TikTok, Facebook, Instagram in Australia पर बच्चों के लिए बैन, लेकिन YouTube को क्यों मिली छूट?
April 18, 2025
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सोशल मीडिया आज की दुनिया में संवाद और मनोरंजन का सबसे प्रमुख माध्यम बन चुका है। बच्चे, किशोर, युवा और बुजुर्ग – सभी इससे जुड़े हैं। लेकिन जिस
सोशल मीडिया आज की दुनिया में संवाद और मनोरंजन का सबसे प्रमुख माध्यम बन चुका है। बच्चे, किशोर, युवा और बुजुर्ग – सभी इससे जुड़े हैं। लेकिन जिस तरह से सोशल मीडिया का प्रभाव बच्चों की मानसिकता और विकास पर पड़ रहा है, वह अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। इसी कड़ी में, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का कानून पारित किया है।
TikTok, Facebook और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म्स इस कानून के दायरे में आ गए हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि YouTube को इस बैन से छूट दी गई है, जो अब चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया का नया कानून: बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर बैन
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बच्चों को ऑनलाइन खतरों, डिप्रेशन, साइबरबुलिंग और गोपनीयता हनन से बचाने के लिए यह कड़ा कानून लागू किया है। इस कानून के अनुसार:
16 साल से कम उम्र के बच्चों को TikTok, Facebook और Instagram जैसी सोशल मीडिया साइट्स का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा।
इन प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि नाबालिग बच्चों को उनकी सेवाओं तक पहुंच न हो।
यदि कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
क्यों लिया गया ये निर्णय?
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा और बाल संरक्षण मंत्रालय के अनुसार, बच्चों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक:
बच्चों में तनाव, अकेलापन, तुलना की भावना और आत्मसम्मान में गिरावट के मामलों में इजाफा हुआ है।
साइबरबुलिंग और ऑनलाइन हैरेसमेंट से जुड़े मामलों में भी वृद्धि देखी गई है।
बच्चों की नींद, पढ़ाई और सामाजिक व्यवहार पर भी सोशल मीडिया का बुरा असर पड़ रहा है।
इन सब कारणों ने सरकार को यह कठोर लेकिन आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
YouTube का ‘YouTube Kids’ वर्जन: YouTube ने पहले ही बच्चों के लिए एक विशेष ऐप लॉन्च किया हुआ है, जो विशेष रूप से उम्र-उपयुक्त, शैक्षिक और मनोरंजक कंटेंट के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कंटेंट मॉडरेशन के मजबूत फीचर: YouTube ने बच्चों के लिए पैरेंटल कंट्रोल, स्क्रीन टाइम लिमिट और सर्च ऑप्शन को सीमित करने जैसी सुविधाएं दी हैं, जिससे इसे सुरक्षित माना गया है।
सरकारी सहयोग: रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के एक मंत्री ने YouTube को इस कानून से छूट देने में भूमिका निभाई। उनका मानना है कि YouTube बच्चों के लिए केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि शिक्षा का भी जरिया बन चुका है।
YouTube का शिक्षा में योगदान: कई शिक्षक और स्कूल YouTube को एक शैक्षिक प्लेटफॉर्म के रूप में उपयोग करते हैं। लॉकडाउन के दौरान तो यह बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई का मुख्य माध्यम बन गया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की प्रतिक्रिया
TikTok, Facebook और Instagram इस फैसले से नाखुश नजर आ रहे हैं।
इन कंपनियों ने इसे पक्षपाती निर्णय बताया है।
उनका कहना है कि यदि बच्चों की सुरक्षा की बात है, तो सभी प्लेटफॉर्म्स पर एक समान नियम लागू होने चाहिए।
लेकिन अगर यह पहल सफल होती है, तो यह अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है। यह जरूरी है कि हम बच्चों को तकनीक से दूर न करें, बल्कि उन्हें सुरक्षित, संतुलित और जागरूक डिजिटल उपस्थिति के लिए तैयार करें।