RAM Kit क्या है? शेफाली जरीवाला की मौत के बाद क्यों चर्चा में आई ₹7 की ये तीन गोलियों वाली किट
- July 4, 2025
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27 जून 2025 को एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनकी इस असमय मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया
27 जून 2025 को एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनकी इस असमय मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया
27 जून 2025 को एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनकी इस असमय मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बेसिक मेडिकल किट – राम किट (RAM Kit) – की चर्चा हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह किट किसी व्यक्ति की जान बचा सकती है यदि उसे समय पर दिल की इमरजेंसी में दिया जाए।
इस किट की कीमत मात्र ₹7 बताई गई है और इसे विशेष रूप से हार्ट अटैक या छाती में दर्द जैसी इमरजेंसी के लिए डिज़ाइन किया गया है। आइए जानते हैं क्या है राम किट, इसमें क्या होता है, और इसका कितना असर होता है।
राम किट की जानकारी कंटेंट क्रिएटर निखिल सैनी ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में दी है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चुका है। निखिल के अनुसार, यह किट उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार द्वारा बनाई गई है।
इस किट का उद्देश्य है – हार्ट अटैक जैसे हालात में शुरुआती 5-10 मिनट में मरीज को राहत देना, ताकि अस्पताल पहुंचने तक उसकी स्थिति गंभीर न हो।
इस किट में केवल तीन गोलियां होती हैं:
इन दवाओं का संयोजन दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को कम कर सकता है और समय पर इलाज मिलने तक व्यक्ति की जान बचा सकता है।
शेफाली जरीवाला के निधन के बाद लोगों ने सवाल उठाए कि उन्हें हार्ट अटैक नहीं बल्कि कार्डियक अरेस्ट हुआ था। दोनों स्थितियों में फर्क है:
राम किट हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में प्रभावी हो सकती है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट में CPR और AED (Automated External Defibrillator) जैसे इमरजेंसी टूल्स ही जरूरी होते हैं।
इसलिए, यह समझना जरूरी है कि राम किट कोई इलाज नहीं, बल्कि एक प्राथमिक सहायता (First Aid) उपाय है।
निखिल सैनी के वीडियो को दो लाख से अधिक बार देखा गया और हजारों यूजर्स ने इस पर अपनी राय दी। कुछ लोगों ने वीडियो की सराहना की और इसे हर घर में रखने की सलाह दी, जबकि कुछ ने सवाल उठाया कि ऐसी किट को बिना डॉक्टर की सलाह के कैसे उपयोग किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की किट डॉक्टर की सलाह पर और सही समय पर उपयोग की जाए, तभी यह कारगर हो सकती है।
भारत में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं और हर मिनट किसी न किसी को हार्ट अटैक आता है। ऐसे में राम किट जैसी पहल सामान्य जनता में मेडिकल इमरजेंसी को लेकर जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
अगर सही जानकारी और प्रशिक्षण के साथ यह किट हर घर या गाड़ी में हो, तो कई जानें बचाई जा सकती हैं।
राम किट कोई चमत्कारी इलाज नहीं, बल्कि एक सस्ते और आसानी से उपलब्ध प्राथमिक उपचार का माध्यम है, जो इमरजेंसी की स्थिति में समय खरीद सकता है। इसकी मदद से मरीज को अस्पताल पहुंचाने तक की देरी में राहत दी जा सकती है।
हालांकि, यह जरूरी है कि इसका इस्तेमाल सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह से किया जाए, ताकि यह फायदेमंद साबित हो, नुकसानदेह नहीं।