Tech

15 जुलाई से बदलेंगे SBI क्रेडिट कार्ड के नियम: जानिए नया मिनिमम अमाउंट ड्यू सिस्टम और उसका असर

  • July 3, 2025
  • 0

अगर आप SBI क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। 15 जुलाई 2025 से SBI Cards and Payment Services मिनिमम अमाउंट ड्यू

अगर आप SBI क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। 15 जुलाई 2025 से SBI Cards and Payment Services मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) के कैलकुलेशन के तरीके में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव का सीधा असर हर कार्ड यूज़र की जेब पर पड़ेगा।

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि यह नया नियम क्या है, यह क्यों लाया गया है, इसका आपकी मासिक भुगतान पर क्या असर होगा और आप इससे कैसे निपट सकते हैं।

क्या होता है मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD)?

मिनिमम अमाउंट ड्यू वह न्यूनतम राशि होती है जिसे कार्डधारक को हर महीने अपनी बिलिंग साइकिल की अंतिम तिथि तक चुकाना होता है। यदि आप यह राशि चुका देते हैं तो आपका खाता डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं आता और आपका क्रेडिट स्कोर सुरक्षित रहता है।

लेकिन यह ध्यान देना जरूरी है कि केवल MAD चुकाने से ब्याज दरें लागू रहती हैं और कुल बकाया राशि पर ब्याज बढ़ता रहता है।

क्या है नया नियम?

SBI ने अपने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए नए मिनिमम अमाउंट ड्यू कैलकुलेशन सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया है, जो 15 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा।

नए नियम के तहत MAD में अब शामिल होंगे:

  1. पूरी EMI राशि (यदि लागू हो)
  2. सभी फीस और चार्जेस
  3. फाइनेंस चार्ज (ब्याज)
  4. GST की पूरी राशि
  5. ओवरलिमिट अमाउंट (यदि कोई हो)
  6. कुल बकाया का 2% हिस्सा

इसका मतलब है कि अब केवल आंशिक भुगतान करके काम नहीं चलेगा। आपको उपरोक्त सभी कंपोनेंट्स को मिलाकर एक बड़ी MAD राशि चुकानी होगी।

उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपके SBI कार्ड पर निम्नलिखित बकाया है:

  • कुल बकाया: ₹1,00,000
  • फाइनेंस चार्ज: ₹10,000
  • फीस और अन्य चार्जेस: ₹3,000
  • GST: ₹3,000

तो नया मिनिमम अमाउंट ड्यू होगा:
₹10,000 (फाइनेंस चार्ज) + ₹3,000 (फीस) + ₹3,000 (GST) + ₹2,000 (2% बकाया) = ₹18,000

पुराने नियम के अनुसार यह राशि कम होती थी, लेकिन अब इससे अधिक MAD भरना अनिवार्य होगा।

इस बदलाव का प्रभाव क्या होगा?

फायदे:

  • ग्राहक लंबी अवधि तक कर्ज में नहीं फंसेंगे।
  • क्रेडिट स्कोर को सुधारने में मदद मिलेगी।
  • जिम्मेदार क्रेडिट उपयोग की आदत बढ़ेगी।

नुकसान:

  • हर महीने अधिक राशि भुगतान करनी होगी।
  • EMI और चार्जेस से मासिक बोझ बढ़ेगा।

कार्डधारक क्या करें?

  1. बिलिंग स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ें: सभी चार्जेस और ब्याज पर नजर रखें।
  2. समय पर भुगतान करें: लेट पेमेंट से बचें, जिससे फाइनेंस चार्ज और पेनल्टी न लगे।
  3. ईएमआई योजनाओं को ट्रैक करें: यदि आपने कोई खर्च EMI पर किया है, तो उसके अनुसार मासिक योजना बनाएं।
  4. क्रेडिट लिमिट का ध्यान रखें: ओवरलिमिट चार्जेस से बचें।
  5. ऑटो-डेबिट सुविधा का इस्तेमाल करें: ताकि भुगतान समय पर हो सके।

SBI का मकसद क्या है?

SBI का मानना है कि यह नियम ग्राहकों को अधिक जिम्मेदार क्रेडिट कार्ड यूज़र बनने में मदद करेगा। इससे केवल ब्याज वसूलने का उद्देश्य नहीं है, बल्कि यूज़र्स को फाइनेंशियल प्लानिंग में मदद देना भी है।

निष्कर्ष

15 जुलाई 2025 से लागू होने वाला यह नया नियम आपके क्रेडिट कार्ड के उपयोग और भुगतान की आदतों में बड़ा बदलाव ला सकता है। यदि आप समय पर और पूरा भुगतान करने की आदत बना लें, तो आप न सिर्फ ब्याज बचा सकते हैं, बल्कि क्रेडिट स्कोर भी मजबूत रख सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *