Which tests should be done to identify malaria? जानिए पूरी जानकारी
- April 28, 2025
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मलेरिया एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्य रूप से मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। भारत जैसे गर्म और आद्र्र जलवायु वाले देशों में
मलेरिया एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्य रूप से मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। भारत जैसे गर्म और आद्र्र जलवायु वाले देशों में
मलेरिया एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्य रूप से मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। भारत जैसे गर्म और आद्र्र जलवायु वाले देशों में मलेरिया का खतरा मौसम के बदलते ही तेजी से बढ़ जाता है। खासतौर पर तापमान बढ़ने के साथ यह संक्रमण तेजी से फैलता है। मलेरिया का शुरुआती लक्षण तेज ठंड लगने के बाद बुखार आना होता है। अगर सही समय पर मलेरिया की पहचान न की जाए तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
इसलिए मलेरिया के सही समय पर निदान के लिए टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं मलेरिया की पुष्टि के लिए कौन-कौन से टेस्ट करवाने चाहिए।
मलेरिया के लक्षण अक्सर सामान्य फ्लू जैसे लग सकते हैं, लेकिन कुछ विशिष्ट संकेत होते हैं:
अगर इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, खासकर यदि आपने हाल ही में मच्छर प्रभावित क्षेत्र की यात्रा की हो, तो तुरंत जांच करानी चाहिए।
यह मलेरिया की पहचान का सबसे पारंपरिक और विश्वसनीय तरीका है। इसमें मरीज के खून की एक पतली परत (स्मियर) बनाकर माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है। डॉक्टर खून में मौजूद मलेरिया परजीवी (Plasmodium) को पहचानते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि किस प्रकार के मलेरिया परजीवी (P. vivax, P. falciparum आदि) ने संक्रमण किया है।
अगर लैब की सुविधा तुरंत उपलब्ध न हो तो रैपिड टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। यह टेस्ट खून में मलेरिया परजीवी के प्रोटीन (एंटीजन) की मौजूदगी का पता लगाता है। यह टेस्ट तेजी से (15-20 मिनट में) नतीजे देता है और ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में काफी उपयोगी है।
PCR तकनीक से खून में मलेरिया परजीवी के डीएनए का विश्लेषण किया जाता है। यह तरीका बहुत संवेदनशील होता है और संक्रमण के प्रकार की सटीक पहचान करता है। हालांकि, यह टेस्ट महंगा और विशेष प्रयोगशालाओं में उपलब्ध होता है, इसलिए आमतौर पर गंभीर मामलों में ही कराया जाता है।
यह टेस्ट शरीर में मलेरिया संक्रमण के खिलाफ बनी एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किया जाता है। हालांकि यह वर्तमान संक्रमण की बजाय पुराने या पिछले संक्रमण को पहचानने में मदद करता है, इसलिए प्राथमिक निदान के लिए इसका इस्तेमाल कम होता है।
हालांकि CBC टेस्ट मलेरिया का डायरेक्ट निदान नहीं करता, लेकिन इससे मलेरिया से जुड़े लक्षण जैसे एनीमिया (हीमोग्लोबिन की कमी), प्लेटलेट काउंट में गिरावट और लिवर से जुड़ी गड़बड़ियों का पता चल सकता है। यह डॉक्टर को मलेरिया की गंभीरता का आकलन करने में मदद करता है।
मलेरिया का संक्रमण शरीर में तेजी से फैल सकता है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह:
इसलिए जैसे ही मलेरिया के लक्षण नजर आएं, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित टेस्ट करवा कर इलाज शुरू करें।
मलेरिया एक गंभीर बीमारी है लेकिन अगर समय पर इसकी पहचान कर ली जाए और सही इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। मलेरिया के किसी भी लक्षण को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर जरूरी टेस्ट कराएं। सही समय पर निदान और इलाज से न केवल मरीज की जान बचाई जा सकती है, बल्कि इस बीमारी के फैलाव को भी रोका जा सकता है।