भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 से 11 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच भारी तनाव उत्पन्न हो गया। दोनों देशों की सीमाओं पर लगातार सैन्य गतिविधियों में तेजी देखी गई। इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों को निशाना बनाया गया।
भारत ने भी पाकिस्तान की इस हरकत का कड़ा जवाब दिया और अपनी वायुसेना के जरिए कई अहम पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी तोड़ते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने खुद यह स्वीकार किया है कि भारत की तरफ से की गई जवाबी सैन्य कार्रवाई के बारे में उन्हें सीधे पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल सैयद असीम मुनीर ने रात 2:30 बजे फोन कर जानकारी दी थी। शहबाज शरीफ ने बताया कि भारत की वायुसेना ने नूर खान एयरबेस समेत कुछ अन्य अहम पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को टारगेट किया था और इस हमले से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ।
भारतीय हमले और पाकिस्तानी जवाबी कार्रवाई का खुलासा
शहबाज शरीफ ने कहा, “9-10 मई की रात करीब 2:30 बजे मेरे पास जनरल असीम मुनीर का कॉल आया। वह कॉल सिक्योर लाइन पर था। उन्होंने मुझे बताया कि भारत की तरफ से बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई हैं और वे नूर खान एयरबेस और आसपास के इलाकों में गिरी हैं। इसके अलावा भी कई अन्य इलाकों को निशाना बनाया गया है। हमारी वायुसेना तुरंत एक्शन में आई और देश की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए गए। हमने स्वदेशी तकनीकों के साथ-साथ चीन से आए अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में लगे आधुनिक गैजेट्स का भी इस्तेमाल किया। इस तकनीकी समन्वय के कारण हम दुश्मन के हमले को रोकने में सक्षम रहे।”
शरीफ का यह बयान उस समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन चुके थे। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की सेना ने भी इस हमले का जोरदार जवाब दिया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने न केवल भारतीय हमले को रोका, बल्कि जवाबी कार्रवाई में भारतीय सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया। “हर तरफ आज इसी बात की चर्चा हो रही है कि पाकिस्तान की सेना ने किस प्रकार भारत को करारा जवाब दिया। पठानकोट, उधमपुर और अन्य कई स्थानों पर हमारी सेनाओं ने सटीक हमला किया, जिससे दुश्मनों को छिपने की जगह तक नहीं मिली।”
सीजफायर प्रस्ताव और शांति की दिशा में बढ़ते कदम
शहबाज शरीफ ने बताया कि वह सुबह के समय स्विमिंग के लिए जा रहे थे और सिक्योर फोन अपने साथ ले गए थे। उसी दौरान उन्हें फिर से जनरल असीम मुनीर का कॉल आया। जनरल ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई इतनी प्रभावशाली रही कि अब भारत की तरफ से सीजफायर की पेशकश की जा रही है। “मैंने जनरल से कहा कि इससे बड़ी जीत और क्या हो सकती है? आपने भारत को ऐसा तमाचा मारा है कि अब वह युद्ध से पीछे हटना चाहता है। यह हमारी सैन्य शक्ति और रणनीतिक निर्णय क्षमता की जीत है। अब आप इस सीजफायर के प्रस्ताव पर देर न करें और इसे स्वीकार कर लें।”
शहबाज शरीफ के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हालात कितने तनावपूर्ण थे दोनों देशों की सेनाओं के बीच किस स्तर की कार्रवाई हुई। भारत की तरफ से किए गए हमले इतने सटीक और ताकतवर थे कि पाकिस्तान की सबसे अहम एयरबेस में से एक – नूर खान एयरबेस पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा। वहीं पाकिस्तान ने भी दावा किया कि उन्होंने भारत की कई सैन्य गतिविधियों को जवाब दिया और बड़ी क्षति पहुंचाई।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की इस स्वीकारोक्ति ने यह भी साफ कर दिया कि भारत की सैन्य योजना और उसके क्रियान्वयन में उच्च स्तर की दक्षता रही। यह पहली बार है जब पाकिस्तान की ओर से सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया गया कि भारत की वायुसेना ने इस तरह से पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया और उनके उच्च अधिकारियों को रातों की नींद हराम करनी पड़ी।
शहबाज शरीफ का यह भी कहना था कि पाकिस्तान अब पहले की तुलना में ज्यादा तैयार और तकनीकी रूप से सक्षम है। “हमारी वायुसेना अब पूरी तरह से आधुनिक हो चुकी है। हमने न सिर्फ अपने दम पर स्वदेशी तकनीक विकसित की है, बल्कि चीन, तुर्की और अन्य सहयोगी देशों के साथ मिलकर अपनी सैन्य क्षमताओं को काफी बढ़ा लिया है। हम अब किसी भी चुनौती का डटकर मुकाबला कर सकते हैं।”
दोनों देशों के बीच युद्ध नहीं, संवाद ही एकमात्र समाधान
हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि युद्ध से केवल विनाश होता है और दोनों देशों को अब कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के जरिए समाधान की दिशा में बढ़ना चाहिए। “भारत और पाकिस्तान के बीच शांति सिर्फ तभी संभव है जब दोनों देश युद्ध नहीं, संवाद को प्राथमिकता दें। हमने अपना जवाब दे दिया, अब हमें शांति बहाल करनी चाहिए।”
इस घटनाक्रम से यह भी संकेत मिलते हैं कि भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसे सैन्य टकराव और भी गंभीर हो सकते हैं, अगर दोनों पक्षों के बीच संवाद और कूटनीति को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की सैन्य क्षमता का परिचायक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत किसी भी आक्रमण का पूरी ताकत से जवाब देने के लिए तैयार है।
इस पूरे प्रकरण ने वैश्विक स्तर पर भी चिंता पैदा कर दी है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने और शांति स्थापित करने की अपील की है। लेकिन फिलहाल, इस खुलासे से एक बात तो तय है कि भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को सोचने पर मजबूर कर दिया और सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से नहीं, बल्कि भारत की रणनीति के प्रभाव के कारण ही संभव हो सकी।
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