World Malaria Day 2025 : मलेरिया के लक्षण और जानलेवा बनने के कारण
- April 25, 2025
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मलेरिया एक खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसके लक्षण गंभीर हो जाएं तो यह जानलेवा बन सकती है। इसका समय पर इलाज और पहचान न होने पर
मलेरिया एक खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसके लक्षण गंभीर हो जाएं तो यह जानलेवा बन सकती है। इसका समय पर इलाज और पहचान न होने पर
मलेरिया एक खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसके लक्षण गंभीर हो जाएं तो यह जानलेवा बन सकती है। इसका समय पर इलाज और पहचान न होने पर यह घातक साबित हो सकती है। सामान्य मलेरिया से मरीज एक सप्ताह में ठीक हो सकता है, लेकिन जब मलेरिया गंभीर रूप ले लेता है, तो यह जान के लिए खतरा बन जाता है। इसलिए, मलेरिया के लक्षण दिखते ही इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए और इसे गंभीर स्थिति तक पहुंचने से बचाना चाहिए।
मलेरिया आमतौर पर मच्छर के काटने से होता है। शुरुआत में सर्दी, तेज बुखार और फिर पसीना आने से बुखार का उतरना इसके सामान्य लक्षण होते हैं। हालांकि, बुखार कभी-कभी फिर से हो सकता है। जब मलेरिया गंभीर रूप लेता है, तो लक्षण भी गंभीर हो जाते हैं। गंभीर मलेरिया में मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है, शरीर के अंदर खून का बहाव शुरू हो सकता है, खून की कमी हो जाती है और मरीज कोमा में भी जा सकता है।
मच्छर के काटने के अलावा मलेरिया अन्य तरीकों से भी फैल सकता है। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के इंटरनल मेडिसिन विभाग के यूनिट हेड डॉ. अमिताभ परती बताते हैं कि मलेरिया का मुख्य कारण प्लास्मोडियम परजीवी वाला मादा एनोफिलीज मच्छर है, लेकिन यह दूषित रक्त चढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति की सुई या अंगों के इस्तेमाल से भी फैल सकता है। कुछ मामलों में, एक संक्रमित मां अपने बच्चे को प्रसव के दौरान मलेरिया दे सकती है।
मलेरिया के गंभीर होने पर, जैसे कि दिमागी मलेरिया हो सकता है, शरीर में अत्यधिक कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। इसके साथ ही खून की कमी और शुगर का स्तर भी बहुत कम हो जाता है। मरीज को भ्रम होने लगता है, पीलिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और किडनी की समस्या भी हो सकती है, कभी-कभी किडनी फेल हो जाती है।
अगर मलेरिया के गंभीर लक्षण दिखाई दें तो बिल्कुल लापरवाही न बरतें। सीके बिड़ला अस्पताल के डॉ. नरेंद्र सिंघला बताते हैं कि गंभीर मलेरिया के लक्षणों में सांस फूलने की स्थिति होती है, ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। घर पर इलाज करने की सोच भी न रखें, क्योंकि लापरवाही से मरीज के दिमाग में सूजन आ सकती है और उसे दौरे भी पड़ सकते हैं। इसलिए, मलेरिया की गंभीर स्थिति से पहले ही इलाज करवा लेना चाहिए।
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