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Russia-Ukraine War Update: रूस ने फिर ठुकराया सीजफायर प्रस्ताव, जेलेंस्की बोले– अमेरिका से नहीं आया कोई जवाब

  • April 7, 2025
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को दो साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा। मार्च 2025

Russia-Ukraine War Update: रूस ने फिर ठुकराया सीजफायर प्रस्ताव, जेलेंस्की बोले– अमेरिका से नहीं आया कोई जवाब

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को दो साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा। मार्च 2025 में अमेरिका की ओर से लाया गया 30 दिनों का पूर्ण युद्धविराम प्रस्ताव भी अब असफल होता दिख रहा है, क्योंकि रूस ने इसे सिरे से नकार दिया है। यूक्रेन की सहमति के बावजूद रूस का रुख स्पष्ट संकेत देता है कि फिलहाल शांति की कोई संभावना नहीं है।

अमेरिका के प्रस्ताव को रूस ने किया खारिज

मार्च में अमेरिका ने दोनों देशों के बीच 30 दिनों के सीजफायर का प्रस्ताव रखा था, जिसका उद्देश्य था मानवीय सहायता पहुंचाना और कूटनीतिक बातचीत का रास्ता खोलना। यूक्रेन इस प्रस्ताव के लिए राज़ी हो गया था, लेकिन रूस ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि युद्धविराम का कोई “वास्तविक आधार” नहीं है और यह सिर्फ एक दिखावा है।

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जेलेंस्की का दर्द: “हम इंतजार कर रहे हैं”

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने ताज़ा बयान में कहा,

“हम अमेरिका से जवाब का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हम शांति चाहते हैं लेकिन हमारे प्रस्तावों का सम्मान नहीं हो रहा।”

उनका यह बयान वैश्विक मंच पर यूक्रेन की बेचैनी और निराशा को दर्शाता है। ज़ेलेंस्की ने पहले भी कई बार कहा है कि यदि रूस वाकई में शांति चाहता है, तो उसे कदम उठाने होंगे – लेकिन बार-बार सिर्फ यूक्रेन से अपेक्षा रखना अनुचित है।

सीमित संघर्षविराम भी बना विवाद

हालांकि पूर्ण युद्धविराम अस्वीकार कर दिया गया है, लेकिन दोनों पक्षों ने ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों में सीमित विराम लगाने पर सहमति जताई थी। लेकिन इसमें भी विवाद खड़ा हो गया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर इस सहमति के उल्लंघन का आरोप लगाया है:

  • रूस ने दावा किया कि यूक्रेनी सेना ने उनके पावर ग्रिड पर मिसाइलें दागीं।
  • यूक्रेन ने जवाब में कहा कि रूस ने प्रमुख ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया।

इससे साफ है कि युद्ध अब न सिर्फ ज़मीन पर लड़ा जा रहा है, बल्कि ऊर्जा और अर्थव्यवस्था के स्तर पर भी टकराव जारी है।

क्या आगे भी शांति की कोई उम्मीद है?

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम पर रूस की असहमति से यह स्पष्ट हो गया है कि युद्ध जल्द खत्म होने की उम्मीद कम ही है। रूस अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है, जबकि यूक्रेन पश्चिमी देशों से और अधिक सैन्य समर्थन की उम्मीद कर रहा है।

निष्कर्ष:
रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर को लेकर हालिया घटनाएं बताती हैं कि दोनों पक्षों के बीच विश्वास की भारी कमी है। अमेरिका की मध्यस्थता फिलहाल विफल होती नजर आ रही है और जेलेंस्की के शब्दों से झलक रही निराशा आने वाले समय में संघर्ष और बढ़ने की आशंका को बल देती है।

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