिका और इजराइल को चेतावनी दी कि अगर ईरान को निशाना बनाया गया तो वह युद्ध में कूदने से पीछे नहीं हटेगा।
यमन की ओर से कहा गया कि यह हमला सिर्फ शुरुआत है। याह्या सारी के अनुसार, बीते सप्ताह भी यमन ने इजराइल पर कई ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे जो सफल रहे थे। यमन का दावा है कि ये हमले गाजा के लोगों के साथ एकजुटता और इस्राइली अत्याचारों के विरोध का हिस्सा हैं।
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब लड़ाई सिर्फ इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की नहीं रह गई है, बल्कि यह एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील हो रही है जिसमें यमन, ईरान और अमेरिका जैसे देश प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हो रहे हैं।
यमन ने अमेरिका को भी सख्त लहजे में चेताया है। यमनी प्रवक्ता ने साफ कहा कि अमेरिका को ईरान और यमन के मामलों से दूर रहना चाहिए। यदि अमेरिका ने फिर से ऐसी कोई कार्रवाई की, तो यमन सीधे युद्ध के मैदान में कूद जाएगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है। ट्रंप के हालिया बयानों को “बकवास” करार देते हुए IRGC प्रवक्ता ने कहा कि ईरान अपने शहीदों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईरानी जनता ने आज एकजुटता का जो संदेश दिया है, वह दुश्मनों के लिए साफ संकेत है कि ईरान किसी भी कीमत पर झुकेगा नहीं।
स्थिति दिन-ब-दिन अधिक जटिल होती जा रही है। ईरान, यमन, इजराइल और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने पूरे पश्चिम एशिया को अस्थिर बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस स्थिति को तुरंत कूटनीतिक बातचीत के माध्यम से नहीं सुलझाया गया, तो यह एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकती है।
यमन का इजराइल पर मिसाइल दागना सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक और सामरिक चेतावनी है। यह दर्शाता है कि गाजा संघर्ष अब अंतरराष्ट्रीय मोर्चों तक पहुंच चुका है, जहां क्षेत्रीय शक्तियां भी खुलकर भागीदारी कर रही हैं। अमेरिका, इजराइल और यमन जैसे देशों के बीच बढ़ती तनातनी अब एक बड़े युद्ध की आहट दे रही है — एक ऐसा युद्ध जो केवल इन देशों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है।
FAQs:
यमन ने गाजा में इजराइल के हमलों के विरोध और फिलिस्तीनी जनता के समर्थन में इजराइल पर मिसाइल हमला किया है।
यमन ने जोलफागर बैलेस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया, जिसे उन्होंने “सफल हमला” बताया।
यदि हालात नहीं सुधरे, तो यमन ने अमेरिका को चेताया है कि वह सीधे युद्ध में शामिल हो सकता है।
ईरान ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है और राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी है।
इस संघर्ष के और बढ़ने की स्थिति में यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर पड़ेगा।