पहली नौकरी में मिली सैलरी की टेंशन: जब 19 साल की लड़की ने कहा – HR को थप्पड़ मारने का मन कर रहा है!
- July 25, 2025
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आज की युवा पीढ़ी आत्मनिर्भर बनने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर देती है। वे उम्मीद करते हैं कि मेहनत का
आज की युवा पीढ़ी आत्मनिर्भर बनने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर देती है। वे उम्मीद करते हैं कि मेहनत का
आज की युवा पीढ़ी आत्मनिर्भर बनने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर देती है। वे उम्मीद करते हैं कि मेहनत का फल समय पर मिलेगा, खासकर पहली नौकरी में। लेकिन जब पहली ही सैलरी लेट हो जाए तो यह एक बहुत ही निराशाजनक अनुभव हो सकता है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जहां एक 19 साल की लड़की ने अपनी पहली नौकरी का कड़वा अनुभव साझा किया।
इस लड़की ने अपना नाम गुप्त रखते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि वह पहली बार जॉब कर रही है। लेकिन सैलरी का अनुभव इतना बुरा रहा कि उसका मूड इतना खराब हो गया कि HR को थप्पड़ मारने का मन करने लगा।
लड़की ने बताया, “मेरी उम्र 19 साल है और ये मेरी पहली जॉब है। जब मैंने जॉइन किया, तब मुझे उम्मीद थी कि हर महीने की शुरुआत में सैलरी मिल जाएगी और मैं अपने खर्चों को आसानी से मैनेज कर पाऊंगी। लेकिन रियलिटी कुछ और ही थी। मेरी सैलरी महीने के अंत तक भी नहीं आती। बार-बार HR को मेल करने, कॉल करने और रिमाइंडर देने के बावजूद भी समय पर भुगतान नहीं होता।”
कई कंपनियों में HR या अकाउंट्स डिपार्टमेंट की लापरवाही, बजट की दिक्कतें या फिर मैनेजमेंट के इंटरनल इश्यूज के चलते सैलरी में देरी होती है। लेकिन जब एक नई जॉइन करने वाली युवा लड़की को इसका सामना करना पड़ता है, तो वह खुद को असहाय महसूस करती है।
आज के युवा समय पर रिजल्ट्स की उम्मीद करते हैं, और जब उन्हें वैसा नहीं मिलता, तो उनका गुस्सा स्वाभाविक है। लड़की ने कहा, “मेरे दोस्त मुझसे पूछते हैं कि सैलरी आई या नहीं, और मुझे हर बार यही कहना पड़ता है कि नहीं आई। इससे मेरा आत्मविश्वास भी गिरने लगा है।”
उसने आगे जोड़ा, “कभी-कभी लगता है कि मैं इस कंपनी को छोड़ दूं, लेकिन फिर सोचती हूं कि नौकरी बदलने से पहले अनुभव तो लेना जरूरी है। लेकिन HR से बार-बार कहना पड़ता है, फिर भी कोई हल नहीं निकलता। अब तो मूड इतना खराब हो गया है कि HR को थप्पड़ मार दूं – ये बात मेरे मन में बार-बार आती है।”
जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी। कुछ ने लड़की के गुस्से को सही बताया, तो कुछ ने सुझाव दिया कि उसे शांति से काम लेना चाहिए। कई यूज़र्स ने कहा कि यह कॉर्पोरेट वर्ल्ड का कड़वा सच है और युवा इससे जल्द ही रूबरू होते हैं।
भारतीय श्रम कानून के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को समय पर वेतन देना कंपनी की ज़िम्मेदारी है। अगर कोई कंपनी जानबूझकर सैलरी लेट करती है, तो कर्मचारी श्रम कार्यालय या श्रमिक हेल्पलाइन में शिकायत कर सकता है।
पहली नौकरी हर किसी के लिए खास होती है, लेकिन जब शुरू से ही परेशानियां मिलें, तो वह अनुभव खराब हो जाता है। इस 19 साल की लड़की की बात भले ही गुस्से में कही गई हो, लेकिन यह कॉर्पोरेट दुनिया की असलियत को उजागर करती है। सैलरी समय पर न मिलना एक गंभीर मुद्दा है और इससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है। ऐसे में कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और कर्मचारियों की मेहनत का सम्मान करना चाहिए।