14 अप्रैल 2025: Stock market will remain closed on Ambedkar Jayanti – जानिए इसका निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा
April 14, 2025
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हर साल डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के दिन देशभर में सरकारी दफ्तरों, बैंकों और शेयर बाजारों में अवकाश रहता है। इसी कड़ी में 14 अप्रैल 2025, सोमवार
हर साल डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के दिन देशभर में सरकारी दफ्तरों, बैंकों और शेयर बाजारों में अवकाश रहता है। इसी कड़ी में 14 अप्रैल 2025, सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों बंद रहेंगे। यह अवकाश BSE और NSE द्वारा जारी की गई सालाना छुट्टियों की सूची में पहले से निर्धारित है।
इस लेख में हम जानेंगे कि यह अवकाश क्यों मनाया जाता है, इसका शेयर बाजार और निवेशकों पर क्या असर पड़ सकता है, और आप इस छुट्टी का कैसे निवेश की दृष्टि से लाभ उठा सकते हैं।
कौन थे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर?
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। वह एक महान समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता और भारतीय संविधान के निर्माता थे। अंबेडकर ने जातिवाद के खिलाफ संघर्ष किया और समाज में समानता की स्थापना के लिए आजीवन कार्य किया। उनके योगदान के सम्मान में यह दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
शेयर बाजार में क्यों रहता है अवकाश?
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज हर वर्ष एक ट्रेडिंग हॉलिडे कैलेंडर जारी करते हैं, जिसमें त्योहारों, राष्ट्रीय छुट्टियों और विशेष अवसरों पर बाजार बंद रहने की जानकारी दी जाती है। 2025 के कैलेंडर में 14 अप्रैल – अंबेडकर जयंती को BSE और NSE दोनों में ट्रेडिंग हॉलिडे घोषित किया गया है।
यह अवकाश एक्सचेंज ट्रांजैक्शन, ट्रेडिंग, क्लियरिंग और सेटलमेंट सभी पर लागू होता है।
बाजार बंद रहने का निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा?
1. इंट्राडे ट्रेडर्स को ब्रेक मिलेगा:
जो निवेशक रोजाना ट्रेडिंग करते हैं (Day Traders), उन्हें इस दिन विश्राम मिलेगा। ये निवेशक बाजार में प्रतिदिन कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं, लेकिन छुट्टी वाले दिन ट्रेडिंग संभव नहीं होती।
2. ओवरनाइट पोजिशन पर प्रभाव:
जिन निवेशकों ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को कोई पोजिशन ली है, उन्हें अगला ट्रेडिंग अवसर 15 अप्रैल (मंगलवार) को मिलेगा। इसका मतलब है कि उनकी पोजिशन तीन दिन तक खुली रहेगी, जिससे ग्लोबल मार्केट में आए बदलाव का असर सीधे उनकी होल्डिंग्स पर पड़ेगा।
3. ग्लोबल मार्केट मूवमेंट पर नजर जरूरी:
भारतीय बाजार बंद होने के बावजूद अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में ट्रेडिंग जारी रहेगी, जिससे वहां के मूवमेंट्स का असर 15 अप्रैल को भारतीय बाजार के खुलने पर देखने को मिल सकता है।
4. क्रिप्टो और कमोडिटी मार्केट खुला रहेगा:
हालांकि शेयर बाजार बंद रहेगा, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी मार्केट और कुछ अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंज जैसे MCX (कुछ सेगमेंट्स) खुले रह सकते हैं। निवेशक इनसेगमेंट्स में अपनी रणनीति जारी रख सकते हैं।
क्या करें इस शेयर बाजार हॉलिडे के दिन?
बाजार बंद होने के बावजूद, एक समझदार निवेशक इस समय का उपयोग अपनी रणनीति को मजबूत करने में कर सकता है:
1. पोर्टफोलियो रिव्यू करें:
छुट्टी का दिन आपके निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा के लिए एक अच्छा मौका है। देखें कि आपकी होल्डिंग्स कैसा प्रदर्शन कर रही हैं, और क्या किसी शेयर को जोड़ने या निकालने की जरूरत है।
2. मार्केट एनालिसिस और रिसर्च:
आने वाले सप्ताह की ट्रेडिंग रणनीति बनाने के लिए रिसर्च करें। कंपनी रिजल्ट्स, आर्थिक आंकड़े, ग्लोबल इवेंट्स आदि पर नजर रखें।
3. नए IPO और SIP प्लान की योजना बनाएं:
अगर आप बाजार में नए हैं या नियमित निवेशक हैं, तो आप इस समय का उपयोग IPO कैलेंडर देखने और SIP प्लानिंग के लिए कर सकते हैं।
4. फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ाएं:
इस समय को शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, टैक्स प्लानिंग आदि से जुड़ी किताबें पढ़ने या यूट्यूब वीडियो देखने में लगाएं।
अगली शेयर बाजार छुट्टी कब है?
14 अप्रैल के बाद भारतीय शेयर बाजार में अगली छुट्टी 17 अप्रैल 2025 (गुरुवार) को राम नवमी के मौके पर होगी। निवेशकों को छुट्टियों की इस सूची पर नजर रखनी चाहिए ताकि वे अपनी ट्रेडिंग और निवेश योजनाएं ठीक से बना सकें।
ट्रेडिंग हॉलिडे के दौरान फाइनेंशियल सेवाओं पर असर
बैंकिंग सेवाएं: अधिकतर बैंक 14 अप्रैल को बंद रहेंगे। हालांकि, ऑनलाइन बैंकिंग और UPI सेवाएं सामान्य रहेंगी।
ब्रोकर प्लेटफॉर्म्स: ट्रेडिंग संभव नहीं होगी, लेकिन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स पर लॉगिन करके आप अपनी होल्डिंग्स देख सकते हैं और ऑर्डर प्लेस कर सकते हैं जो अगले ट्रेडिंग दिन पर निष्पादित होंगे।
म्यूचुअल फंड NAV अपडेट: उस दिन म्यूचुअल फंड की NAV अपडेट नहीं होगी।
निष्कर्ष
14 अप्रैल 2025 को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर BSE और NSE जैसे प्रमुख भारतीय शेयर बाजार बंद रहेंगे। यह एक दिन का अवकाश न केवल भारत के संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, बल्कि निवेशकों के लिए आत्ममंथन और रणनीति सुधारने का समय भी है।
इस समय को सही तरीके से उपयोग करके आप अपने निवेश निर्णयों को और अधिक मजबूत बना सकते हैं। याद रखें, बाजार भले ही एक दिन के लिए रुके, लेकिन स्मार्ट निवेश की योजना कभी नहीं रुकती।