Myanmar Earthquake Update: 20 फीट तक खिसकी धरती, जानें क्या बोले एक्सपर्ट्स
- April 21, 2025
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म्यांमार के मांडले के पास 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद वैज्ञानिकों ने एक हैरान करने वाली जानकारी साझा की है। वैज्ञानिकों के अनुसार
म्यांमार के मांडले के पास 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद वैज्ञानिकों ने एक हैरान करने वाली जानकारी साझा की है। वैज्ञानिकों के अनुसार
म्यांमार के मांडले के पास 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद वैज्ञानिकों ने एक हैरान करने वाली जानकारी साझा की है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस भूकंप ने सागाइंग फॉल्ट के पास जमीन को करीब 20 फीट (लगभग 6 मीटर) तक खिसका दिया है। यह इलाका भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के बीच स्थित एक प्रमुख फॉल्ट ज़ोन है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना इतिहास की सबसे बड़ी स्ट्राइक-स्लिप मूवमेंट्स में से एक मानी जा रही है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी की सेंटिनेल-1ए और सेंटिनेल-2बी/सी सैटेलाइट्स, नासा की जेट प्रोपल्शन लैब और क्लोटेक सिस्मोलॉजिकल लैबोरेटरी ने भूकंप से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया। इन तस्वीरों में देखा गया कि कुछ जगहों पर जमीन करीब 9 फीट (3 मीटर) तक, जबकि कई जगहों पर 20 फीट तक खिसक गई है।
उत्तराखंड डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ भूवैज्ञानिक पीयूष रौतेला ने बताया कि भूकंप के बाद जमीन का खिसकना या सतह का टूटना एक सामान्य भौगोलिक प्रक्रिया है। खासतौर पर जब भूकंप की तीव्रता बहुत अधिक हो, तो ऐसे परिणाम आमतौर पर देखे जाते हैं।
मांडले में आए इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई। हजारों इमारतें जमींदोज हो गईं, 3000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 4000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। कई लोग अब भी लापता हैं। भूकंप के झटकों को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किया गया।
गौरतलब है कि म्यांमार में इस साल कई बार भूकंप आ चुके हैं। अप्रैल महीने में भी कई झटके दर्ज किए गए, जिनमें से 13 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता 5.5 रही। हालांकि, उस समय कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने इसे लेकर कोई गंभीर चेतावनी जारी नहीं की थी।
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