Sensex Tumbled, Nifty Crashed : शेयर मार्केट का काला सोमवार
- April 7, 2025
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टैरिफ के ऐलान के बाद बाजार में मची अफरातफरी, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट, निवेशकों को हुआ बड़ा नुकसान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने की घोषणा के
टैरिफ के ऐलान के बाद बाजार में मची अफरातफरी, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट, निवेशकों को हुआ बड़ा नुकसान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने की घोषणा के
टैरिफ के ऐलान के बाद बाजार में मची अफरातफरी, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट, निवेशकों को हुआ बड़ा नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल मची हुई है। ब्लैक मंडे की आशंका के बीच सोमवार सुबह जैसे ही भारतीय शेयर बाजार खुले, सेंसेक्स में करीब 3300 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जो लगभग 4.70% की गिरावट को दर्शाता है। वहीं, निफ्टी भी करीब 1000 अंक टूट गया। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 19.39 लाख करोड़ रुपये घट गया, यानी निवेशकों की संपत्ति में भारी नुकसान हुआ।
बीएसई सेंसेक्स 3379.19 अंक यानी 4.48% की गिरावट के साथ 72,623 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी-50 1056.05 अंकों यानी 4.61% की गिरावट के साथ 21,848.40 पर आ गया। वैश्विक बाजारों की बात करें तो एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट देखी गई। हांगकांग के बाजार में 10% तक की गिरावट आई, जबकि चीन और जापान के बाजार करीब 6% तक गिरे। अमेरिका में भी गिरावट का दौर जारी रहा, जहां S&P और Nasdaq में लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई और Dow Futures 900 अंक नीचे आया। जापान के निक्केई इंडेक्स में बाजार खुलते ही 225 अंकों की गिरावट देखी गई।
ऑस्ट्रेलिया के S&P 200 में 6.5% की गिरावट दर्ज की गई और वह 7184.70 पर पहुंच गया, वहीं दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 5.5% गिरकर 2328.52 पर आ गया। इससे पहले अमेरिकी Nasdaq में शुक्रवार को करीब 7% की गिरावट आई थी, जो 2020 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट रही।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अभी शुरुआती है। यदि हालात नहीं सुधरे, तो अमेरिका का बाजार 1987 जैसे ऐतिहासिक क्रैश का शिकार हो सकता है। मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा विभिन्न देशों पर शुल्क लगाए जाने से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और मंदी का खतरा गहराता जा रहा है।
सिंघानिया ने आगे बताया कि इस सप्ताह चीन का मार्च महीना का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) गुरुवार को और ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) शुक्रवार को जारी होगा। साथ ही, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 9 अप्रैल को होनी है, जिससे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके अलावा, 10 अप्रैल से TCS के नतीजों के साथ कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों की शुरुआत होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, रुपये की डॉलर के मुकाबले चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी बाजार की नजर रहेगी।
इसी बीच, अमेरिकी टीवी पर्सनालिटी और शेयर बाजार विशेषज्ञ जिम क्रेमर ने चेतावनी दी है कि यदि ट्रंप ने उन देशों से संपर्क नहीं किया जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो सोमवार 7 अप्रैल 1987 जैसा ब्लैक मंडे दोबारा आ सकता है। अपने शो Mad Money में उन्होंने कहा कि यह शेयर बाजार के लिए सबसे खराब दिन साबित हो सकता है।
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