चांदी बनेगी अगला इन्वेस्टमेंट सुपरस्टार: 2025 तक 2 लाख रुपये के लक्ष्य की ओर
- June 18, 2025
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चांदी में निवेश: 2025 तक 2 लाख रुपये किलो की उड़ान? बीते कुछ समय में चांदी की कीमतों ने निवेशकों और विशेषज्ञों दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा
चांदी में निवेश: 2025 तक 2 लाख रुपये किलो की उड़ान? बीते कुछ समय में चांदी की कीमतों ने निवेशकों और विशेषज्ञों दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा
चांदी में निवेश: 2025 तक 2 लाख रुपये किलो की उड़ान?
बीते कुछ समय में चांदी की कीमतों ने निवेशकों और विशेषज्ञों दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। मशहूर लेखक और निवेशक रॉबर्ट कियोसाकी का दावा है कि चांदी की कीमतें मौजूदा स्तर से दोगुनी हो सकती हैं और जल्द ही 2 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं। यह दावा भले ही आक्रामक लगे, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में मौजूद आर्थिक, औद्योगिक और भू-राजनीतिक स्थितियां इसे संभव बना सकती हैं।
कियोसाकी के अनुसार, वैश्विक व्यापारिक अस्थिरता, राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी चांदी की कीमतों को ऊपर ले जाने वाले प्रमुख फैक्टर हैं। चांदी को हमेशा से सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता रहा है, लेकिन अब यह केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है — इसकी औद्योगिक मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और सौर ऊर्जा जैसे ग्रीन एनर्जी सेक्टर्स में चांदी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। सौर पैनल और ईवी बैटरियों में चांदी की जरूरत इसे भविष्य की जरूरत बनाती है। इस मांग के चलते चांदी का बाजार और भी मजबूत हो रहा है।
जिगर त्रिवेदी (Reliance Securities) का कहना है कि COMEX पर चांदी 36–37 डॉलर प्रति औंस और MCX पर 1.10 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। उनका सुझाव है कि पोर्टफोलियो में 12–15% चांदी और 6–8% सोना शामिल किया जाना चाहिए ताकि निवेश को संतुलन और ग्रोथ दोनों मिलें।
जतिन त्रिवेदी (LKP Securities) का मानना है कि चांदी 2020 के बाद से एक मजबूत बुल रन में है। उन्होंने बताया कि 2025 में चांदी 1.20 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है, खासकर अगर रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य भू-राजनीतिक तनाव जारी रहते हैं।
उनका सुझाव है कि निवेशक “Buy on Dips” रणनीति अपनाएं — जब भी कीमतें थोड़ी गिरें, निवेश का मौका लें। इससे लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न संभव है।
आनंद राठी के नवीन माथुर बताते हैं कि हाल ही में चांदी ने 13 साल का सबसे बड़ा ब्रेकआउट दर्ज किया है। उनके अनुसार, अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहा तो चांदी 2025 की दूसरी छमाही तक सोने को भी पीछे छोड़ सकती है।
उनका अनुमान है कि MCX पर चांदी की कीमतें 1.15 लाख से 1.23 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में यह 50 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। भारत में इसका मतलब है करीब 1.50 लाख से 1.70 लाख रुपये प्रति किलो।
हालांकि 2 लाख रुपये प्रति किलो की कीमत थोड़ा आक्रामक अनुमान लगता है, लेकिन भारतीय विश्लेषकों के अनुसार चांदी में तेजी स्पष्ट दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़त धीरे-धीरे लेकिन ठोस आधारों पर आधारित होगी।
मुख्य कारण हैं:
चांदी एक ऐसा एसेट बनती जा रही है जो न सिर्फ सुरक्षित निवेश है, बल्कि भविष्य में शानदार रिटर्न भी दे सकती है। जिन निवेशकों को पोर्टफोलियो में विविधता चाहिए और जो ग्रोथ की तलाश में हैं, उनके लिए चांदी एक स्मार्ट, दीर्घकालिक रणनीति साबित हो सकती है।
Frequently Asked Questions
हाँ, विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक मांग, आपूर्ति में कमी और निवेश की सुरक्षा की वजह से कीमतें दीर्घकाल में इस स्तर तक पहुंच सकती हैं।
चांदी को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, खासकर भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर में।
सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ती मांग, डॉलर की कमजोरी, और मार्केट डेफिसिट इसके प्रमुख कारण हैं।
विशेषज्ञ 12–15% चांदी और 6–8% सोने की हिस्सेदारी की सलाह देते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार “Buy on Dips” यानी गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए क्योंकि दीर्घकाल में चांदी में रिटर्न की संभावनाएं मजबूत हैं।