Retaliatory Tariffs Will Be Implemented in America From Today: भारत समेत कई देशों पर प्रभाव
April 2, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज (2 अप्रैल 2025) से Reciprocal Tariff लागू करने का ऐलान किया है। इस कदम से वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज (2 अप्रैल 2025) से Reciprocal Tariff लागू करने का ऐलान किया है। इस कदम से वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है और कई देशों की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। व्हाइट हाउस ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से इस नीति पर विचार कर रहे थे और अब इसे आधिकारिक रूप से लागू किया जा रहा है।
क्या है Reciprocal Tariff?
Reciprocal Tariff का मतलब है कि अमेरिका उन देशों पर समान टैरिफ लगाएगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाते हैं। यानी अगर कोई देश अमेरिका के उत्पादों पर 20% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश के उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। इससे अमेरिकी कंपनियों को विदेशी बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी और घरेलू उत्पादकों को संरक्षण मिलेगा।
किन देशों पर पड़ेगा असर?
इस नीति का प्रभाव कई देशों पर पड़ेगा, जिनमें भारत, चीन, यूरोपियन यूनियन, कनाडा और मैक्सिको शामिल हैं। खासतौर पर भारत और चीन पर इसका सीधा असर होगा क्योंकि इन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा काफी अधिक है।
भारत पर प्रभाव
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं, लेकिन इस टैरिफ नीति से भारतीय उद्योगों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात, जैसे कि टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल्स, स्टील, ऑटोमोबाइल और आईटी सेवाएं, इस नए टैरिफ नियम से प्रभावित हो सकते हैं।
भारतीय निर्यातकों पर असर – अमेरिका भारतीय उत्पादों पर अधिक शुल्क लगा सकता है, जिससे भारत से निर्यात कम हो सकता है।
शेयर बाजार पर प्रभाव – टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता देखी गई है।
आईटी सेक्टर पर असर – भारत का आईटी सेक्टर अमेरिकी बाजार पर निर्भर है, और नए टैरिफ से इस उद्योग को झटका लग सकता है।
वैश्विक व्यापार पर असर
इस नीति से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध (Trade War) शुरू होने की आशंका बढ़ गई है। कई देशों ने अमेरिका के इस कदम पर असहमति जताई है और संभावित जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। यदि अन्य देश भी अमेरिका के खिलाफ समान टैरिफ लागू करते हैं, तो इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लीविट ने कहा कि यह निर्णय अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करने और घरेलू कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थिति में लाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस दिन को ‘लिबरेशन डे’ के रूप में मना रहे हैं क्योंकि यह अमेरिका की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या हो सकते हैं संभावित परिणाम?
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अस्थिरता – व्यापारिक संबंधों में बदलाव से बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
भारतीय उद्योगों के लिए नई रणनीति की जरूरत – भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए नई रणनीति अपनानी होगी।
अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर – बढ़ते टैरिफ के कारण अमेरिका में कई उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करना पड़ेगा।
वैश्विक व्यापार समझौतों पर प्रभाव – यह निर्णय कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौतों को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
Reciprocal Tariff लागू करने के अमेरिका के फैसले से वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। भारत समेत कई देशों को इस नीति से नुकसान हो सकता है, जबकि अमेरिका अपने उद्योगों को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य देश इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं और वैश्विक व्यापार पर इसका कितना व्यापक प्रभाव पड़ता है।