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IndiGo Becomes World’s Most Valuable Airline, ₹2 लाख करोड़ के पार पहुंचा मार्केट कैप

  • April 10, 2025
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भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया जब IndiGo ने दुनिया की सबसे मूल्यवान एयरलाइन बनने का गौरव हासिल किया। यह उपलब्धि न केवल कंपनी के

IndiGo Becomes World’s Most Valuable Airline, ₹2 लाख करोड़ के पार पहुंचा मार्केट कैप

भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया जब IndiGo ने दुनिया की सबसे मूल्यवान एयरलाइन बनने का गौरव हासिल किया। यह उपलब्धि न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए भी गर्व की बात है। IndiGo के शेयरों में 13% की जबरदस्त तेजी आई, जिससे उसका मार्केट कैप ₹2 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया।

कैसे बनी IndiGo दुनिया की नंबर वन एयरलाइन?

IndiGo की यह सफलता किसी एक दिन की मेहनत नहीं, बल्कि सालों की रणनीतिक योजना, लागत नियंत्रण, इंटरनेशनल विस्तार और कस्टमर ट्रस्ट का परिणाम है। इंडिगो ने लगातार अपने फ्लीट साइज, नेटवर्क कनेक्टिविटी, और ऑपरेशन एफिशिएंसी में सुधार किया है।

IndiGo ने दुनिया

वर्तमान में IndiGo के पास 350 से अधिक विमान हैं और यह भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन होने के साथ-साथ इंटरनेशनल स्तर पर भी तेजी से विस्तार कर रही है। कंपनी की ASK (Available Seat Kilometers) यानी सीट क्षमता में भी निरंतर वृद्धि हो रही है।

शेयरों में उछाल और निवेशकों की खुशी

10 अप्रैल 2025 को, कंपनी के शेयरों में 13% की बढ़त दर्ज की गई। इसका सीधा असर कंपनी के मार्केट कैप पर पड़ा, जो ₹2 लाख करोड़ के पार निकल गया। यह आंकड़ा न केवल IndiGo को वैश्विक एयरलाइनों में सबसे ऊपर लाता है, बल्कि निवेशकों के लिए भी यह एक बड़ी जीत है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह तेजी कंपनी की इंटरनेशनल विस्तार योजना, नए विमान खरीदने की रणनीति और प्रतिस्पर्धात्मक किराया नीति के चलते आई है।

मुनाफा घटा, लेकिन रेवेन्यू में रही मजबूती

हालांकि FY25 की तीसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा घटा, लेकिन रेवेन्यू में स्थिरता और वृद्धि देखने को मिली। इसका कारण है इंडिगो की क्षमता बढ़ाने की योजना, इंटरनेशनल रूट्स पर फोकस, और यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी। इससे संकेत मिलता है कि कंपनी लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान दे रही है।

इंटरनेशनल विस्तार बना गेम चेंजर

IndiGo ने हाल के वर्षों में इंटरनेशनल मार्केट में भी खुद को मजबूत किया है। मिडल ईस्ट, साउथ ईस्ट एशिया और यूरोप के नए रूट्स जोड़ने के साथ ही कंपनी अब लंबी दूरी की उड़ानों के लिए भी तैयार हो रही है। इससे उसे वैश्विक स्तर पर ब्रांड पहचान और रेवेन्यू दोनों में इजाफा हुआ है।

निष्कर्ष

IndiGo का दुनिया की सबसे मूल्यवान एयरलाइन बनना न सिर्फ एक माइलस्टोन है, बल्कि यह भारत की विमानन शक्ति को भी वैश्विक मंच पर स्थापित करता है। इंटरनेशनल विस्तार, आधुनिक फ्लीट और मजबूत मैनेजमेंट के दम पर इंडिगो आने वाले समय में भी नई ऊंचाइयों को छू सकती है।

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