Triphala powder is a panacea for diabetes: ब्लड शुगर कंट्रोल से लेकर पाचन तक, जानिए इसके फायदे और सेवन का तरीका
April 25, 2025
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डायबिटीज यानी मधुमेह आज के दौर की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों में से एक बन चुकी है। यह न सिर्फ जीवनशैली पर असर डालती है, बल्कि अगर
डायबिटीज यानी मधुमेह आज के दौर की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों में से एक बन चुकी है। यह न सिर्फ जीवनशैली पर असर डालती है, बल्कि अगर समय पर कंट्रोल न किया जाए तो आंखों, किडनी, हृदय और नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में अगर आप नेचुरल तरीके से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक औषधि त्रिफला चूर्ण आपके लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है।
त्रिफला एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘तीन फलों का मिश्रण’। इसमें तीन मुख्य औषधीय फल होते हैं – हरड़ (हरितकी), बहेड़ा (विभीतकी) और आंवला (आमलकी)। ये तीनों मिलकर न सिर्फ ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, बल्कि पाचन तंत्र, त्वचा, और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करते हैं।
त्रिफला चूर्ण के प्रमुख घटक और उनके गुण
हरड़ (हरितकी): यह पाचन में सुधार करता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और कब्ज को दूर करता है। डायबिटीज में पेट का सही तरीके से साफ होना बेहद जरूरी है।
बहेड़ा (विभीतकी): इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है और ब्लड ग्लूकोज लेवल को स्थिर रखने में सहायक है।
आंवला (आमलकी): आंवला विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और पैंक्रियाज के कार्य को बेहतर बनाता है।
डायबिटीज में त्रिफला चूर्ण के फायदे
ब्लड शुगर को नियंत्रित करना: त्रिफला चूर्ण इंसुलिन स्राव को संतुलित करता है और कोशिकाओं में ग्लूकोज के अवशोषण को बेहतर बनाता है, जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त करना: डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अक्सर पेट की समस्याएं होती हैं। त्रिफला चूर्ण कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है।
वजन नियंत्रण: डायबिटीज मैनेजमेंट में वजन का संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। त्रिफला मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है जिससे फैट बर्न होने में मदद मिलती है।
डिटॉक्सिफिकेशन: यह शरीर के अंदर जमे विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, जिससे अंगों की कार्यक्षमता बनी रहती है।
इम्यूनिटी बूस्ट: त्रिफला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
कैसे करें त्रिफला चूर्ण का सेवन?
रात को सोने से पहले: एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी या गर्म पानी के साथ सोने से पहले लें। इससे पेट साफ रहेगा और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहेगा।
सुबह खाली पेट: कुछ लोग इसे सुबह खाली पेट भी लेते हैं। लेकिन डायबिटिक रोगियों के लिए रात में सेवन अधिक लाभदायक माना गया है।
त्रिफला चूर्ण को शहद के साथ: अगर डॉक्टर की सलाह मिले, तो त्रिफला को एक चुटकी शहद के साथ भी लिया जा सकता है। यह स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ फायदे भी बढ़ा देता है।
नोट: शुगर मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।
एहतियात और जरूरी बातें
यदि आप पहले से किसी एंटी-डायबिटिक दवा का सेवन कर रहे हैं, तो त्रिफला चूर्ण को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
त्रिफला चूर्ण का अधिक सेवन लूज मोशन या डिहाइड्रेशन की समस्या कर सकता है, इसलिए इसकी मात्रा नियंत्रित रखें।
गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
निष्कर्ष
त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक, सुरक्षित और बहुउपयोगी आयुर्वेदिक उपाय है, जो विशेष रूप से डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से न केवल ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है, बल्कि पूरे शरीर का संतुलन और पाचन भी बेहतर होता है। हालांकि, हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी भी आयुर्वेदिक उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा बुद्धिमानी होती है।