Windows 10 यूजर्स के लिए बड़ी चेतावनी: अक्टूबर 2025 से बंद हो जाएगा सपोर्ट
- July 1, 2025
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अगर आप अभी भी अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में Windows 10 ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। माइक्रोसॉफ्ट ने
अगर आप अभी भी अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में Windows 10 ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। माइक्रोसॉफ्ट ने
अगर आप अभी भी अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में Windows 10 ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। माइक्रोसॉफ्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि अक्टूबर 2025 के बाद Windows 10 के लिए कोई भी आधिकारिक सपोर्ट उपलब्ध नहीं होगा। इसका मतलब है कि इस तारीख के बाद आपके सिस्टम को कोई सिक्योरिटी अपडेट्स, बग फिक्स या तकनीकी सहायता नहीं मिलेगी।
भारत सरकार की एजेंसी CERT-In यानी ‘इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम’ ने भी इसको लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। CERT-In ने 21 जून 2025 को सभी Windows 10 यूजर्स को अलर्ट करते हुए कहा है कि वे समय रहते अपने सिस्टम को Windows 11 में अपग्रेड कर लें। यह सलाह इसलिए दी गई है ताकि यूजर्स को लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच और टेक्निकल अपडेट्स मिलते रहें।
अगर आप अक्टूबर 2025 के बाद भी अपने सिस्टम में Windows 10 चलाते रहते हैं तो आपके सिस्टम पर साइबर अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। जब ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए कोई अपडेट या पैच जारी नहीं होगा तो सिस्टम में नई कमजोरियां पैदा होंगी जिनका फायदा हैकर्स उठा सकते हैं। ऐसे में आपका पर्सनल डेटा, बैंकिंग इंफॉर्मेशन या कोई भी संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है।
आज के समय में डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। Windows 10 सपोर्ट खत्म होने के बाद पुराने सिस्टम्स बिना सिक्योरिटी कवच के रह जाएंगे। ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट ने Windows 11 को कई एडवांस्ड सिक्योरिटी फीचर्स और नए AI टूल्स के साथ डिजाइन किया है ताकि यूजर्स को एक सेफ और स्मूद एक्सपीरियंस मिल सके।
Windows 11 में TPM 2.0 चिप का होना अनिवार्य कर दिया गया है, जो हार्डवेयर स्तर पर सिक्योरिटी को मजबूत करता है। हालांकि, इसी वजह से करोड़ों पुराने लैपटॉप और डेस्कटॉप Windows 11 में अपग्रेड नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि उनमें TPM 2.0 सपोर्ट नहीं है। ऐसे में यूजर्स के पास या तो नया सिस्टम लेने का विकल्प है या फिर माइक्रोसॉफ्ट के पेड सिक्योरिटी अपडेट प्लान को चुनना होगा।
अगर आप सोच रहे हैं कि चलो अभी तो सिस्टम ठीक से चल रहा है, तो ध्यान रखें कि बिना सपोर्ट के Windows 10 डिवाइस हैकर्स के लिए आसान निशाना बन सकते हैं। कई बार कंपनियां भी पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करती रहती हैं और उन्हें लगता है कि कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन जैसे ही कोई नई वल्नरेबिलिटी सामने आती है, साइबर अपराधी सबसे पहले ऐसे ही सिस्टम्स को निशाना बनाते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी दुनिया भर में करीब 60% से ज्यादा कंप्यूटर और लैपटॉप Windows 10 पर ही चल रहे हैं। Windows 7 से Windows 10 में अपग्रेड करना तो आसान था, लेकिन Windows 11 में हार्डवेयर रिक्वायरमेंट्स ज्यादा सख्त हो गई हैं। इसलिए कई यूजर्स को नया पीसी या लैपटॉप लेना पड़ रहा है। यह अतिरिक्त खर्च किसी के लिए भी आसान नहीं होता, खासकर छोटे व्यवसायों और स्टूडेंट्स के लिए।
