बिहार की महिलाएं हीटवेव में पाएं ₹300 रोज़ाना! जानें गर्मी में राहत देने वाली अनोखी योजना के बारे में
May 22, 2025
0
बिहार की चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी अब महिलाओं के लिए सिर्फ परेशानी नहीं, बल्कि राहत का जरिया भी बन सकती है। राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र की
बिहार की चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी अब महिलाओं के लिए सिर्फ परेशानी नहीं, बल्कि राहत का जरिया भी बन सकती है। राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं के लिए हीटवेव इंश्योरेंस योजना शुरू की है, जिसके तहत अगर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है, तो महिलाओं को ₹300 प्रतिदिन दिए जाएंगे। यह योजना जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है ताकि गर्मी में भी मेहनत करने वाली महिलाओं को आर्थिक सहारा मिल सके।
क्या है हीटवेव इंश्योरेंस योजना?
इस योजना का उद्देश्य है गर्मी की मार झेलने वाली असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा देना। इसके तहत जिन जिलों में तापमान 40°C से अधिक होगा, वहां काम करने वाली महिलाएं प्रतिदिन ₹300 की सहायता राशि पा सकेंगी।
यह बीमा अप्रैल से सितंबर तक लागू रहेगा, और तापमान की जानकारी मौसम विभाग से लेकर स्वतः भुगतान की व्यवस्था होगी।
किन महिलाओं को मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र की करीब 1.5 लाख महिला कामगारों को मिलेगा। इनमें शामिल हैं:
घरेलू कामगार महिलाएं
खेतों में काम करने वाली महिलाएं
पशुपालन में संलग्न महिलाएं
सिलाई-कढ़ाई जैसी आजीविका से जुड़ी महिलाएं
इन सभी को अगर तापमान 40°C से ऊपर जाता है, तो हर ऐसे दिन के लिए ₹300 सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे।
किन जिलों में लागू होगी योजना?
फिलहाल यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बिहार के आठ जिलों में शुरू की जा रही है:
पटना
गया
मुंगेर
भागलपुर
बांका
कटिहार
पूर्णिया
सीवान
हर जिले के लिए अलग-अलग तापमान मानक तय किए गए हैं, ताकि स्थानीय मौसम को ध्यान में रखा जा सके।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ पाने के लिए महिलाओं को सेवा संगठन (Self Employed Women’s Association – SEWA) की सदस्यता लेनी होगी। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज हैं:
आधार कार्ड
बैंक खाता संख्या
मोबाइल नंबर
बिहार में सेवा का कार्यालय पटना में फ्लैट नंबर 30, अटल पार्क, पाटलिपुत्र गोलंबर के समीप स्थित है। अन्य जिलों में भी संगठन के कार्यालय स्थापित हैं।
क्या है बीमा की प्रक्रिया और शुल्क?
पहले इस बीमा के लिए ₹300 शुल्क निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे पूरी तरह नि:शुल्क कर दिया गया। अब महिलाएं बिना किसी शुल्क के इस बीमा योजना से जुड़ सकती हैं। तापमान की गणना मौसम विभाग से की जाएगी और योजना के तहत तय राशि ICICI बैंक के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में जमा कर दी जाएगी।
सेवा और CRA की साझेदारी
यह परियोजना सेवा (SEWA) और अंतरराष्ट्रीय संस्था CRA (Climate Resilience for All) की साझेदारी में शुरू की गई है। सेवा की संस्थापक प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक इला भट्ट थीं। इस संगठन से आज भारतभर में करीब 30 लाख महिलाएं जुड़ी हैं।
इससे पहले यह योजना राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी, जहां महिलाओं को ₹1600 से ₹2000 तक की आर्थिक मदद मिली थी। अब इसे बिहार, उत्तर प्रदेश, असम और जम्मू-कश्मीर में भी लागू किया गया है।
इस योजना की ज़रूरत क्यों पड़ी?
जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी का स्तर साल दर साल बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा असर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं पर पड़ता है, जो खुले आसमान के नीचे काम करती हैं। गर्मी से थकावट, लू, चक्कर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं आम हो जाती हैं, जिससे उनकी आमदनी भी घटती है। इसीलिए यह योजना महिलाओं को गर्मी में काम करने की स्थिति में आर्थिक सहारा देने के लिए लाई गई है।
निष्कर्ष:
बिहार सरकार और सेवा संगठन की यह पहल न केवल महिलाओं को राहत पहुंचाएगी, बल्कि उन्हें जलवायु संकट के बीच अधिक आत्मनिर्भर बनाएगी। आने वाले समय में इस योजना का विस्तार पूरे राज्य में किया जा सकता है। यदि आप या आपके जानने वालों में कोई असंगठित क्षेत्र की महिला कामगार है, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।