PM Modi से बोले ट्रंप – कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आइए, मुनीर की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
June 18, 2025
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कनाडा में आयोजित G7 सम्मेलन से जल्दी लौटने के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री PM Modi के बीच टेलीफोन पर एक महत्वपूर्ण बातचीत
कनाडा में आयोजित G7 सम्मेलन से जल्दी लौटने के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री PM Modi के बीच टेलीफोन पर एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा, और पाकिस्तान से जुड़ी स्थिति सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को एक निजी निमंत्रण भी दिया—उन्होंने कहा कि यदि पीएम मोदी कनाडा से लौटते समय संभव हो, तो वे अमेरिका होते हुए गुजरें और उनसे मुलाकात करें। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने यह निमंत्रण शिष्टाचारपूर्वक अस्वीकार कर दिया।
बातचीत की पुष्टि विदेश सचिव ने की
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बातचीत की जानकारी साझा करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच पारस्परिक सहयोग को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। विक्रम मिसरी ने बताया, “प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई इस बातचीत में, ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान की स्थिति और दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग पर गहन विचार-विमर्श हुआ।”
ट्रंप ने दिया अमेरिका आने का निमंत्रण, पीएम मोदी ने जताया असमर्थता
विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत के दौरान PM Modi से पूछा, “क्या आप कनाडा से लौटते समय अमेरिका आ सकते हैं?” इसके जवाब में PM Modi ने कहा कि वह पहले से तय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों और घरेलू व्यस्तताओं के कारण फिलहाल अमेरिका की यात्रा नहीं कर पाएंगे। हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने खुशी-खुशी स्वीकार करते हुए कहा कि वह जल्द ही भारत दौरे को लेकर उत्साहित हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूती देने पर बल
इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के रिश्ते पिछले वर्षों में काफी प्रगाढ़ हुए हैं और आने वाले समय में यह संबंध और भी मजबूत होंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के डिजिटल विकास, आर्थिक सुधारों और रक्षा क्षमताओं की सराहना की। वहीं PM Modi ने अमेरिका द्वारा भारत के वैश्विक मंचों पर दिए गए समर्थन की प्रशंसा की।
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की स्थिति पर चर्चा
एक अहम बिंदु के रूप में, बातचीत में “ऑपरेशन सिंदूर” का भी जिक्र हुआ। यह ऑपरेशन हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ चलाया गया एक रणनीतिक सैन्य अभियान था, जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल उठे थे, खासकर अमेरिका की भूमिका को लेकर।
विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर राष्ट्रपति ट्रंप को विस्तार से जानकारी दी और यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न तो कोई भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर चर्चा हुई और न ही अमेरिका की ओर से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में मध्यस्थता की कोई बात सामने आई।
पाकिस्तान की पहल पर हुई सैन्य संवाद की शुरुआत
विदेश सचिव मिसरी ने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो सैन्य संवाद हुआ था, वह पूरी तरह से पाकिस्तान की पहल पर आधारित था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना और पाकिस्तान की सेना के बीच जो संवाद हुआ, वह पूर्व-निर्धारित चैनलों के जरिए हुआ और इसका उद्देश्य केवल सैन्य तनाव को कम करना था। अमेरिका की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।”
मोदी सरकार का सख्त रुख
PM Modi ने राष्ट्रपति ट्रंप को यह भी बताया कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर दृढ़ है और जब तक पाकिस्तान आतंकियों को संरक्षण देना बंद नहीं करता, तब तक कोई सकारात्मक वार्ता संभव नहीं है। यह बात भारत सरकार के इस स्पष्ट रुख को दर्शाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर वह न तो कोई दबाव स्वीकार करेगी और न ही किसी भी तरह की विदेश नीति में लचीलापन दिखाएगी।
अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी की समीक्षा
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की भी समीक्षा की। इस चर्चा में उन्नत सैन्य उपकरण, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतरिक्ष रक्षा क्षमताओं को साझा करने की योजनाओं पर बात हुई। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भविष्य में भारत और अमेरिका को मिलकर काम करना होगा ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
क्या कहता है यह संवाद भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य के लिए?
PM Modi और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच यह बातचीत संकेत देती है कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच आपसी संवाद अब सिर्फ राजनयिक औपचारिकताओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह अधिक रणनीतिक, व्यावहारिक और सुरक्षा-केन्द्रित होता जा रहा है। अमेरिका और भारत, दोनों ही देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और इनका सहयोग वैश्विक स्थिरता के लिए अहम है।
निष्कर्ष: कूटनीति और राष्ट्रीय हित में संतुलन
इस संपूर्ण घटनाक्रम में जहां एक ओर PM Modi ने अमेरिका के प्रति मित्रता और सहयोग का परिचय दिया, वहीं उन्होंने यह भी दिखा दिया कि भारत अब अपने हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम और आत्मनिर्भर है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का सम्मान करते हुए उनका निमंत्रण अस्वीकार किया, लेकिन साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया।
यह स्पष्ट है कि भारत की विदेश नीति अब केवल समीकरणों पर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, राष्ट्रहित और सुरक्षा के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। ऐसे में मोदी-ट्रंप संवाद आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकता है।