अब सवाल उठता है कि आखिर Windows 11 में ऐसा क्या खास है जो माइक्रोसॉफ्ट इतना जोर दे रहा है? Windows 11 को खासतौर से मॉडर्न यूजर एक्सपीरियंस को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें आपको नया और आकर्षक यूआई मिलेगा जिसमें स्टार्ट मेन्यू बीच में आ गया है। इसके अलावा कई पारंपरिक फीचर्स को अब ऐप्स के तौर पर पेश किया गया है, ताकि सिस्टम ज्यादा क्लीन और यूजर-फ्रेंडली लगे।
AI टूल्स का इंटीग्रेशन इसे और भी स्मार्ट बनाता है। साथ ही, इसकी परफॉर्मेंस भी पहले से ज्यादा स्मूद और रिस्पॉन्सिव है। ऐसे में जिनके सिस्टम अपग्रेड के योग्य हैं, उन्हें तुरंत Windows 11 में शिफ्ट हो जाना चाहिए।
अगर आप किसी कारण से Windows 11 में अपग्रेड नहीं कर सकते तो माइक्रोसॉफ्ट ने Windows 10 यूजर्स के लिए एक और विकल्प दिया है। आप पेड एक्सटेंडेड सिक्योरिटी अपडेट (ESU) सर्विस ले सकते हैं। इसमें कुछ सालों तक आपको पैसे देकर सिक्योरिटी अपडेट्स मिलते रहेंगे। हालांकि, यह भी हमेशा के लिए नहीं होता और यह व्यक्तिगत यूजर्स के बजाय ज्यादातर बिजनेस या ऑर्गेनाइजेशन के लिए ज्यादा प्रैक्टिकल है।
अब सवाल आता है कि आखिर Windows 10 यूजर्स को अभी क्या कदम उठाने चाहिए? सबसे पहले तो आपको यह देखना चाहिए कि आपका सिस्टम Windows 11 के हार्डवेयर रिक्वायरमेंट्स को पूरा करता है या नहीं। अगर हां, तो तुरंत Windows 11 में अपग्रेड कर लें ताकि आपके सिस्टम की सिक्योरिटी बनी रहे।
अगर अपग्रेड संभव नहीं है तो पेड सिक्योरिटी अपडेट्स की योजना पर विचार करें या फिर नया सिस्टम लेने की तैयारी करें। इसके अलावा, अपने डेटा का बैकअप नियमित तौर पर लेते रहें और थर्ड पार्टी सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर का भी सहारा लें।
आज के डिजिटल युग में किसी भी सिस्टम को सिक्योर रखना बेहद जरूरी है। Windows 10 के सपोर्ट के खत्म होते ही करोड़ों यूजर्स को जल्द ही कोई कदम उठाना ही होगा। यह न सोचें कि अभी तो सब सही चल रहा है। एक बार सिक्योरिटी में सेंध लग गई तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए वक्त रहते अपडेट रहें, अलर्ट रहें और सुरक्षित रहें।
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माइक्रोसॉफ्ट अक्टूबर 2025 में Windows 10 का आधिकारिक सपोर्ट पूरी तरह से बंद कर देगा। इसके बाद कोई सिक्योरिटी अपडेट या टेक्निकल हेल्प नहीं मिलेगी।
सपोर्ट खत्म होने के बाद Windows 10 यूजर्स को कोई सिक्योरिटी पैच नहीं मिलेगा। इससे आपका सिस्टम साइबर अटैक और डेटा चोरी का आसान निशाना बन सकता है।
हां, अगर आपका सिस्टम Windows 11 की हार्डवेयर रिक्वायरमेंट्स को पूरा करता है (जैसे TPM 2.0 सपोर्ट), तो आप फ्री में अपग्रेड कर सकते हैं।
ऐसे में या तो आपको नया सिस्टम खरीदना होगा या फिर आप माइक्रोसॉफ्ट की पेड एक्सटेंडेड सिक्योरिटी अपडेट (ESU) सेवा का विकल्प चुन सकते हैं ताकि कुछ समय तक सिक्योरिटी अपडेट मिलते रहें।
सबसे पहले अपने सिस्टम की हार्डवेयर कंडीशन चेक करें। अगर संभव हो तो Windows 11 में अपग्रेड करें। अगर तुरंत अपग्रेड संभव नहीं है तो डेटा का बैकअप रखें और पेड सिक्योरिटी अपडेट प्लान पर विचार करें।