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Trump Tariff Effect: 500 अमीरों की दौलत में ₹17.73 लाख करोड़ की भारी गिरावट, एक झटके में हिला ग्लोबल मार्केट

  • April 4, 2025
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नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025 – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) के ऐलान ने दुनिया भर के स्टॉक मार्केट्स को एक झटके में

Trump Tariff Effect: 500 अमीरों की दौलत में ₹17.73 लाख करोड़ की भारी गिरावट, एक झटके में हिला ग्लोबल मार्केट

नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) के ऐलान ने दुनिया भर के स्टॉक मार्केट्स को एक झटके में धड़ाम कर दिया। इस ऐलान की आंच इतनी तीखी थी कि सिर्फ कंपनियों के शेयर नहीं गिरे, बल्कि दुनिया के 500 सबसे अमीर लोगों की दौलत से भी ₹17.73 लाख करोड़ (20.8 हजार करोड़ डॉलर) का सफाया हो गया।

यह ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के 13 साल के इतिहास की चौथी सबसे बड़ी गिरावट है। खास बात यह रही कि इस बार नुकसान सिर्फ एशिया या यूरोप तक सीमित नहीं था, बल्कि अमेरिका के दिग्गज अरबपति भी इसकी चपेट में आ गए।

Trump Tariff Effect

ट्रंप की नीति और इसका असर

डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई टैरिफ पॉलिसी के तहत रेसिप्रोकल टैक्स की घोषणा की, जिसमें अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों पर भारी शुल्क लगाने की बात कही गई है। इसका सीधा असर ग्लोबल ट्रेड पर पड़ा और निवेशकों में घबराहट फैल गई।

इस डर का नतीजा यह रहा कि दुनिया भर के स्टॉक मार्केट्स—अमेरिका, यूरोप, एशिया—सभी तेजी से गिरावट की चपेट में आ गए। इससे दुनियाभर के अमीरों की संपत्ति पर बुरा असर पड़ा।

सबसे ज्यादा झटका किन्हें लगा?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जिन अमीरों को इस गिरावट से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, उनमें कई जाने-माने नाम शामिल हैं:

  • मार्क जुकरबर्ग (Meta) – उनके नेट वर्थ में बड़ी गिरावट आई क्योंकि टेक स्टॉक्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
  • जेफ बेज़ोस (Amazon) – ग्लोबल रिटेल और ई-कॉमर्स सेक्टर पर दबाव पड़ा, जिससे Amazon के शेयर गिरे।
  • एलॉन मस्क (Tesla, SpaceX) – ट्रंप के करीबी माने जाने वाले मस्क भी इस गिरावट से खुद को नहीं बचा सके।
Trump Tariff Effect

कौन रहा बचा?

जहां एक ओर अधिकांश अमीरों की संपत्ति घटी, वहीं मिडिल ईस्ट के कुछ अमीरों की दौलत में बढ़ोतरी देखने को मिली। इस क्षेत्र में एनर्जी और ऑयल सेक्टर में निवेश करने वालों ने इस गिरावट से खुद को काफी हद तक सुरक्षित रखा।

विशेषज्ञों का मानना है कि मिडिल ईस्ट की मजबूत पॉलिसी और ओपेक से जुड़ी रणनीतियों के कारण वहां के मार्केट पर टैरिफ का असर अपेक्षाकृत कम रहा।

कोरोना के बाद सबसे बड़ा झटका

यह गिरावट कोविड 19 महामारी के बाद से सबसे बड़ी मानी जा रही है। जानकारों के अनुसार, अगर ट्रंप की नीति लंबी चली और ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बनी, तो ये गिरावट और भी गहराई ले सकती है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान ने ग्लोबल इकॉनमी में एक नई हलचल पैदा कर दी है। इससे न केवल बाजार हिला है, बल्कि दुनियाभर के अरबपतियों की दौलत पर भी इसका बड़ा असर पड़ा है। आने वाले हफ्तों में निवेशकों की नजरें ट्रंप के अगले कदमों और अमेरिकी पॉलिसी पर टिकी रहेंगी।

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