कोलकाता लॉ कॉलेज केस: सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार, जांच में नया मोड़
- June 28, 2025
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कोलकाता लॉ कॉलेज केस ने पूरे पश्चिम बंगाल में सनसनी मचा दी है। साउथ कोलकाता स्थित एक नामी लॉ कॉलेज में फर्स्ट ईयर की छात्रा के साथ कथित
कोलकाता लॉ कॉलेज केस ने पूरे पश्चिम बंगाल में सनसनी मचा दी है। साउथ कोलकाता स्थित एक नामी लॉ कॉलेज में फर्स्ट ईयर की छात्रा के साथ कथित
कोलकाता लॉ कॉलेज केस ने पूरे पश्चिम बंगाल में सनसनी मचा दी है। साउथ कोलकाता स्थित एक नामी लॉ कॉलेज में फर्स्ट ईयर की छात्रा के साथ कथित तौर पर गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस मामले में कॉलेज के एक पूर्व छात्र, दो सीनियर छात्र और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे कॉलेज परिसर में बुलाया गया और वहां पर उसके साथ जबरदस्ती की गई। मुख्य आरोपी की पहचान मोनोजीत मिश्रा के रूप में हुई है, जो कॉलेज का पूर्व छात्र है और टीएमसीपी (तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद) के दक्षिण कोलकाता जिला समिति का वर्तमान आयोजन सचिव भी है। यह बात जानकर लोगों को और भी अधिक झटका लगा कि आरोपी न केवल कॉलेज का पूर्व छात्र है, बल्कि वह एक वकील भी है और अलीपुर पुलिस तथा सत्र न्यायालय में आपराधिक मामलों की पैरवी करता है।
कोलकाता लॉ कॉलेज केस में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मोनोजीत मिश्रा समेत अन्य दो सीनियर छात्रों और कॉलेज के सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया। इन सभी को शुक्रवार, 27 जून 2025 को अलीपुर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सभी आरोपियों को 1 जुलाई 2025 तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस का कहना है कि इन सभी आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है और जांच में कई अहम सबूत मिले हैं।
पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट ने उसके साथ हुए सामूहिक बलात्कार की पुष्टि कर दी है। इसके अलावा, न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का गोपनीय बयान भी दर्ज कराया गया, जिससे पुलिस के पास कानूनी आधार और मजबूत हो गया है।
कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में खुद को बचाने की कोशिश की है, लेकिन यह सामने आया है कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को हाल ही में 45 दिनों के अनुबंध पर एक अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे यह साफ होता है कि कॉलेज प्रशासन ने बिना उचित पृष्ठभूमि जांच के ही उसे दोबारा कॉलेज परिसर में घुसने की अनुमति दी।
कॉलेज सूत्रों के अनुसार, दो अन्य आरोपी छात्र पहले से ही कॉलेज में पढ़ रहे थे और पीड़िता से वरिष्ठ थे। सुरक्षा गार्ड की गिरफ्तारी ने कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोलकाता लॉ कॉलेज केस को लेकर राज्य की राजनीति में भी भूचाल आ गया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर ममता सरकार पर सीधा हमला बोला है। वाम दलों, भाजपा, कांग्रेस और एआईडीएसओ के समर्थकों ने कस्बा पुलिस थाने के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई।
विपक्ष का कहना है कि सरकार और प्रशासन कॉलेज परिसरों में छात्रों की सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम रही है। कुछ नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और सरकार आंख मूंदे बैठी है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी कोलकाता लॉ कॉलेज केस का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने कोलकाता पुलिस से तीन दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा है। आयोग ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिया है कि पीड़िता को हर हाल में सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जाए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन ने इस घटना को न केवल दुर्भाग्यपूर्ण बल्कि पूरे राज्य के लिए शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो अन्य आरोपी और मनचले युवकों के हौसले और बढ़ेंगे।
कोलकाता लॉ कॉलेज केस ने शहरवासियों को पिछले साल अगस्त में हुई उस वीभत्स घटना की याद दिला दी, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। दोनों घटनाओं में एक समानता यह है कि आरोपी कॉलेज के अंदर से ही निकले और उन्होंने कॉलेज परिसर को ही अपराध स्थल बना दिया।
इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी परिसरों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और सरकार को और अधिक गंभीर कदम उठाने की जरूरत है।
फिलहाल पीड़िता का इलाज कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि उसकी हालत स्थिर है, लेकिन मानसिक आघात बहुत गहरा है। पुलिस ने बताया कि पीड़िता की हर संभव सहायता के लिए विशेष महिला अधिकारी की देखरेख में काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है।
पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, आपराधिक साजिश, और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम भी बनाई है जो कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच कर रही है।
कोलकाता लॉ कॉलेज केस ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा अभी भी एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है। इस घटना के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार और प्रशासन कॉलेज परिसरों में सुरक्षा के लिए नए दिशानिर्देश बनाएंगे और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करेंगे।
वहीं, आम लोग और छात्र संगठन भी मांग कर रहे हैं कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके। इस केस का न्यायिक निपटारा किस दिशा में जाता है, इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं।
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कोलकाता लॉ कॉलेज केस दक्षिण कोलकाता के एक प्रसिद्ध लॉ कॉलेज में फर्स्ट ईयर की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना से जुड़ा मामला है। इसमें एक पूर्व छात्र, दो सीनियर छात्र और कॉलेज का एक सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गंभीरता से जांच हो रही है।
मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा है, जो कॉलेज का पूर्व छात्र और टीएमसीपी (तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद) का दक्षिण कोलकाता जिला आयोजन सचिव है। इसके अलावा, वह अलीपुर कोर्ट और पुलिस के समक्ष आपराधिक मामलों में वकील भी है।
कॉलेज प्रशासन ने मुख्य आरोपी को हाल ही में 45 दिनों के लिए एक अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया था। घटना के बाद प्रशासन ने पुलिस जांच में सहयोग करने की बात कही है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
फिलहाल पीड़िता कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उसे मानसिक आघात से बाहर लाने के लिए काउंसलिंग और विशेष देखभाल की व्यवस्था की गई है।
कोलकाता लॉ कॉलेज केस को लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। भाजपा, वामपंथी दलों और कांग्रेस ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।