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भारत ने तोड़ा पाकिस्तान का घमंड: 5 दिन में शेयर बाजार ने निवेशकों को दिए 26.44 लाख करोड़ रुपए, दुनिया भी रह गई हैरान

  • May 17, 2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष और उसके बाद हुए सीजफायर ने सिर्फ कूटनीतिक मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक स्तर पर भी भारत को मजबूती दी

भारत ने तोड़ा पाकिस्तान का घमंड: 5 दिन में शेयर बाजार ने निवेशकों को दिए 26.44 लाख करोड़ रुपए, दुनिया भी रह गई हैरान

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष और उसके बाद हुए सीजफायर ने सिर्फ कूटनीतिक मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक स्तर पर भी भारत को मजबूती दी है। भारतीय शेयर बाजार ने बीते पांच कारोबारी दिनों में जो रफ्तार पकड़ी है, उसने दुनिया भर के बाजारों को पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों के अनुसार, इन पांच दिनों में बाजार में 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली, जिससे निवेशकों को 26.44 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। यह किसी भी उभरते या विकसित बाजार के मुकाबले एक रिकॉर्ड है।

ऑपरेशन सिंदूर से सीजफायर तक – भारत का बहुआयामी रुख

मौजूदा महीने में भारत ने सुरक्षा, कूटनीति और रणनीति के स्तर पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव और फिर अचानक आया सीजफायर, इन घटनाओं ने देश और बाजार दोनों को प्रभावित किया। आमतौर पर युद्ध या तनाव की स्थिति में बाजार गिरते हैं, लेकिन भारत ने इस धारणा को बदल दिया।

शेयर बाजार में निवेशकों की बल्ले-बल्ले

बीते पांच कारोबारी दिनों में बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) दोनों प्रमुख सूचकांकों ने जबरदस्त उछाल दिखाया। इसके चलते 21.50 करोड़ से अधिक निवेशकों की संपत्ति में भारी इजाफा हुआ। बाजार की इस मजबूती का श्रेय देश के आर्थिक स्थायित्व, वैश्विक निवेशकों के विश्वास और भारत सरकार की कुशल रणनीति को दिया जा रहा है।

वैश्विक बाजारों को पीछे छोड़ता भारत

यह खास बात है कि भारत के अलावा किसी भी बड़े बाजार ने इस हफ्ते ऐसी रफ्तार नहीं पकड़ी। चाहे वह अमेरिका हो, यूरोप हो या एशिया के अन्य बाजार, सभी कहीं न कहीं मंदी या सुस्ती से जूझ रहे हैं। लेकिन भारतीय बाजार ने इस भू-राजनीतिक तनाव के बीच भी सबसे अच्छा रिटर्न दिया है।

भारत ने तोड़ा पाकिस्तान का घमंड

विशेषज्ञों का मानना है कि जब भारत ने पाकिस्तान के सामने मजबूती से खड़े होकर रणनीतिक बढ़त बनाई, तब दुनिया भर के निवेशकों को यह भरोसा हुआ कि भारत न केवल सैन्य स्तर पर बल्कि आर्थिक स्तर पर भी सुरक्षित और स्थिर है। यही कारण है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) भी बड़े स्तर पर भारतीय बाजार में आया।

कौन-कौन से सेक्टर बने तेजी के इंजन?

इन पांच दिनों में तेजी का मुख्य इंजन रहा:

  • बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर: एफआईआई की खरीदारी और मजबूत रिजल्ट्स की उम्मीद ने इसे उछाल दिया।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर और रक्षा: ऑपरेशन सिंदूर और संघर्ष के बाद इन सेक्टरों में तेजी लाजमी थी।
  • आईटी और फार्मा: वैश्विक मांग और डॉलर की मजबूती ने इन सेक्टरों को सहारा दिया।

निवेशकों की संपत्ति में आया ऐतिहासिक इजाफा

शेयर बाजार की इस तेजी ने आम और संस्थागत निवेशकों की संपत्ति को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। आंकड़ों के मुताबिक, बीते पांच कारोबारी सत्रों में:

  • मार्केट कैपिटलाइजेशन में 26.44 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।
  • सेन्सेक्स और निफ्टी दोनों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाइयों को छुआ।
  • मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भी जबरदस्त उछाल देखा गया।

क्या आगे भी जारी रहेगी तेजी?

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी सिर्फ भावनात्मक नहीं बल्कि आर्थिक बुनियाद पर टिकी हुई है। भारत की जीडीपी वृद्धि, स्थिर मुद्रा, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार, और सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों ने बाजार को सहारा दिया है। अगर आने वाले समय में भू-राजनीतिक तनाव और नहीं बढ़ता और वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर रहती है, तो भारतीय शेयर बाजार नई ऊंचाइयों को छू सकता है।

निष्कर्ष

भारत ने इस महीने सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी अपनी ताकत दिखाई है। पाकिस्तान के साथ टकराव के बावजूद शेयर बाजार में आई ऐतिहासिक तेजी ने साबित कर दिया कि भारत आज निवेश के लिहाज से दुनिया का सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है। आने वाले समय में भी अगर यह रफ्तार बनी रही, तो भारत जल्द ही आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा चुका होगा।

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