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ऑपरेशन सिंदूर का असर: पाकिस्तान कांपा, राजस्थान में चौकसी तेज़

  • May 7, 2025
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भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है। 26

ऑपरेशन सिंदूर का असर: पाकिस्तान कांपा, राजस्थान में चौकसी तेज़

भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है। 26 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से एक सर्जिकल और अत्यधिक रणनीतिक सैन्य अभियान को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इसके साथ ही राजस्थान, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ एक प्रमुख राज्य है, में सुरक्षा के लिहाज़ से हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

राजस्थान में सतर्कता के कड़े कदम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कार्रवाई के बाद, राजस्थान में विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी गई है। यह इसलिए भी ज़रूरी हो गया क्योंकि भारत द्वारा की गई यह कार्रवाई पाकिस्तान के उस पश्चिमी पंजाब क्षेत्र में की गई है, जो सीधे तौर पर राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। ऐसे में किसी भी संभावित जवाबी कदम या आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए राज्य प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है।

राजस्थान सरकार की सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं इस पूरे मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत और पुलिस महानिदेशक यू.आर. साहू लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में हैं और पल-पल की स्थिति की जानकारी साझा कर रहे हैं। सीमावर्ती जिलों — जैसे श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर — में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें और जनता को सतर्क बनाए रखें।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और रणनीति

‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि यह भारत की नई और सशक्त सुरक्षा नीति का प्रतीक है। इस ऑपरेशन का प्रमुख उद्देश्य उन इलाकों पर निशाना साधना था, जो लंबे समय से आतंकवाद का गढ़ बने हुए थे। ये वही स्थान थे, जहां से भारत में घुसपैठ की साजिशें रची जाती थीं, आतंकी प्रशिक्षण दिया जाता था और हमलों की योजनाएं बनाई जाती थीं।

यह सैन्य अभियान न केवल आतंकियों के ढांचे को तोड़ने के लिए था, बल्कि इसका संदेश यह भी था कि भारत अब केवल कड़ी निंदा और बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहेगा। अब यदि कोई देश या आतंकी संगठन भारत के निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचाएगा, तो उसे उसी भाषा में करारा जवाब दिया जाएगा। यह कार्रवाई पूरी तरह योजनाबद्ध, लक्षित और अत्यंत सटीक रही — जिससे यह भी साफ हो गया कि भारत की सैन्य क्षमता अब केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि अब वह खतरे की जड़ पर हमला करने में सक्षम है।

पूरी तरह लक्षित और जिम्मेदार कार्रवाई: रक्षा मंत्रालय

भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय ने इस ऑपरेशन को “सटीक, सीमित और उद्देश्यपूर्ण” बताया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना ने इस मिशन के दौरान केवल उन स्थानों को निशाना बनाया, जो सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों से जुड़े हुए थे। यह बात भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस हमले में पाकिस्तान की सेना के किसी भी अड्डे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। यह भारत की सैन्य नीति और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत ने स्पष्ट रूप से दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में नैतिक और कानूनी मर्यादाओं का पालन करते हुए कार्रवाई करता है। सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमले करके भारत ने यह दिखा दिया कि उसका उद्देश्य युद्ध भड़काना नहीं, बल्कि आतंक के स्रोत को खत्म करना है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि

इस ऑपरेशन ने भारत की वैश्विक छवि को और अधिक मजबूती दी है। जहां एक ओर पाकिस्तान की नीति और उसकी आतंकवाद को लेकर भूमिका पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, वहीं भारत ने यह साबित कर दिया कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता है — वह भी बिना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किए। भारत की इस रणनीति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी सराहा है।

भारत की ओर से की गई यह सर्जिकल कार्रवाई उस नीति का विस्तार है, जो पहले उरी और पुलवामा हमलों के बाद अपनाई गई थी। तब भी भारत ने सटीक और निर्णायक स्ट्राइक करके पाकिस्तान को बड़ा संदेश दिया था।

मुख्यमंत्री की मुस्तैदी और जनता की जिम्मेदारी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सक्रियता इस मामले में उल्लेखनीय रही है। उन्होंने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है, बल्कि आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन या पुलिस को दें। सीमावर्ती गांवों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है, पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है और सुरक्षा चौकियां मजबूत की जा रही हैं।

राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो, लेकिन साथ ही कोई भी चूक न हो। स्कूल, कॉलेज और बाजार खुले हैं, लेकिन सुरक्षा के लिए निरंतर निगरानी की जा रही है।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की उस नई सुरक्षा नीति का उदाहरण है जिसमें जवाब अब दृढ़ता, स्पष्टता और सटीकता से दिया जाएगा। यह ऑपरेशन न केवल आतंक के खिलाफ भारत की शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि उन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है जिनकी जानें पहलगाम हमले में गईं।

राजस्थान में हाई अलर्ट और सीमावर्ती सतर्कता दर्शाती है कि भारत अब हर स्थिति के लिए तैयार है और अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए पहले से कहीं अधिक जागरूक और सक्षम है।

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