Desco Infratech IPO Listing: कैसी होगी वित्त वर्ष 2026 की पहली लिस्टिंग?
- March 31, 2025
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डेस्को इंफ्राटेक का आईपीओ (Initial Public Offering) इस वित्त वर्ष 2026 की पहली लिस्टिंग के रूप में 1 अप्रैल को BSE SME पर दस्तक देने जा रहा है।
डेस्को इंफ्राटेक का आईपीओ (Initial Public Offering) इस वित्त वर्ष 2026 की पहली लिस्टिंग के रूप में 1 अप्रैल को BSE SME पर दस्तक देने जा रहा है।
डेस्को इंफ्राटेक का आईपीओ (Initial Public Offering) इस वित्त वर्ष 2026 की पहली लिस्टिंग के रूप में 1 अप्रैल को BSE SME पर दस्तक देने जा रहा है। इस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था, लेकिन ग्रे मार्केट में इसकी सेहत लगातार गिर रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर इस लिस्टिंग से निवेशकों को क्या उम्मीदें रखनी चाहिए?
डेस्को इंफ्राटेक ने अपने आईपीओ के तहत 30.75 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसके लिए शेयरों की कीमत 150 रुपये प्रति शेयर तय की गई थी। इस इश्यू को निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिला और इसे कई गुना सब्सक्राइब किया गया। हालांकि, ग्रे मार्केट में इस स्टॉक का प्रीमियम तेजी से गिरा है। शुरुआत में इसकी GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 20 रुपये थी, जो अब घटकर मात्र 5 रुपये रह गई है।
ग्रे मार्केट वह अनौपचारिक बाजार होता है जहां आईपीओ के शेयर उनकी लिस्टिंग से पहले ट्रेड किए जाते हैं। डेस्को इंफ्राटेक के शेयर पहले 20 रुपये के प्रीमियम पर उपलब्ध थे, लेकिन अब यह घटकर 5 रुपये हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि लिस्टिंग के समय यह शेयर 155 रुपये के आसपास खुल सकता है, जो इश्यू प्राइस से सिर्फ 3.33% अधिक है। इससे यह संकेत मिलता है कि बाजार में इस शेयर को लेकर निवेशकों का उत्साह ठंडा पड़ गया है।
डेस्को इंफ्राटेक एक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो विभिन्न निर्माण और इंजीनियरिंग सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी के पास मजबूत ऑर्डर बुक है और इसके फाइनेंशियल्स भी संतोषजनक हैं। कंपनी ने आईपीओ से जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल बढ़ाने, मशीनरी खरीदने और कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करने की योजना बनाई है।
डेस्को इंफ्राटेक की लिस्टिंग वित्त वर्ष 2026 की पहली लिस्टिंग होगी, लेकिन ग्रे मार्केट के संकेत बहुत उत्साहजनक नहीं हैं। हालांकि, कंपनी की फंडामेंटल स्थिति मजबूत है और लंबी अवधि में इसके शेयर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए, निवेशकों को शॉर्ट टर्म ट्रेंड्स की बजाय कंपनी के वास्तविक बिजनेस मॉडल और फाइनेंशियल स्ट्रेंथ को ध्यान में रखते हुए निवेश का निर्णय लेना चाहिए।